Edited By Kailash Singh, Updated: 25 Nov, 2024 01:22 PM
सिरोही | राजस्थान के सिरोही जिले के आबूरोड़ सदर थाना क्षेत्र से एक नाबालिग बालिका गत 15 नवंबर से घर से लापता है। बालिका के पिता जिला कलेक्टर कार्यालय से लेकर पुलिस थाने के चक्कर काटनें को विवश है। करीब सप्ताहभर बीत गया। अभी तक क़ोई सुराग पुलिस के...
सिरोही | राजस्थान के सिरोही जिले के आबूरोड़ सदर थाना क्षेत्र से एक नाबालिग बालिका गत 15 नवंबर से घर से लापता है। बालिका के पिता जिला कलेक्टर कार्यालय से लेकर पुलिस थाने के चक्कर काटनें को विवश है। करीब सप्ताहभर बीत गया। अभी तक क़ोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा। जबकि नाबालिग बालिका का पिता सिरोही जिला कलेक्टर से भी गुहार लगा चुका है। परिजन कई दिनों से परेशान है। नाबालिग बालिका के मजदूर पिता ने बताया की मेरी बेटी घर से नमकीन लेने जाने का कहकर गत 15 नवंबर को घर से निकली थी, जो अभीतक घर नहीं पहुंची। पुलिस मेरी बेटी को ढूढ़ने में क़ोई मदद नहीं कर रहीं। मैं ग़रीब मजदूर आदमी हूं बहुत परेशान हूँ। सिरोही कलेक्टर ऑफिस भी जाकर आया फिर भी मेरी क़ोई सुनवाई नहीं हों रहीं। थाने में रिपोर्ट भी सुपुर्द कर दी है। उसके बावजूद भी अभीतक मुझे पुलिस द्वारा क़ोई सहयोग नहीं मिल रहा। मैं अपना काम धंधा छोड़कर मदद के लिए सिरोही से थाने के चक्कर काट रहा हूं। पूरे मामलें पर आबूरोड़ सदर थानाधिकारी सदर राजीव भांदू का कहना है कि रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज करके जांच कर रहें है। अभी तक बालिका नहीं मिली। ढूढ़ने का प्रयास पुलिस द्वारा जारी है, जल्द ढूढ़ लेगे। बालिका सुरक्षा को लेकर आबूरोड़ सदर पुलिस कितनी गंभीर है, इसका प्रमाण सबके सामने है। करीब सात दिन से थाना क्षेत्र से एक नाबालिग लड़की गायब है ओर पुलिस उसको ढूढ़ने में अभीतक सफल नहीं हों पाई, जो कई सवाल खड़े करता है। आखिर पुलिस कितनी गंभीर है, जिस परिवार से लड़की गायब है वो परिवार दर-दर कि ठोकरे खा रहा है। उसका जिम्मेदार फिर कौन? आखिर ग़रीब लोगों को दुःख कौन समझेगा? पीड़ित पिता आखिर अपनी वेदना किसको सुनाएं या क़ोई उनके दुख दर्द को समझने वाला नहीं, बस मिलता है तो सिर्फ आश्वासन। जो सिस्टम पर कई तल्ख सवाल भी खड़े कर रहा है। जबकि देश व प्रदेश कि सरकारों द्वारा बालिका सुरक्षा को लेकर कई प्रकार के दावे किये जाते है।