Edited By Anil Jangid, Updated: 29 Dec, 2025 01:56 PM

जयपुर। अरावली पर्वत श्रृंखला की परिभाषा तय करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। गहलोत ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 20 नवंबर के आदेश पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह...
जयपुर। अरावली पर्वत श्रृंखला की परिभाषा तय करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। गहलोत ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 20 नवंबर के आदेश पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह निर्णय पर्यावरण और अरावली पर्वत की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
अशोक गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि “अरावली की परिभाषा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश स्वागत योग्य है।” उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान पर्यावरणीय परिस्थितियों को देखते हुए यह आवश्यक है कि अरावली को लेकर अगली शताब्दी तक की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए जाएं। गहलोत ने इसे भविष्य के लिए एक सकारात्मक और दूरदर्शी कदम बताया।
गहलोत ने पर्यावरण मंत्री से भी अपेक्षाएं जताते हुए कहा कि उन्हें अब पर्यावरण के हित में काम करने की सोच रखनी चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से सरिस्का सहित पूरे अरावली क्षेत्र में खनन गतिविधियों को बढ़ाने की सोच को भविष्य के लिए खतरनाक बताया। उनका कहना था कि यह क्षेत्र न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि जैव विविधता और जीवन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
अशोक गहलोत ने इस मुद्दे पर अपनी मुहिम में साथ जुड़ने के लिए सभी का आभार भी व्यक्त किया और कहा कि यह मुद्दा केवल एक क्षेत्र विशेष का नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश और देश का है।
गहलोत का यह बयान अरावली के संरक्षण को लेकर राज्य सरकार और अन्य दलों के साथ होने वाली चर्चाओं में अहम मोड़ ला सकता है, क्योंकि अरावली क्षेत्र में खनन को लेकर पहले भी कई बार विवाद उठ चुके हैं।