आखिर कौन रोकेगा युवा पीढ़ी को इस अवैध नशे की चपेट में आने से ?

Edited By Rahul yadav, Updated: 09 Jan, 2025 01:03 PM

who will stop the young generation from falling prey to this illegal drug

राजस्थान की भजनलाल सरकार कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट नजर आ रही है। दौसा जिले में अपराध और नशे का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, और प्रशासन इसे रोकने में नाकाम दिख रहा है। खासकर सिकंदरा कस्बे में...

सिकंदरा में नशे का गढ़: प्रशासन की अनदेखी और युवाओं की बर्बादी का मामला उजागर

राजस्थान की भजनलाल सरकार कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट नजर आ रही है। दौसा जिले में अपराध और नशे का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, और प्रशासन इसे रोकने में नाकाम दिख रहा है। खासकर सिकंदरा कस्बे में भांग के ठेके पर स्मैक, गांजा और चरस जैसे मादक पदार्थों का अवैध कारोबार खुलेआम चल रहा है।

नशे के खिलाफ पुलिस का ढुलमुल रवैया

सिकंदरा थाना पुलिस इस अवैध कारोबार से अंजान होने का दावा करती है। थानाधिकारी सुनीलाल ने कहा, "मैं खुद सिकंदरा कस्बे में नियमित गश्त करता हूं और ऐसी कोई गतिविधि मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि शिकायत है तो मामले की जांच की जाएगी।" वहीं, वायरल हुए एक वीडियो ने पुलिस के इस दावे की पोल खोल दी है। वीडियो में भांग के ठेके पर गांजा और स्मैक की खुलेआम बिक्री होते दिख रही है।

आबकारी विभाग की अनदेखी

जिला कार्यवाहक आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा, "भांग के ठेके पर केवल भांग की बिक्री होती है। इस तरह की कोई जानकारी मेरे पास नहीं थी, लेकिन अब जांच की जाएगी।" यह बयान भी सवालों के घेरे में है क्योंकि स्थानीय लोगों का दावा है कि पूरे सिकंदरा में बच्चों से लेकर हर व्यक्ति को इन गतिविधियों की जानकारी है।

युवाओं की बर्बादी और प्रशासन की भूमिका

स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत के चलते नशे का यह अवैध कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। क्षेत्र के पूर्व जिला अध्यक्ष अमर सिंह कसाना ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "सिकंदरा थाना पुलिस नशे के सौदागरों से मिली हुई है। इस कारण से यह कारोबार खुलेआम चल रहा है और पुलिस कार्रवाई सिर्फ कागजों में दिखती है।"

वायरल वीडियो ने बढ़ाई चिंता

वायरल वीडियो ने इस अवैध कारोबार को उजागर कर दिया है। वीडियो में दिखाया गया है कि भांग के ठेके पर गांजा और स्मैक मनमानी कीमतों पर बेचे जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने सीएलजी मीटिंग और जनसुनवाई के दौरान कई बार इस मुद्दे को उठाया, लेकिन प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

नशे के चपेट में युवा पीढ़ी

इस अवैध कारोबार का सबसे ज्यादा असर सिकंदरा की युवा पीढ़ी पर हो रहा है। हजारों परिवार नशे के इस जाल में बर्बादी की ओर बढ़ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थिति केवल प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा है।

क्या प्रशासन उठाएगा कदम?

अब सवाल यह है कि वायरल वीडियो के बाद प्रशासन क्या कदम उठाएगा। क्या पुलिस और आबकारी विभाग नशे के इस अवैध कारोबार को रोकने में सफल होंगे, या यह मामला भी कागजों तक ही सिमट जाएगा? जनता को प्रशासन की कार्रवाई का इंतजार है।

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