Edited By Kailash Singh, Updated: 09 Nov, 2024 02:12 PM
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "मैं धर्मगुरु नहीं, धर्म का सिपाही हूं; भेदभाव मिटेगा, तभी देश प्रगति करेगा"
राजसमंद, 9 नवम्बर (पंजाब केसरी): बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने शुक्रवार को राजसमंद के नाथद्वारा में कहा कि धर्म का राजनीतिक...
धर्म का उपयोग वोटबैंक के लिए करना अपराध: धीरेंद्र शास्त्री
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "मैं धर्मगुरु नहीं, धर्म का सिपाही हूं; भेदभाव मिटेगा, तभी देश प्रगति करेगा"
राजसमंद, 9 नवम्बर (पंजाब केसरी): बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने शुक्रवार को राजसमंद के नाथद्वारा में कहा कि धर्म का राजनीतिक वोटबैंक के लिए उपयोग सबसे बड़ा अपराध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि धर्म से राजनीति चल सकती है, लेकिन राजनीति से धर्म नहीं। उनका मानना है कि धर्म स्वतंत्र है और यह प्राचीन परंपराओं को जीवंत रखने का माध्यम है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वे स्वयं को धर्मगुरु नहीं, बल्कि धर्म के सिपाही मानते हैं।
नाथद्वारा में श्रीनाथजी मंदिर में दर्शन के बाद धीरेंद्र शास्त्री का परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि देश तब ही प्रगति करेगा जब भेदभाव, जात-पात, और छुआछूत जैसी कुरीतियों को खत्म किया जाएगा। उनका मानना है कि जब समाज में एकता आएगी और नए विचारों के साथ कार्य होंगे, तभी भारत आर्थिक, धार्मिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध होकर विश्व गुरु के रूप में पुनः स्थापित होगा।
'वक्फ बोर्ड को समाप्त किया जाए'
भीलवाड़ा में धीरेंद्र शास्त्री ने गुरुवार को यह भी कहा कि भारत में सभी धर्मों के लोग सुरक्षित हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि देश में वक्फ बोर्ड को समाप्त कर देना चाहिए या फिर सनातन बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए, ताकि एक समान कानून व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि एक ही देश में दो तरह के कानून नहीं होने चाहिए और हिंदुओं के लिए भी एक समान बोर्ड होना चाहिए।