विश्व बंधुत्व दिवस पर ब्रह्माकुमारीज़ का रक्तदान महाअभियान

Edited By Kailash Singh, Updated: 23 Aug, 2025 06:44 PM

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विश्व बंधुत्व दिवस के उपलक्ष्य में ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा भारत और नेपाल में चलाए जा रहे रक्तदान महाअभियान का उत्साह चरम पर है। महज़ दो दिन में ही 670 शिविरों में 50 हजार यूनिट रक्तदान हो चुका है।

विश्व बंधुत्व दिवस पर ब्रह्माकुमारीज़ का रक्तदान महाअभियान 
सिरोही। विश्व बंधुत्व दिवस के उपलक्ष्य में ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा भारत और नेपाल में चलाए जा रहे रक्तदान महाअभियान का उत्साह चरम पर है। महज़ दो दिन में ही 670 शिविरों में 50 हजार यूनिट रक्तदान हो चुका है। लक्ष्य 25 अगस्त तक 1500 शिविरों के जरिये एक लाख से अधिक यूनिट रक्त एकत्र करने का है। इस उपलब्धि के साथ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है। शनिवार को संस्थान मुख्यालय शांतिवन, आबूरोड के डायमंड हॉल में विशाल शिविर आयोजित हुआ, जहां 644 रक्तवीरों ने रक्तदान किया। इसमें 251 यूनिट रक्तदान ब्रह्माकुमारी बहनों ने किया। सुबह से ही रक्तदान को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला।

“सबसे श्रेष्ठ दान है जीवनदान”

संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके संतोष दीदी ने कहा—
“शास्त्रों में कहा गया है ‘दानं परमं बलम्’। रक्तदान जीवनदान की श्रेणी में आता है। जब हम किसी को रक्त देते हैं, तो हम केवल उसके शरीर की नहीं बल्कि आत्मा की जीवनयात्रा को भी आगे बढ़ाने का अवसर देते हैं।”अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा भाई ने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा— “अगर हर युवा वर्ष में सिर्फ दो बार रक्तदान करे तो भारत में कभी भी रक्त की कमी नहीं होगी।”

बीके मृत्युंजय भाई ने कहा—
“यह केवल एक शिविर नहीं, बल्कि मानवता, करुणा और सेवा की भावना का उत्सव है।”
ग्लोबल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. प्रताप मिड्ढा ने बताया कि “एक यूनिट रक्त से 3–4 लोगों की जान बचाई जा सकती है और 24–48 घंटे में नया रक्त बन जाता है।”

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    वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर अभियान

    रक्तदान महाअभियान के राष्ट्रीय संयोजक बीके अवतार भाई ने बताया कि पहली बार भारत और नेपाल में इतने बड़े स्तर पर रक्तदान शिविर आयोजित हो रहे हैं। सभी सेवा केंद्रों से डाटा कलेक्शन के बाद वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए दावेदारी की जाएगी।

    रक्त दाताओं की भावनाएँ

    60 वर्षीय नेहा बहन, आबूरोड ने कहा: “कई बार रक्तदान किया है, लेकिन विश्व बंधुत्व दिवस पर रक्तदान करना एक अलग ही अनुभूति है।” बीके मीना बहन बताया: “पहली बार रक्तदान किया, अब सभी नारी शक्ति से आह्वान है कि रक्तदान जरूर करें।”

    बीके शेफाली, गुरुग्राम: “दादीजी की पुण्यतिथि पर रक्तदान कर बहुत गर्व महसूस हो रहा है।”
    बीके महावीर भाई, शांतिवन: “यह मेरा 11वां रक्तदान है। युवाओं से कहूँगा कि नियमित रक्तदान करें, यह किसी की जिंदगी बचा सकता है।”

     इस अवसर पर बीके लीला दीदी, डॉ. बनारसी लाल, डॉ. सतीश गुप्ता, बीके मोहन सिंघल, बीके प्रकाश, बीके जगदीश समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।
    शिविर में ट्रॉमा सेंटर ब्लड बैंक प्रभारी बीके धर्मेंद्र भाई और उनकी टीम का विशेष योगदान रहा।

    इस अभियान का उदेश्य

    विश्व बंधुत्व दिवस पर शुरू हुआ यह रक्तदान महाअभियान केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि मानवता, करुणा और सेवा की मिसाल बन रहा है। 25 अगस्त तक यह अभियान गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नया इतिहास लिख सकता है।

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