18 महीने में पूरा होने वाले रेलवे ओवर ब्रिज का काम अधूरा, फिर भी दूसरा ओवर ब्रिज हो गया सैंक्शन !

Edited By Afjal Khan, Updated: 24 Jul, 2024 03:20 PM

work on the railway over bridge is incomplete

18 महीने में पूरा हाने वाला रेलवे ओवर ब्रिज का काम सात साल बाद भी अभी अधूरा ही पड़ा है । इसके बावजूद अब एक और ओवर ब्रिज सैंक्शन हो गया है । लोगों की सुविधा के लिए इस पुल का निर्माण किया जा रहा था, लेकिन अब ये खुद ही असुविधा बना हुआ है ।

दौसा, एचएन पांडे, 24 जुलाई 2024 । 18 महीने में पूरा हाने वाला रेलवे ओवर ब्रिज का काम सात साल बाद भी अभी अधूरा ही पड़ा है । इसके बावजूद अब एक और ओवर ब्रिज सैंक्शन हो गया है ।  लोगों की सुविधा के लिए इस पुल का निर्माण किया जा रहा था, लेकिन अब ये खुद ही असुविधा बना हुआ है । 

मामला दौसा जिले के बांदीकुई में धोली गुमटी रेलवे फाटक संख्या 156 पर बन रहे आरओबी का है । जिसका निर्माणाधीन कार्य कछुआ चाल से रेंग रहा है । तत्कालीन बांदीकुई विधायक अलका सिंह के प्रयासों से इस आरओबी की आधारशिला 11 नवंबर 2017 में वसुंधरा सरकार ने रखी थी। 

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इधर आरओबी निर्माण की अवधि 18 महीने की थी । जो 7 वर्षों के बाद आज तक भी पूरी नहीं हो पाई है । और मजे की बात यह है एक बार फिर बांदीकुई के आगरा फाटक के लिए भजनलाल सरकार ने एक और रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण की स्वीकृति दे दी है । जिसके चलते अब बांदीकुई के लोग पूछ रहे हैं कि पूर्व में धोली गुमटी पर बनने वाला रेलवे ओवरब्रिज आज तक अधूरा पड़ा है, तो बांदीकुई के मुख्य बाजार में बनने वाला आगरा फाटक का यह रेलवे ओवर ब्रिज भी अब कहीं सुविधा देने के नाम पर असुविधा खड़ी न कर दे ।

उधर बांदीकुई की धोली गुमटी पर बन रहा रेलवे ओवर वाहन चालकों सहित राहगीरों के लिए मुसीबत बन रहा हैं। जबकि उस आरओबी की कुल लागत 19.88 करोड़ की राशि से ज्योति बिल्डर्स लिमिटेड जयपुर की एजेंसी को वर्क आर्डर जारी किए थे और उस वक्त आरोही निर्माण कार्य कंपनी द्वारा शुरू भी कर दिया गया था।‌ 

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इस सारे मामले में सिकंदरा अधिशासी अभियंता राजेश मीणा का कहना है कि निर्माणाधीन आरओबी का काम तत्कालीन गहलोत सरकार में रफ्तार भी नहीं पकड़ पाया, यहां से गुजर रही हाईटेंशन लाइन को शिफ्ट करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है, जिसके लिए बार-बार संबंधित विभागों को अवगत करवा दिया गया । लेकिन कोई ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है । अभी भजन सरकार के विधायक भागचंद टांकडा ने विधानसभा सत्र के दौरान इस निर्माणाधीन आरओबी का मुद्दा उठाया । जिसके बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग की नींद टूटने पर एक फिर आमजन को आरओबी का निर्माण पूरा होने की उम्मीद जगी है।

तो वही पीडब्ल्यूडी एक्सईएन राजेश मीणा का कहना है कि आरओबी का निर्माण कार्य करीब 90 फीसदी पूरा हो चुका है, जिसमें लाइटिंग और डामरीकरण कार्य शेष है। मीणा ने बताया कैश वैरीर का काम शेष है, जिसके लिए रेलवे विभाग को कई बार चिट्ठी पत्री भी गई है । रेलवे भी इस और ध्यान नहीं दे रहा है । इसके चलते निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है । साथ ही हाईटेंशन लाइन शिफ्ट नहीं होने के कारण लेट हो रहा है । एक्सईएन राजेश मीणा ने बताया कि आरओबी के ऊपर गुजर रही 33 केवी लाइन को शिफ्ट के लिए विद्युत विभाग को 5 मई 2018 से 28 जून 2024 को लाइन शिफ्टिंग को लेकर कई बार पत्र लिखकर विभाग से मांग की है।

वर्ष 2018 में आरओबी का स्थानीय लोगों ने व्यवधान उत्पन्न पर काम को रोका गया है। जिसके चलते अभी भी आरओबी का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है । हालांकि पीडब्ल्यूडी विभाग ने आगामी 3 माह के भीतर धोली गुमटी रेलवे फाटक पर आरओबी का निर्माण पूरा होने दावा भी किया है । अब इस सारे मामले में देखने वाली बात यह होगी कि बीरबल की खिचड़ी की तरह बनने वाला यह रेलवे ओवर ब्रिज आखिर जनता को कब तक सुविधा दे पाएगा ?
 

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