Edited By Afjal Khan, Updated: 21 Sep, 2023 05:14 PM
आसान भाषा में कहें तो डब्बा ट्रेडिंग एक तरह का सट्टा है, जो शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव के आधार पर चलता तो है पर शेयर मार्केट से इसका सीधा कोई कनेक्शन नहीं है। जैसे स्टॉक ब्रोकर होते हैं
सिरोही-| अगर ये डब्बा ट्रेडिंग शब्द आपको इंटरेस्टिंग लग रहा है और अगर आप इसमें हाथ आजमाने का मन बना रहे हैं, तो रुक जाइए, क्योंकि डब्बा ट्रेडिंग में हाथ आजमाने का मतलब देश की ब्लैक इकॉनमी में अपना योगदान देना है। सिरोही ज़िले के आबूरोड़ क्षेत्र में डब्बा ट्रेडिंग जुए व सट्टाबाजो ने अपनी जड़े बहुत गहरी जमा दी है। पूर्व में पुलिस ने महज़ औपचारिक कार्रवाई करते हुये आबूरोड़ सिटी थाना और आबूरोड़ रीको थाना क्षेत्र में कुछ जुआरियों को गिरफ्तार किया था। जिनके विरूद्ध थानों में में प्रकरण सूचीबद्ध है। इससे यह तो प्रमाणित हो चुका है कि यह गिरोह क्षेत्र में डब्बा ट्रेडिंग जुए व सट्टे का अवैध धन्धा लम्बे अर्से से चला रहा है। यदि पुलिस द्वारा सघनता से जांच पड़ताल करके पूर्व में पकड़े गये डब्बा ट्रेडिंग के अवैध धंधे के आरोपियों की कॉल डिटेल्स टटोले या निकाले तो इस गिरोह के तार किस किस से जुड़े हुए हैं उसका भी राजफाश सम्भव है..! यदि कॉल डिटेल्स निकलती है तो डब्बा ट्रेडिंग जुए सट्टे से जुड़े कई छुपे रहस्य बाहर आने की भी प्रबल संभावना है..! जिसके तहत इस डब्बा ट्रेडिंग में कौन कौन लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त है। और इनके तार गुजरात भीनमाल व ब्यावर ओर कहा कहा जुड़े हुए हैं उसका भी राज खुल सकता है..? बस आवश्यकता ईमानदारी से जाँच करने की है। जिससे कई रहस्य बाहर आ सकते हैं.
पुलिस अधीक्षक सिरोही को दिखानी होगी गम्भीरता..?
सिरोही पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा मैत्रेयी युवा व कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी है। जिन्हें सिरोही पुलिस की कमान संभाले अभी कुछ महीनों का ही समय हुआ है। आते ही उन्होंने अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने का भी निरन्तर प्रयास किया है। परन्तु कुछ विभागीय जिम्मेदार अपने थाना क्षेत्र में अवैध गतिविधियों को पनाह देकर उनकी छवि को भी धूमिल करने का प्रयास कर रहें हैं...? ओर उनकी आँखों मे भी धूल झांकने का प्रयास कर सकते हैं..! ऐसे उन्हें हर विषय पर अपने स्तर पर गम्भीरता दिखाकर जाँच पड़ताल करके समुचित कार्रवाई की पहल करनी होगी। ताकि आमजन में भी कानून के प्रति विश्वास कायम रह सके।
ऐसे में युवा एसपी मैत्रेयी यदि इस डब्बा ट्रेडिंग जुए व सट्टे के अवैध धंधे के गहराई में जाकर गम्भीरता से जांच पड़ताल के उच्च स्तरीय जांच के आदेश देकर जाँच अपने स्तर जाँच करवाये तो कई राज बाहर आ सकते हैं..! किस तरह आबूरोड़ क्षेत्र में कुछ विभागीय जिम्मेदार पुलिस की छवि को धूमिल करने का कृत्य कर रहें हैं..? ऐसा नहीं है कि स्थानीय आबूरोड़ सिटी पुलिस को यह सबकुछ पता न हो ..? सबकुछ जानकर अनजान बनकर उच्च अधिकारियों की छवि पर प्रश्न वाचक चिन्ह लगाना भी कई सवाल खड़े कर है..? यदि इच्छा शक्ति दिखाई होती तो यह कृत्य उक्त क्षेत्र में नही पनप सकता था।
यदि पुलिस निकाले कॉल डिटेल्स तो खुल सकते हैं कई गहरे राज ..!
