Edited By Kailash Singh, Updated: 11 Jun, 2025 10:33 AM

राजसमंद जिले में एक ओर जहां कुंभलगढ़ नेशनल पार्क क्षेत्र में वर्चस्व की लड़ाई में दो तेंदुआ शावकों की मौत हो गई, वहीं दूसरी ओर देवस्थान की मादड़ी गांव में लंबे समय से पालतू पशुओं का शिकार कर रहे नर लेपर्ड को वन विभाग ने पिंजरे में कैद कर लिया।
राजसमंद, 11 जून (ब्यूरो): राजसमंद जिले में एक ओर जहां कुंभलगढ़ नेशनल पार्क क्षेत्र में वर्चस्व की लड़ाई में दो तेंदुआ शावकों की मौत हो गई, वहीं दूसरी ओर देवस्थान की मादड़ी गांव में लंबे समय से पालतू पशुओं का शिकार कर रहे नर लेपर्ड को वन विभाग ने पिंजरे में कैद कर लिया। इन दोनों घटनाओं ने वन्यजीव गतिविधियों को लेकर ग्रामीणों की चिंता तो बढ़ाई ही, साथ ही वन विभाग को भी मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं।
कुंभलगढ़ नेशनल पार्क के बड़गांव वन खंड में नर लेपर्ड और दो शावकों के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें दोनों शावकों की मौत हो गई। रेंजर प्रेमचंद कुमावत ने बताया कि घटना वर्चस्व स्थापित करने के प्रयास में हुई। दोनों मृत शावकों की उम्र लगभग एक वर्ष थी। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे फॉरेस्टर सत्येंद्र सिंह, मुकेश कुमार मीना, विनोद कुमार और वनरक्षक आशीष खटीक ने शावकों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कराया। विभाग ने क्षेत्र में निगरानी तेज कर दी है और ग्रामीणों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत दें।
पालतू पशुओं का शिकारी पिंजरे में कैद
इसी बीच देवस्थान की मादड़ी गांव में बीते दो महीनों से सक्रिय एक नर लेपर्ड को वन विभाग की टीम ने पिंजरे में कैद कर लिया। रेंजर सत्यानंद गरासिया के अनुसार, 25 मई को गांव में पिंजरा लगाया गया था, लेकिन शिकार न होने के कारण लेपर्ड उसमें नहीं आया। ग्रामीणों ने सुझाव पर एक बकरा पिंजरे में बांधा गया और तीन दिन बाद, रात करीब 2 बजे लेपर्ड कैद हो गया। रेस्क्यू टीम ने उसे सुरक्षित बड़े पिंजरे में शिफ्ट कर उदयपुर बायोलॉजिकल पार्क पहुंचाया, जहां चिकित्सकीय जांच के बाद उसे जंगल में छोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई। पकड़े गए नर लेपर्ड की उम्र करीब 4 से 5 साल बताई जा रही है।