इस गांव के ग्रामीण क्यों खौफ के साये में जीने को मजबूर ? आखिर दहशत का कब होगा अंत ?, पढ़िये पूरी खबर

Edited By Chandra Prakash, Updated: 12 Sep, 2024 03:16 PM

why are the villagers of this village forced to live in the shadow of fear

दौसा जिले के कई इलाकों में पैंथर की मूवमेंट लगातार जारी रहने से लोग खौफ के साये में जी रहे हैं । दरअसल मेहंदीपुर बालाजी इलाके के मीना सीमला गांव में पिछले 6 दिन से ग्रामीण पैंथर के आतंक से भयभीत दिखाई दे रहे हैं । जिसके चलते शाम ढलते ही बघेरे के डर...

दौसा, 12 सितंबर 2024 । दौसा जिले के कई इलाकों में पैंथर की मूवमेंट लगातार जारी रहने से लोग खौफ के साये में जी रहे हैं । दरअसल मेहंदीपुर बालाजी इलाके के मीना सीमला गांव में पिछले 6 दिन से ग्रामीण पैंथर के आतंक से भयभीत दिखाई दे रहे हैं । जिसके चलते शाम ढलते ही बघेरे के डर के कारण ग्रामीण अपने घर के खिड़की दरवाजे बंद कर घरों में छुप जाते है । हालांकि अभी पैंथर वन विभाग की पकड़ से दूर है । वन विभाग की टीम की ओर से लगातार पैंथर को पकड़ने के प्रयास जारी है । 

ऐसे में इसी गांव की एक महिला लौटन देवी मीणा का कहना है कि दो-तीन दिन पहले पैंथर उनके आंगन में आ गया, जिसके बाद उन्होंने अपने आंगन में पैंथर के डर से जाल लगवा लिया । उसका कहना है कि पैंथर फिलहाल ग्रामीण इलाके में ही छुपा हुआ हैं ।

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पैंथर को कैद करने वाला पिंजरा भी बना शो पीस 
दरअसल, पिछले कई दिनों से मेहंदीपुर के ग्रामीण इलाके में पैंथर के पगमार्क से ग्रामीण दहशत में हैं । जिसके चलते पंजाब केसरी की टीम ने पता लगाने की कोशिश की । कि आखिर किस कारण वन विभाग की टीम को पैंथर पकड़ने में सफलता नहीं मिल पाई । पंजाब केसरी की टीम जब मौके पर पहुंची तो पिंजरा शो पीस बना हुआ था । जिसके चलते वहां ना तो वन विभाग का कोई कार्मिक मौजूद था और पैंथर को पकड़ने के लिए लगाया गया पिंजरा भी बंद दिखाई दे रहा था । जिस पर फोरेस्ट का कहना है कि वन विभाग में संसाधन का अभाव है,  ऐसे में उच्चाधिकारी भी नहीं सुनते हैं । अब कैसे पकड़े पैंथर को ? ऐसे में अब बड़ा सवाल यह है कि क्या पैंथर इस पिंजरे में आने के लिए खुद पिंजरा खोलेगा ? 

पैंथर का इलाके में जल्द ही रेस्क्यू किया जाएगा- डीएफओ 
जब इस मामले की सूचना वन विभाग के दौसा डीएफओ अजित उचोई को दी गई, तो साहब ने आनन फानन में सिकराय रेंजर राकेश मीणा को मौके पर भेजा । जहां रेंजर राकेश मीणा ने मौके पर पहुंचकर बताया कि पैंथर का इलाके में मूवमेंट है, जल्द रेस्क्यू किया जाएगा । लेकिन अब भी बड़ा सवाल वही था कि बंद पिंजरे में आखिर पैंथर रेस्क्यू कैसे किया जा सकता है ? 

चार श्वानों का शिकार कर चुका पैंथर 
इधर ग्रामीणों की माने तो अब तक इलाके में पैंथर चार श्वानों का भी शिकार कर चुका है। जबकि घटनास्थल से महज एक किलोमीटर की दूरी पर वन विभाग की चौकी भी बनी है । लेकिन वन विभाग के अधिकारियों को दो दिन तक तो इस मामले की कानों-कान भनक तक नहीं लगी ।  ऐसे में वन विभाग की उदासीनता या लापरवाही के चलते यहां के ग्रामीण भय के साए में रह कर जीने को मजबूर हैं ।

सीसीटीवी कैमरे में पैंथर हुआ कैद, वन विभाग अभी असफल !
वहीं बघेरे का मूवमेंट गांव के ही एक घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो चुका है। आपको बताते चले कि जिले के मेहंदीपुर बालाजी थाने के पास स्थित मीन भगवान मंदिर के सामने से जाने वाले रास्ते में पिछले दिनों से बघेरे का मूवमेंट बना हुआ है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है वन विभाग ? या महज खाना पूर्ति करते हुए पैंथर के यहां से निकलने के समय के इंतजार में हैं । 
 

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