Edited By Rahul yadav, Updated: 12 Dec, 2024 02:26 PM
बुधवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के काफिले की गाड़ियों को एक टैक्सी ने टक्कर मार दी। जयपुर के अक्षयपात्र सर्किल पर हुए इस हादसे में एएसआई सुरेंद्र सिंह की मौत हो गई, जबकि चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। यह हादसा दोपहर तीन बजे हुआ। घटना के बाद...
बुधवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के काफिले की गाड़ियों को एक टैक्सी ने टक्कर मार दी। जयपुर के अक्षयपात्र सर्किल पर हुए इस हादसे में एएसआई सुरेंद्र सिंह की मौत हो गई, जबकि चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। यह हादसा दोपहर तीन बजे हुआ। घटना के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तुरंत गाड़ी से उतरे और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। इलाज के दौरान एएसआई सुरेंद्र सिंह ने दम तोड़ दिया। अब एएसआई सुरेंद्र सिंह को शहीद का दर्जा देने की मांग की जा रही है। उनके परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया था और कुछ मांगें रखी थीं, जिनमें सुरेंद्र सिंह के बेटे को तहसीलदार की नौकरी और बेटी को शिक्षक की नौकरी देने की बात शामिल थी। इसके अलावा, परिवार ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की भी मांग की। जयपुर स्थित चांदपोल पुलिस लाइन में आयोजित होने वाली श्रद्धांजलि सभा को भी इस कारण स्थगित करना पड़ा। एएसआई सुरेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव काठ का माजरा (नीमराणा, अलवर) में गुरुवार को राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। सुरेंद्र सिंह का परिवार वर्तमान में जयपुर के वैशाली नगर में रहता है। उनकी पत्नी एक शिक्षक हैं, जबकि बेटे ने हाल ही में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की है। सुरेंद्र सिंह के पिता भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर कार्यरत थे।
इस हादसे की शुरुआत तब हुई जब सीएम के काफिले के लिए अक्षयपात्र चौराहे पर ट्रैफिक रोका गया था। इसी दौरान एक टैक्सी गलत दिशा से आई और सुरेंद्र सिंह ने उसे रोकने की कोशिश की। टैक्सी चालक ने गाड़ी उनकी ओर मोड़ दी, जिससे सुरेंद्र सिंह बुरी तरह घायल हो गए। इस दौरान काफिले की एक गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई। सुरेंद्र सिंह को गंभीर चोटें आईं और उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया। हालांकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एएसआई सुरेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि दी है। वहीं, परिजनों द्वारा प्रदर्शन के बाद प्रशासन के समझाने पर परिवार शव लेने को तैयार हुआ और उसे अलवर ले जाया गया। मृतक की पत्नी ने कहा कि सुरेंद्र सिंह ने अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा और साहस के साथ निभाई। अब परिवार को सरकार से उम्मीद है कि उनकी मांगों को पूरा कर सुरेंद्र सिंह को न्याय और सम्मान दिया जाएगा।