जानकार सूत्र बताते हैं कि यदि पूर्व में पकड़े गये डब्बा ट्रेडिंग के आरोपियों की पुलिस द्वारा कॉल डिटेल्स निकाली जाये तो कई गहरे राज बाहर आ सकते हैं। जिसके तहत इस डब्बा ट्रेडिंग के तार कहा कहा जुड़े हैं ओर कौन लोग इसमे संलिप्त है यह भी राज खुल सकते है। भला पुलिस के लिये यह काम कोई मुश्किल भी नही। बस आवश्यकता है तो केवल इच्छा शक्ति दिखाने की ताकि इस अवैध कृत्य में लिप्त लोगो पर नकेल कसी जाये। कहते हैं न कानून के हाथ लम्बे होते हैं, उनसे कोई बच भी नही सकता। आज नही तो कल कभी तो राज खुलने ही है।
क्या है डब्बा ट्रेडिंग...?
आसान भाषा में कहें तो डब्बा ट्रेडिंग एक तरह का सट्टा है, जो शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव के आधार पर चलता तो है पर शेयर मार्केट से इसका सीधा कोई कनेक्शन नहीं है। जैसे स्टॉक ब्रोकर होते हैं, वैसे ही होता है डब्बा ब्रोकर. जैसे स्टॉक मार्केट में लोग शेयर्स पर पैसे लगाते हैं, वैसे ही डब्बा ट्रेडिंग में भी पैसे लगाए जाते हैं. अंतर ये है कि इसमें सबकुछ शेयर मार्केट के बाहर होता है। मतलब न डीमैट अकाउंट लगता है और न ही शेयर पर पैसे लगाने पर शेयर का पॉजेशन मिलता है। मतलब कानून अवैध है यह डब्बा ट्रेडिंग।
ऐसे होती है डब्बा ट्रेडिंग ,...?
स्टॉक ब्रोकर्स की तरह ही डब्बा ब्रोकर्स होते हैं. रोज़ मार्केट खुलने के बाद लोग अपनी पसंद के शेयर्स पर पैसे लगाते हैं। मार्केट बंद होने पर शेयर के कीमत के हिसाब से उन्हें प्रॉफिट या नुकसान होता है। मान लीजिए कि जब मार्केट खुला तो XYZ स्टॉक के भाव 100 रुपये थे और मार्केट बंद होते वक्त भाव 120 हो गए, तो जिन लोगों ने XYZ पर पैसे लगाए थे उन्हें डब्बा ट्रेडर 120 के भाव में पैसे देगा. इसी तरह अगर मार्केट बंद होने के समय स्टॉक की कीमत 80 रुपये रह जाती है तो 20 रुपये अपने पास रखकर डब्बा ट्रेडर 80 रुपये लोगों को देगा। इसी तरह कई शेयर्स पर पैसे लगाए जाते हैं। डब्बा ट्रेडर नुकसान उठाने वाले इनवेस्टर का पैसा प्रॉफिट कमाने वाले इनवेस्टर को दे देता है और इसमें जितना बचता है वो सब उसकी जेब में जाता है. मतलब ये कि इनवेस्टर के नुकसान में डब्बा ट्रेडर का फायदा होता है।
इसलिए डब्बा ट्रेडिंग है रिस्की ....?
