Edited By Kailash Singh, Updated: 24 Jan, 2025 03:42 PM
राजस्थान के सिरोही में गत 21 जनवरी शाम को लावारिश हालत में 6 वर्षीय मासूम मिला था। जिसके पास हस्त लिखित एक खत मिलनें से हड़कंप मच गया था। पूरे मामले को लेकर GRP थानाधिकारी नें मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू कर दी। उसके बाद जो खुलासा हुआ उसको जानकर...
सिरोही : राजस्थान के सिरोही में गत 21 जनवरी शाम को लावारिश हालत में 6 वर्षीय मासूम मिला था। जिसके पास हस्त लिखित एक खत मिलनें से हड़कंप मच गया था। पूरे मामले को लेकर GRP थानाधिकारी नें मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू कर दी। उसके बाद जो खुलासा हुआ उसको जानकर हर क़ोई हैरान है।
यह है पूरा मामला
गत 21 जनवरी को सिरोही जिले के रेलवे स्टेशन पिण्डवाडा के प्लेटफार्म पर लावारिश हालत में 6 वर्षीय मासूम बच्चा मिला था। इस पूरे मामले का खुलास GRP पुलिस नें कर दिया है। थानाधिकारी मनोज कुमार चौहान नें बताया कि थाने की टीम द्वारा रेलवे स्टेशन पिण्डवाडा पर मिले बच्चे के परिजनों की पहचान करने में सफलता हाथ लगी है। थानाधिकारी नें कहा कि स्टेशन अधीक्षक रेलवे स्टेशन पिण्ड़वाड़ा ने टेलीफोन करके सूचना दी की रेलवे स्टेशन पिण्डवाड़ा पर एक बच्चा लावारिस हालत में मिला है। इस सूचना पर थाने से तुरन्त हैड़ कॉस्टेबल मन्साराम को मौके पर भेजा था। 22 जनवरी को को हैड कॉस्टेबल मन्साराम मय टीम नें परिजनों कि तलाश हेतु जांच पड़ताल शुरू की। इस दौरान बच्चे के पास हिंदी में लिखा पत्र भी मिला था। आरपीएफ पुलिस नें बच्चे का मेडिकल जांच करवाकर बच्चे को सुरक्षा एंवम देखरेख के लिए राजकीय सम्प्रेक्षण एंव किशोर ग्रह सिरोही में दाखिल करवा दिया गया था।
GRP पुलिस नें भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 93 के तहत मामला दर्ज करकेजांच मन्साराम के हवालें की
मामले की खुलासे को लेकर विशेष टीम का किया गठन
पूरे मामले की जल्द खुलासे को लेकर विशेष टीम का गठन किया गया। SHO नें. विशेष निर्देश देकर टीम को बच्चे के अज्ञात परिजनों की तलाश के लिए रवाना किया गया। इस दौरान पुलिस को अपने ख़ुफ़िया तंत्र इनपुट मिले। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से परिजनों की तलाश के प्रयास किये गये। इस दौरान मुखबीर तंत्र से सूचना प्राप्त हुई की एक व्यक्ति रेलवे स्टेशन पिण्डयाडा पर बच्चे के बारे में पूछ रहा है। जिस पर मुखबीर को समझाकर कर उस व्यक्ति को आबूरोड भेजनें का बोला गया। उसके बाद रेलवे स्टेशन आबूरोड पर वह व्यक्ति मिला जिसे थाने लाकर गहनता से पूछताछ करने पर नाम पता पूछा तो अपना नाम ईश्वर भाई पुत्र अमृत भाई जाति पटनी उम्र 35 साल निवासी एच 2-3 अभिलासा अपार्टमेन्ट बोम्बे हाउसिंग सरसपुर अहमदाबाद शहर पुलिस थाना शहर कोटवा जिला अहमदाबाद गुजरात होने का बताया। ज़ब आबूरोड थानाधिकारी द्वारा बच्चे का फोटो दिखाकर पूछताछ की तो उसने अपना पुत्र रूद्ध उर्फ किटू उम्र 6 माह होने का बताया।
पूछताछ में मासूम के पिता नें उगले यह राज
