Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 31 Oct, 2025 08:20 PM

दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने की सॉलिसिटर जनरल की अपील खारिज कर दी।
दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने की सॉलिसिटर जनरल की अपील खारिज कर दी। न्यायालय ने राज्यों द्वारा निर्देशों का पालन न करने पर गहरी नाराजगी जताई और कहा कि मुख्य सचिवों को स्वयं आकर बताना होगा कि अनुपालन हलफनामे क्यों दाखिल नहीं किए गए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका की खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा की गई उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने आवारा कुत्तों के मामले ( Stray Dogs matter) में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से छूट देने का अनुरोध किया था। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने इस अनुरोध को अस्वीकार करते हुए कहा कि मुख्य सचिवों को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना ही होगा। बेंच ने राज्यों द्वारा न्यायालय के निर्देशों का पालन न करने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की।
अदालत ने कहा- चीफ सेक्रेटरी को फिजिकली पेश होना होगा
जस्टिस विक्रम नाथ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि उन्हें (चीफ सेक्रेटरी) फिजिकली पेश होना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि न्यायालय को ऐसे मुद्दों पर समय बर्बाद करना पड़ रहा है, जिनका समाधान वर्षों पहले ही नगर निगमों और राज्य सरकारों द्वारा किया जाना चाहिए था। संसद नियम बनाती है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।पिछले 27 अक्टूबर को मुख्य सचिवों को तलब किया था . गौरतलब है कि 27 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय ने पशु जन्म नियंत्रण नियमों (Animal Birth Control Rules) को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में हलफनामे दाखिल न करने पर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर) के मुख्य सचिवों को तलब किया था. न्यायालय ने पाया था कि तब तक केवल पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम ने ही 22 अगस्त के आदेश के अनुपालन में हलफनामे दाखिल किए हैं। इसलिए, न्यायालय ने बाकी सभी डिफॉल्टिंग (defaulting) राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को अगले सोमवार को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया, ताकि वे बता सकें कि आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ।