Edited By Kailash Singh, Updated: 26 Dec, 2024 01:48 PM
सिरोही : राजस्थान के आबूरोड़ रेलवे स्टेशन पर सांडो का राज है, दिन रात रेलवे स्टेशन उनके लिए मानो शरण स्थली बना हुआ है। यहां से यात्रा करने वाले यात्री हर दम डरे सहमे नजर आते है। लेकिन रेलवे के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी और पूरा महकमा यह सब मूकदर्शक...
सिरोही : राजस्थान के आबूरोड़ रेलवे स्टेशन पर सांडो का राज है, दिन रात रेलवे स्टेशन उनके लिए मानो शरण स्थली बना हुआ है। यहां से यात्रा करने वाले यात्री हर दम डरे सहमे नजर आते है। लेकिन रेलवे के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी और पूरा महकमा यह सब मूकदर्शक होकर देख रहा है। आबूरोड़ स्टेशन पर रिजर्वेशन ऑफिस के बाहर हॉल में हाल ही में अचानक से एक सांड घुस गया सांड ने एक साल की मासूम बच्ची को कुचल दिया। जिससे उसने दम तोड़ दिया। बच्ची अपने माता-पिता के साथ हॉल के फर्श पर सो रही थी। इस दौरान सांड नें अंदर प्रवेश करके उसको कुचल डाला। इस दर्दनाक घटना क्रम के बाद में कई सवाल खड़े हों गये है।
मां मासूम बच्ची का शव लेकर रोती रहीं
हादसे के बाद बच्ची का शव गोद में लेकर मां रेलवे स्टेशन पर ही बैठी नजर आई। वहां पर बैठकर मासूम के मौत पर आंसू बहा रहीं थी। परन्तु उसको दर्द सुनने वाला क़ोई नहीं था। इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है की यात्रियों की सुरक्षा को लेकर आबूरोड़ रेलवे के जिम्मेदार कितने गंभीर है।
क्या कहते है जिम्मेदार
GRP थानाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि मुंडारा पाली जिले का रहने वाला गुलाब उम्र (40) अपनी वाइफ कन्या उम्र (35) और चार बच्चों के साथ स्टेशन पर रिजर्वेशन ऑफिस के बाहर हॉल में सो रहा था। मंगलवार रात करीब 1 बजे स्टेशन परिसर में घूम रहा सांड हॉल में घुस गया। और सांड ने एक साल की बच्ची राधिका के ऊपर पैर रख दिया। मासूम के चिल्लाने की आवाज सुनकर पास में सो रहें माता पिता जागे मासूम की चीख-पुकार सुनकर माता-पिता जाग गए। टैक्सी ड्राइवर और आसपास मौजूद लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे और सांड को भगाया। बच्ची को तुरंत टैक्सी से आबूरोड राजकीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे डॉक्टर नें मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की टीमें मौके पर पहुंचीं। मानो मौके पर हड़कंप मच गया।
क्या कहते है आबूरोड़ उपखण्ड मजिस्ट्रेट
घटना क्रम की सूचना पर आबूरोड़ एसडीएम शंकरलाल मीणा मौके पर पहुंचे और पूरे घटना क्रम की रेलवे अधिकारियो व मौजूद लोगों से जानकारी ली। उसके बाद एसडीएम नें बैरिकेडिंग लगाकर सांडों को रोकनें के निर्देश दिए। घटना के बाद रेलवे अधिकारियों और पुलिस को निर्देश दिए कि आवारा सांडों को स्टेशन परिसर में जाने से किसी भी हालत में रोका जाए। उन्होंने आरक्षण कार्यालय के बाहर रात में विश्राम करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग लगाने को भी कहा। ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो। यात्रियों की सुरक्षा में लापरवाही नहीं बरतने की हिदायत दी.
टेक्सी ड्राइवरो नें सामाजिक सरोकारों में बढ़ाए हाथ
आबूरोड़ के टैक्सी यूनियन के ड्राइवरों ने पीड़ित परिवार के लिए आर्थिक सहयोग दिया। सभी नें मिलकर चंदा कलेक्ट करके किराया दिया। हॉस्पिटल में बच्ची को डॉक्टर द्वारा मृत घोषित करने के बाद परिवार रात में बच्ची का शव लेकर वापस आबूरोड रेलवे स्टेशन आ गया था। इस दौरान बच्ची के शव को लेकर माता-पिता काफी देर तक स्टेशन पर ही बैठे रहे। मां अपनी बेटी का शव गोद में लेकर आंसू बहा रहीं थी रही। पीड़ित परिवार के पास घर जाने के लिए किराए के भी रुपए नहीं थे। टैक्सी ड्राइवरों ने मानवता दिखाते हुए सहायता के लिए रुपए एकत्रित करके परिवार को दिए। इसके बाद बच्ची के शव को लेकर पाली के लिए रवाना हुए।
यात्रियों की सुरक्षा को लेकर उठे गंभीर सवाल
इस मासूम की मौत का जिम्मेदार फिर कौन, आबूरोड़ रेलवे प्रशासन रेलवे स्टेशन के परिसर में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है इसका प्रमाण सबके सम्मुख है। रेलवे स्टेशन परिसर में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे के जिम्मेदारों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हों गये। अब देखने वाली महत्वपूर्ण बात यह रहेगी रेलवे के उच्च अधिकारी इसपर क्या संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करते है। साथ ही यात्रियों की सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाये जाते है इसपर सबकी निगाहें टिकी है। इस हादसे को लेकर किसकी जिम्मेदारी तय होती है यह भी बड़ा अहम सवाल है।