Edited By Kailash Singh, Updated: 29 Sep, 2025 01:28 PM

सिरोही के गोल गांव की होनहार बेटी प्रियंका ओझा ने शिक्षा जगत में नया कीर्तिमान रचते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की परीक्षा में शानदार सफलता प्राप्त की है। उन्हें राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सिरोही में भौतिकी विषय की सहायक आचार्य (Assistant...
सिरोही गोल गांव की बेटी बनी RPSC चयनित सहायक आचार्य
सिरोही। सिरोही के गोल गांव की होनहार बेटी प्रियंका ओझा ने शिक्षा जगत में नया कीर्तिमान रचते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की परीक्षा में शानदार सफलता प्राप्त की है। उन्हें राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सिरोही में भौतिकी विषय की सहायक आचार्य (Assistant Professor) के पद पर नियुक्ति मिली है।
इस उपलब्धि की सबसे खास बात यह है कि प्रियंका अब उसी महाविद्यालय में अध्यापन करेंगी, जहाँ से उन्होंने स्वयं अपनी स्नातक शिक्षा पूरी की थी। यही नहीं, उनके पिता किशोर कुमार ओझा और भाई प्रियांक ओझा ने भी इसी महाविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की थी। यह संयोग पूरे परिवार के लिए एक भावनात्मक और गर्व का क्षण बन गया है।
पहले भी रच चुकी हैं इतिहास
प्रियंका ने अपनी शैक्षणिक यात्रा में कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उन्होंने नेट-जेआरएफ (NET-JRF) उत्तीर्ण किया। वर्ष 2020 में आयोजित जेस्ट (JEST) परीक्षा में पूरे देश में पहला स्थान (AIR-1) हासिल किया। इसके साथ ही वे देश के प्रतिष्ठित संस्थानों IISC, TIFR, RRI और IITs में पीएच.डी. हेतु चयनित हुईं। इन उपलब्धियों से यह साबित होता है कि प्रतिभा और लगन से ग्रामीण परिवेश की बेटियाँ भी देशभर में अपनी अलग पहचान बना सकती हैं।
प्रेरणा की मिसाल
प्रियंका पिछले एक वर्ष से राजकीय कन्या महाविद्यालय, पाली में सहायक आचार्य के रूप में सेवा दे रही थीं। उन्होंने वहाँ के पूरे स्टाफ और सकारात्मक वातावरण का विशेष रूप से आभार जताते हुए कहा कि उसी मार्गदर्शन ने उनके आत्मविश्वास को और मज़बूत किया, जिसका लाभ उन्हें साक्षात्कार में मिला। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, भाई, शिक्षकों और मार्गदर्शकों को दिया तथा विशेष रूप से अपने भाई को धन्यवाद दिया, जिन्होंने हर कदम पर उन्हें प्रेरित और सहयोग किया।
क्षेत्र में खुशी का माहौल
प्रियंका की इस सफलता से न केवल परिवार बल्कि पूरा गाँव और क्षेत्र गौरवान्वित है। क्षेत्रवासियों और पूर्व शिक्षकों ने उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्रियंका की यह उपलब्धि ग्रामीण अंचल की बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और यह संदेश देती है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है।