एक रेगुलर स्टॉक ब्रोकर पर SEBI की पैनी नजर होती है। शेयर मार्केट में होने वाले हर लेन-देन पर सेबी की कड़ी नज़र होती है. यहां इनवेस्टर्स को मार्केट के उतार-चढ़ाव से भले ही नुकसान हो, पर उनके साथ ठगी होने की संभावना बिल्कुल नहीं होती है। पर डब्बा ब्रोकर के केस में ऐसा नहीं है. कई मामलों में देखा गया है कि डब्बा ब्रोकर शुरुआत में लोगों का भरोसा जीतने के लिए उन्हें उनके प्रॉफिट का शेयर देते हैं। पर कुछ समय के बाद वो लोगों के पैसे लेकर गायब हो जाते हैं। डब्बा ट्रेडिंग SEBI या किसी और रेगुलेटर के दायरे में नहीं आता है। तो ऐसे में अगर डब्बा ब्रोकर पैसे लेकर गायब हो गया तो उसके खिलाफ लीगल ऐक्शन लिया जाना मुश्किल होता है क्योंकि डब्बा ट्रेडिंग में सारा ट्रांजैक्शन कैश में होता है, न लेन-देन का कोई रिकॉर्ड होता है और न ही कोई डॉक्यूमेंटेशन होता है।
NSE ने पूर्व में में दी थी डब्बा ट्रेडिंग को लेकर यह चेतावनी, हो सकती है यह सजा :-
NSE यानी नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ने डब्बा ट्रेडिंग को लेकर चेतावनी जारी की थी। इनवेस्टर्स को आगाह किया था कि इस तरह की स्कीम्स में पैसा लगाने से बचें। इससे आर्थिक नुकसान हो सकता है। NSE ने ये साफ कहा था कि डब्बा ट्रेडिंग कानूनी तौर पर प्रतिबंधित है। सिक्योरिटीज़ कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) एक्ट 1956 के सेक्शन 23 (1) के तहत डब्बा ट्रेडिंग अपराध है। डब्बा ट्रेडिंग में इनवॉल्व होने पर IPC की धारा 406 (विश्वास का आपराधिक हनन), 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (क्रिमिनल कॉनस्पिरेसी) के तहत केस दर्ज होता है।
दोषी पाए जाने पर इनवेस्टर्स और डब्बा ट्रेडर्स को 10 साल तक की सज़ा या 25 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या फिर दोनों की सज़ा सुनाई जा सकती है..!
कई लोग इसमे फंसकर हुये बर्बाद, इसलिए बनाये इससे दूरी :-
इस पर नकेल कसने की इसलिए भी आवश्यकता है कि इस डब्बा ट्रेडिंग के अवैध जुए व सट्टे में फंसकर कई लोग बर्बाद हो चुके हैं। और कई लोग बर्बादी के कगार पर है ऐसा सूत्र बताते हैं। एक बार इसमे फंस जाने के बाद यह लालच इतनी बुरी बन जाती है कि चल अचल सम्पति भी तबाह हो जाती है। ऐसे में हम क्षेत्र के युवाओं व जिले के युवाओ से अपील करते हैं कि इस अवैध जुए सट्टे के खेल से स्वयं ओर अन्य लोगो को भी दूर रखें। तथा इसके विध्वंसकारी परिणामों से भी सबको भलीभांति समझाया जाये। ताकि हम समाज मे कुछ हद तक इस डब्बा ट्रेडिंग पर अंकुश लगा सके। आज दिनों दिन कई परिवार तबाह हो रहें हैं। जो बदनामी के डर से न तो अपना रोना किसी के सामने रोकर बता सकते हैं।
इनका कहना
यदि कानून इस विषय पर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई बनती है तो मै इसको दिखवा देता हूं। जबकि आयकर विभाग, सेबी, और GST विभाग ही इसको कंट्रोल कर सकता है।
"बृजेश सोनी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिरोही"