Edited By Kailash Singh, Updated: 06 Aug, 2025 04:34 PM

राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ द्वारा राज्यसभा में उठाए गए एक महत्वपूर्ण प्रश्न ने बाड़मेर रिफाइनरी परियोजना की प्रगति, पारदर्शिता और व्यापक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव को राष्ट्रीय मंच पर फिर से केंद्र में ला दिया है। उनके इस प्रश्न के जवाब में पेट्रोलियम और...
बाड़मेर रिफाइनरी का कार्य 90 फीसदी से अधिक हुआ पूर्ण-मदन राठौड़
जयपुर , 06 अगस्त 25। राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ द्वारा राज्यसभा में उठाए गए एक महत्वपूर्ण प्रश्न ने बाड़मेर रिफाइनरी परियोजना की प्रगति, पारदर्शिता और व्यापक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव को राष्ट्रीय मंच पर फिर से केंद्र में ला दिया है। उनके इस प्रश्न के जवाब में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने जो तथ्य प्रस्तुत किए, वे न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय हैं। राज्यमंत्री सुरेश गोपी ने जानकारी दी कि पचपदरा (बाड़मेर) में निर्माणाधीन राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (आरआरएल) की यह परियोजना 15 जुलाई 2025 की स्थिति के अनुसार 90.3 फीसदी पूर्ण हो चुकी है। इस रिफाइनरी में क्रूड डिस्टिलेशन यूनिट (सीडीयू), वैक्यूम डिस्टिलेशन यूनिट (वीडीयू), फ्यूल हाइड्रोट्रीटिंग यूनिट (एफएचटीयू), डीजल हाइड्रोट्रीटिंग यूनिट (डीएचटीयू) समेत कई अत्याधुनिक संयंत्रों का निर्माण किया गया है। यह परियोजना तकनीकी उत्कृष्टता, निर्माण गुणवत्ता और समयबद्ध क्रियान्वयन का उदाहरण बन चुकी है।
राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि अब तक इस परियोजना पर 52,877 करोड़ से अधिक की पूंजी निवेश हो चुकी है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से 35,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। यह राजस्थान जैसे राज्य के लिए न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक रूप से भी अत्यंत सकारात्मक परिवर्तन लेकर आया है। आसपास के ग्रामीण इलाकों में आज जीविका, कौशल विकास और बुनियादी ढांचे का अभूतपूर्व विस्तार देखने को मिल रहा है।परियोजना के लिए पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए) किया गया है, जिसके पश्चात ही इसकी मंजूरी प्रदान की गई। साथ ही सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन भी कर लिया गया है, और सभी आवश्यक मानकों तथा दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया गया है। यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार और परियोजना संचालक न केवल औद्योगिक विकास बल्कि प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा और सामाजिक उत्तरदायित्व को भी बराबर महत्व दे रहे हैं। यह रिफाइनरी परियोजना 31 मार्च 2026 तक वाणिज्यिक संचालन के लिए तैयार हो जाएगी। इसके बाद भारत के ऊर्जा क्षेत्र में आयात निर्भरता घटेगी, पेट्रोलियम उत्पादों की घरेलू आपूर्ति बढ़ेगी और विदेशी मुद्रा की बड़ी बचत होगी।
राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि बाड़मेर रिफाइनरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया, और विकसित भारत @2047 के संकल्पों को साकार करने वाली एक महत्त्वपूर्ण आधारशिला है। यह परियोजना न केवल रोजगार सृजन कर रही है, बल्कि राजस्थान को भारत के ऊर्जा मानचित्र पर अग्रणी स्थान पर ले जाने की ओर एक निर्णायक कदम है। यह रिफाइनरी भविष्य में भारत की पेट्रोलियम ज़रूरतों को पूरा करने के साथ-साथ निर्यात क्षमताओं को भी बढ़ावा देगी। इसके माध्यम से राजस्थान वैश्विक निवेश, तकनीकी सहयोग और टिकाऊ विकास का केंद्र बनेगा। बाड़मेर रिफाइनरी की सफलता से यह सिद्ध होता है कि जब राजनीति में ईमानदारी, नीति में दूरदृष्टि और क्रियान्वयन में पारदर्शिता होती है, तब विकास की गंगा मरुस्थल में भी बह सकती है। यह परियोजना केवल एक रिफाइनरी नहीं, बल्कि रोजगार, तकनीकी सशक्तिकरण और राष्ट्रीय गौरव की मिसाल है