Edited By Kailash Singh, Updated: 22 Nov, 2024 01:23 PM
सिरोही। राजस्थान के सिरोही जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। उनके विरुद्ध गंभीर शिकायतें सरकार को प्राप्त हुई है। उन शिकायतों की जांच विचाराधीन होने के कारण उन्हें तुरंत प्रभाव से...
सिरोही। राजस्थान के सिरोही जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। उनके विरुद्ध गंभीर शिकायतें सरकार को प्राप्त हुई है। उन शिकायतों की जांच विचाराधीन होने के कारण उन्हें तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। निलंबन काल में उन्हें कोटा में उपस्थिति देनी होंगी। राजस्थान सरकार में पदस्थापित निशा मीणा संयुक्त शासन सचिव द्वारा जारी आदेश में बताया गया की डॉक्टर राजेश कुमार, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी जो वर्तमान में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिरोही के पद पर पदस्थापित है, उनके विरूद्ध प्राप्त विभिन्न शिकायतों की जांच विचाराधीन होने के कारण राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम-13 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए डा. राजेश कुमार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिरोही को राज्य सरकार तुरन्त प्रभाव से निलम्बित करती है। निलम्बन अवधि में उन्हें मुख्यालय संयुक्त निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ, जोन कोटा के कार्यालय में रहेगी।
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर चुके थे CMHO
डॉ राजेश कुमार पर पूर्व में कई बार भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग चुके है। जिनकी शिकायत कई मर्तबा एसीबी से लेकर विभागीय उच्च अधिकारियो तक पहुंची। परन्तु राजनीति रसूखात के चलते उन पर क़ोई प्रभावी एक्शन पहले देखने को नहीं मिला। जैसे ही सरकार बदली उसके बाद भी लगभग एक साल तक इन पर कई नेताओं की मेहरबानी बनी रहीं। भाजपा सरकार में भी कई गंभीर शिकायतें राज्य सरकार स्तर तक हुई। उच्च स्तर पर प्राप्त शिकायतों की जांच फिलहाल विचाराधीन है। इसी के चलते इन्हें निलंबित कर दिया गया है। कुछ महीने पहले ज़ब भाजपा सरकार ने डॉ राजेश कुमार का अन्य जगह तबादला किया तो वे पुनः हाईकोर्ट से स्टे लेकर आये थे। यानि डॉ राजेश कुमार को सिरोही CMHO की कुर्सी से जो अटूट प्रेम था वो छूट नहीं रहा था। वे कैसे भी करके इस कुर्सी को छोड़ना नहीं चाहते थे। कई नेता भी इनके सामने मानो नतमस्तक थे। अपनी उच्चे रसूखात के चलते हर शिकायतें उनके विरुद्ध पहुँचती वे मानो अलमारियों में दफन हों जाती थी।