ज़ब पूरे मामले कि थानाधिकारी मनोज सिंह द्वारा मनोवैज्ञानिक तरिके से पूछताछ कि तों हैरान कर देने वाले खुलासे हुए मासूम के पिता ईश्वर भाई नें पुलिस को बताया कि गत जिसे 21 जनवरी को रेलवे स्टेशन पिण्डवाड़ा पर मेरी पत्नि ने मूलवश मासूम को छोड़ दिया था। पत्नि को मानसिक रूप से बिमार रहना व दवाई चलना बताने पर उसे परिजनों व पत्नि को बुलाने हेतु समझाइश करने पर। कुछ समय पश्चात उसकी पत्नि सुनिता बेन पत्नी ईश्वर भाई उम्र 33 साल और अन्य परिजन थाने में उपस्थित हुए। पूछताछ करने बताया सुनिता बेन मानसिक रूप से बीमार है वह कभी कभी अपनी याददास्त खो देती हैं उसे कुछ याद नहीं रहता है। 21 जनवरी को उसके द्वारा मासूम बालक को भूल से कही रख दिया था। मानसिक रुप से कमजोर होने के कारण उसे याद नहीं रहा। परिजनों द्वारा मानसिक बीमारी व ईलाज के कागज पेश किये गये। जिसे राजकीय अस्पताल से जानकारी करवाई गई तो ईलाज की पर्चीया मानसिक रोग से संबंधित होना पाई गई।
ऐसे रची कर्ज से मुक्ति कि कहानी
पुलिस को बच्चे के पास एक पत्र मिला था ज़ब उसकी जांच पड़ताल कि गई तों चौकाने वाले खुलासे हुए दोनों पति पत्नि से बच्चे के पास मिले हस्त लिखित में जिक्र किया कि " मेरा नाम राधिका है हमने घर से भाग कर शादी की थी। हमारी शादी को दो साल हुए है मेरे पति की कार एक्सीडेन्ट में मौत हो गई है। हम किराये के मकान में रहते थे मुझे भी बीमारी ने जकड लिया है इस बच्चे की परवरिश मैं नहीं कर पाऊंगी तो आप लोगो से इतनी बिनती है इसअनाथालय में छोड दे में एक मीडिल कलाश फैमिली से हूँ बीमारी की वजह से मैं भी कुछ दिन बाद आत्म हत्या कर लूँगी। इस पत्र की पड़ताल करने पर उसके बारे में ईश्वर भाई से पूछा तों पहले तों उससे अनभिज्ञता जाहिर की। राधिका कौन है यह मेरी जानकारी में नहीं हैं यह बताया । दम्पत्ति को राजकीय सम्प्रेक्षण एंव किशोर ग्रह सिरोही ले जाया गया व वहा पर भी पूछताछ में बच्चे के पास मिले पत्र के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं होना बताया। और पुलिस को गुमराह करता रहा।
ऐसे हुआ पत्र का खुलासा
आबूरोड़ थानाधिकारी मनोज कुमार चौहान द्वारा तसल्ली पूर्वक एंव मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई तो बच्चे का पिता ईश्वर भाई टूट गया ओर बताया की में ओटो रिक्शा चलाता हूँ जिसमें मेरे को प्रतिमाह 16 से 17 हजार रूपये मासिक मिल जाते है। प्रति माह 18000 रूपये लोन किस्त के कटते है। प्रतिमाह 7000 रूपये मकान किराये के देने पडते है। बच्चे के स्कूल की फीस के प्रतिमाह 1500 रूपये देने पड़ते है। घर के खर्च सहित 30 से 32 हजार रूपये का कुल खर्चा हो जाता है। इस वजह से आमदनी कम है व खर्चा ज्यादा होने के कारण परेशान रहने लगा। पत्नि बिमार होने से दोनों नें सोचा की दोनों मर जाते है।
इसको लेकर टीवी सीरियल क्राइम पेट्रोल से आया आईड़िया ओर ईश्वर ने बताया की में अक्सर टीवी पर काईम पट्रोल सीरियल देखता हूँ जिसपर पिछले 15-20 दिन पहले एक ऐपिसोड आया था जिसमें राधिका नाम से पत्र लिखकर पुलिस को गुमराह किया जाता है। मैने भी उसी की नकल कर ऐसा किया था। की बच्चे को अन्नाथालय से कोई ले लेगा व हमारी मौत के बाद मेरे बच्चो को मेरे दुर्घटना बीमा के 18 से 20 लाख रूपये मिल जायेगे। पत्र का गुजराती से हिन्दी भाषा के लिए गुगल ट्रान्सलेट का उपयोग कर किया। इस पत्र को ईश्वर भाई द्वारा लिखकर पत्नि को बिना बताये बच्चे के पहने कपड़ों के पास रख दिया था।
आत्मा हत्या करने का था इरादा
दोनों पति पत्नि का गुजरात के पालनपुर में सुसाईड करने का इरादा था परन्तु पत्नि ने बस में बैठने के बाद अपनी मां से बात की तो सुनिता की मां ईश्वर को पालनपुर में मिलने पर उसे अहमदाबाद रवाना कर दिया व खुद अम्बा माताजी के दर्शन कर सुसाईड़ करने वाला था। लेकिन रात्रि में बच्चे की याद आने के कारण सुबह होते ही ईश्वर पिण्डवाड़ा जाकर आबूरोड पहुंच कर बच्चे का पिता होने कि बात कहता रहा।