Edited By Kailash Singh, Updated: 23 Aug, 2025 05:46 PM

वर्तमान समय में विद्यार्थी अपने उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करें, जिम्मेदार नागरिक बनें, इस उद्देश्य से शिक्षा विभाग की ओर से कुंभलगढ़ में दो दिवसीय चिंतन बैठक आयोजित की गई। शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर के नेतृत्व में कुंभलगढ़ स्थित द कुंभा...
कुंभलगढ़ में आयोजित दो दिवसीय चिंतन बैठक सम्पन्न
जयपुर. वर्तमान समय में विद्यार्थी अपने उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करें, जिम्मेदार नागरिक बनें, इस उद्देश्य से शिक्षा विभाग की ओर से कुंभलगढ़ में दो दिवसीय चिंतन बैठक आयोजित की गई। शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर के नेतृत्व में कुंभलगढ़ स्थित द कुंभा रेजीडेंसी में 22-२३ अगस्त को दो दिवसीय चिंतन बैठक का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के समापन सत्र में शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर जी ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंथन के बाद जो निष्कर्ष निकला है, वो शिक्षा की उन्नति के लिए अमृत के समान है। यह निष्कर्ष मील का पत्थर साबित होगा, मुझे आशा है कि आप सभी के मार्गदर्शन व सुझावों के आधार पर हम राजस्थान को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बन सकेंगे। मूल्य आधारित, संस्कार आधारित व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बेहतर विद्यार्थियों का निर्माण करेगी। समापन सत्र में अतुल कोठारी, प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा मंचासीन रहे। समापन सत्र में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान एक सत्र में निदेशक, माध्यमिक एवं प्रारंभिक सीताराम जाट ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान की अभिनव शुरुआत की गई है, जो सकारात्मक परिणाम लेकर आ रहा है। हम युवाओं के लिए कौशल व व्यावसायिक शिक्षा की बात करते हैं। हमें धरातल पर भी प्रैक्टिकल लर्निंग के लिए कार्य करना होगा।
चिंतन बैठक में राजसमंद की सांसद महिमा कुमारी ने भी उपस्थिति दर्ज करवाई। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए करियर काउंसलिंग अनिवार्य होनी चाहिए, यह विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण में बहुत आवश्यक है। बच्चे को यह पता होना चाहिए कि उसे करियर किस क्षेत्र में बनाना है। ऐसा होने पर ही वह आगे जा सकेगा।
चिंतन बैठक के दूसरे दिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपेक्ष्य में कौशल, व्यावसायिक और रोजगारोन्मुखी शिक्षा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षा प्रधानों की भूमिका, व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपेक्ष्य में, खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता, वित्तीय प्रबंधन जैसे विषयों पर विषय विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।