Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 24 Jul, 2025 03:33 PM

खाटूश्यामजी (सीकर)। राजस्थान में बहुप्रतीक्षित रींगस-खाटूश्यामजी रेलवे लाइन परियोजना ने विरोध और अटकलों के बीच अब गति पकड़ ली है। रेल मंत्रालय के उत्तर पश्चिम रेलवे निर्माण संगठन ने इस रेल प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी है,...
खाटूश्यामजी (सीकर)। राजस्थान में बहुप्रतीक्षित रींगस-खाटूश्यामजी रेलवे लाइन परियोजना ने विरोध और अटकलों के बीच अब गति पकड़ ली है। रेल मंत्रालय के उत्तर पश्चिम रेलवे निर्माण संगठन ने इस रेल प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे क्षेत्र में हलचल तेज हो गई है। अधिसूचना के अनुसार, मंत्रालय 8 अगस्त को 24.2811 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करेगा। यह भूमि रींगस, कोटड़ी धायलान, चारणवास, पीरावली, देवीपुरा, लांपुवा, तपीपल्या, आभावास, कैरपुरा और खाटूश्यामजी गांवों में फैली है। अधिसूचना में प्रभावित किसानों के नाम और बैंक विवरण भी शामिल हैं।
ग्रामीणों ने किया था विरोध, अब सरकार ने दिखाया इरादा
इस परियोजना के खिलाफ ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर प्रोजेक्ट को निरस्त करने की मांग की थी। लेकिन सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अब रेल प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाएगा। गौरतलब है कि मार्च 2024 में केंद्र सरकार ने 254.06 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी। इसके बाद रेलवे ने स्टेशन लोकेशन तय करते हुए भूमि चिह्नित कर सर्वे भी पूरा कर लिया था। स्थानीय विरोध के कारण काम अटका था, लेकिन अब स्थिति बदल रही है।
अगला पड़ाव: खाटू से सुजानगढ़ वाया सालासर तक विस्तार
रेलवे का दीर्घकालिक प्लान रींगस-खाटूश्यामजी के बाद खाटू से सुजानगढ़ (वाया सालासर) तक रेलमार्ग विस्तार करना है। इसके पहले चरण में खाटू से पलसाना तक सर्वे व मार्किंग का कार्य भी पूर्ण किया जा चुका है।
सुरक्षा और स्पीड दोनों प्राथमिकता
रेल अधिकारियों के अनुसार, इस नई लाइन पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक ट्रेनों को चलाने की योजना है। इसके लिए फेंसिंग, सिग्नलिंग और ट्रैक सुदृढ़ीकरण जैसे सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे। परियोजना के पूरे होने पर रींगस से खाटूश्यामजी तक का सफर न केवल कम समय में, बल्कि पूरी सुरक्षा के साथ तय किया जा सकेगा।