Edited By Kailash Singh, Updated: 22 Jul, 2025 03:19 PM

नगर विकास न्यास द्वार मास्टर प्लान 2035 में जोनल प्लान ई-2 का ड्राफ्ट जारी करने के बाद अब शहर में नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। विधायक अशोक कोठारी ने इस ड्राफ्ट में 13 प्रकार की विसंगतियां बताते हुए इसे निरस्त करने की नगरिया विकास मंत्री...
भीलवाड़ा। नगर विकास न्यास द्वार मास्टर प्लान 2035 में जोनल प्लान ई-2 का ड्राफ्ट जारी करने के बाद अब शहर में नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। विधायक अशोक कोठारी ने इस ड्राफ्ट में 13 प्रकार की विसंगतियां बताते हुए इसे निरस्त करने की नगरिया विकास मंत्री (यूडीएच) झाबर सिंह खर्रा पत्र लिख मांग की है। वहीं, पूर्व विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी ने कोठारी पर भू-माफियाओं से मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए। इससे अब शहर में यह भी चर्चा का विषय बन गया है कि सही कौन है।
*550 आपत्तियां दर्ज हुई*
मिली...जोनल प्लान ई-2 को लेकर यूआईटी को अब तक की सबसे ज्यादा 550 आपत्तियां प्राप्त हुई। इनमें 160 आपत्तियां अंतिम दिन सोमवार को आई। अधिकांश आपत्तियों में लोगों ने बताया कि जोनल प्लान ई-2 में खसरा नंबर नहीं दर्शाया गया है, ऐसे में आराजी इंपोज के साथ प्लान बनाया जाए। वहीं आराजी का पूर्व के नंबरों में व्यवसायिक बताया, लेकिन प्रस्तावित ड्राफ्ट में यह स्थिति स्पष्ट नहीं है। ड्राफ्ट में अधिकांश कृषि भूमि को ग्रीन बेल्ट या सरकारी उपयोग के लिए दर्शाया है। प्रस्तावित जोनल प्लान में शहर के विकास के लिए और हर व्यक्ति को आवासीय, व्यवसायिक व अन्य सेवाओं की सरलता से उपलब्ध कराने के लिए प्लान में संशोधन की मांग की गई।
पूर्व विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी ने कहा कि जोनल प्लान ई-2 का ड्राफ्ट 10 साल से अटका हुआ है। अब इसे जल्द अनुमोदित किया जाना चाहिए। अवस्थी ने पत्र में लिखा कि वर्ष 2016 में भीलवाड़ा मास्टर प्लान 2035 को मगर मिल गई थी। लेकिन जोनल प्लान ई-2 के तहत आने वाली जमीनों का भू-उपयोग तय नहीं होने से क्षेत्र का विकास 10 साल से रुका हुआ है। धारा 90-ए की कार्यवाही भी नहीं हो जा रही थी। इससे 2,111 हैक्टर यानी करीब 8,500 बीघा जमीन का भू रूपांतरण नहीं हो सका। न तो शहर का विकास हो पाया, न ही नगर विकास न्यास को राजस्व मिला। पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि स्थानीय निर्दलीय विधायक भू माफियाओं के साथ मिलकर जोनल प्लान ई-2 को निरस्त कराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ भू-माफिया और निर्दलीय विधायक की जमीन कुल भूमि का केवल 5 प्रतिशत हिस्सा है। विधायक अशोक कोठारी की खुद की 100 बीघा जमीन भी इस प्लान में आती है। उनका आरोप है कि कोठारी अपनी जमीन का भू-उपयोग मनपसंद नहीं होने से कुछ भू-माफियाओं के साथ मिलकर प्लान को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। अवस्थी ने कहा कि यह कार्यवाही नियमानुसार नहीं है।
नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा को लिखे पत्र में विधायक कोठारी ने जोनल प्लान ई-2 के ड्राफ्ट में कई विसंगतियां गिनाई। उन्होंने बताया कि हाल ही में धारा 32 हटाकर नया सेक्टर प्लान जारी कर दिया गया, जो नियमों के खिलाफ है। न्यास के पास बेस मैप, मौके की स्थिति, राजस्व नक्शा और सरकारी जमीनों का रिकॉर्ड मौजूद है। इसके बावजूद । जुलाई को बिना आधार के नक्शा वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया। नक्शे में मास्टर प्लान की सड़कों की स्थिति स्पष्ट नहीं है। गांवों की सीमाएं और आबादी क्षेत्र नहीं दर्शाए गए हैं। विद्या कॉलेज, पुस्तक वितरण केंद्र,
कृषि उपज मंडी, महिला छात्रावास जैसे निर्माण भी प्लान में नहीं दिखाए। सेक्टर ई-2 क्षेत्र में बीघा भूमि के लेआउट प्लान न्यास द्वारा स्वीकृत किए गए थे। लेकिन नए प्लान में इन को हटा दिया गया। 30 जून को हाई लेवल लिए तीन खातेदारों से समझौते के आधार पर जमीन ली गई। इसके नंबरो में मास्टर प्लान की सड़कों को जोड़ा गया। लेकिन एक दिन बाद 1 जुलाई को कही सड़कें हटा दी गईं और वहां करीब 1000 फीट चौड़ी हरी पट्टी दिखाकर नक्शा वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया।