Edited By Chandra Prakash, Updated: 16 Aug, 2024 05:51 PM
रणथंभौर नेशनल पार्क में अवैध रूप से लग्ज़री गाड़ियों की घुसपैठ के मामले में वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 15 लग्जरी गाड़ियों को जब्त किया है। वन विभाग द्वारा जब्त की गई सभी लग्जरी गाड़िया ,राजस्थान , हरियाणा, एमपी ,यूपी और महाराष्ट्र नम्बरों की...
रणथंभौर के जंगल में लग्जरी गाड़ियों की घुसपैठ
वन विभाग ने जब्त की कई थार व स्कॉर्पियो कार
CWLW पवन उपाध्याय ने पंजाब केसरी से कहा
'जिसकी भी होगी मिलीभगत करेंगे सख्त कार्रवाई'
सवाई माधोपुर, 16 अगस्त 2024 (अभिनव अग्रवाल) । रणथंभौर नेशनल पार्क में अवैध रूप से लग्ज़री गाड़ियों की घुसपैठ के मामले में वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 15 लग्जरी गाड़ियों को जब्त किया है। वन विभाग द्वारा जब्त की गई सभी लग्जरी गाड़िया ,राजस्थान , हरियाणा, एमपी ,यूपी और महाराष्ट्र नम्बरों की है। अवैध तरीके से रणथंभौर के जोन नम्बर आठ के जंगल में लग्जरी गाड़ियों के घुसने का मामला उजागर होने के बाद पीसीसीएफ व सीडब्ल्यूसीएलडब्लयू पवन उपाध्याय के निर्देश पर रणथंभौर वन प्रशासन हरकत में आया और रणथंभौर के सीसीएफ अनूप के आर व डीएफओ रामानंद भाकर ने कार्रवाई करते हुए लगभग 15 लग्जरी गाड़ियां जब्त कर वन विभाग के कार्यालय परिसर में खड़ा कर दिया ।
वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक वन विभाग द्वारा बीती रात को 5 ओर शेष गाड़ियों को आज विभिन्न होटलों से जब्त किया गया है। वनाधिकारियों ने बताया कि मामले को लेकर अनुसंधान किया जा रहा है और अनुसंधान के बाद जब्त की गई गाड़ियों एवं संबंधित दोषियों पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी । वहीं पवन उपाध्याय ने पंजाब केसरी को बताया कि इस मामले में सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह वन विभाग का ही कोई अधिकारी या कर्मचारी ही क्यों न हो। गौरतलब है कि 15 अगस्त की शाम को एडवेंचर टूर के नाम पर एक दर्जन से भी अधिक लग्जरी गाड़ियां रणथंभौर के जोन नंबर आठ में अनाधिकृत रूप से प्रवेश कर गई थी । जबकि प्रदेश भर में अभी मानसून सत्र में सफारी बंद है ।
इससे भी अधिक हैरत की बात यह है कि रणथंभौर के जंगल में अनुबंधित जिप्सी अथवा कैंटर सफारी के लिए चलते है । लेकिन 15 अगस्त की शाम को यहां स्कार्फीयो तथा थार जैसी एक दर्जन से भी अधिक लग्जरी गाड़ियां रणथंभौर नेशनल पार्क के जोन नंबर आठ में सफारी के लिए अवैध रूप से घुस गई। जिसका वीडियो भी वायरल हो गया । यही नहीं वायरल वीडियो में रणथंभौर के जंगल के भीतर गाड़ियों से उतरकर लोग चलते-फिरते भी नजर आ रहे हैं। कुछ महिलाएं व पुरुष जंगल में उतरकर बाते करते हुए भी नजर आ रहे हैं। जहां टाइगर का पूरा मूवमेंट रहता है । ऐसे में कोई बड़ी घटना भी इस दौरान घटित हो सकती थी । इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता । इस जगह बिना वन विभाग की इजाजत के जाना मुमकिन नहीं है।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार एक दर्जन लग्जरी गाड़ियों में सवार होकर नेशनल पार्क के जोन नंबर आठ में यह गाड़ियां सफारी करने कैसे पहुंच गई ?, रणथंभौर नेशनल पार्क बारिश काल में तीन महीने के लिए बंद है। हालांकि जोन नंबर 6 से 10 के बीच केवल अनुबंधित वाहनों को ही वन विभाग की इजाजत से पार्क भ्रमण पर भेजा जा सकता है । लेकिन वीडियो में दिख रही स्कॉर्पियो, थार जैसी गाड़ियों को जंगल में जाने की बिल्कुल भी इजाजत नहीं है। तब अपने प्रभाव का उपयोग करके यह लोग नेशनल पार्क के भीतर घुस गए। वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना रणथंभौर के जंगल में इन गाड़ियों का घुसपैठ करना संभव नहीं है । क्योंकि रणथंभौर में सर्विलांस सिस्टम और एंटी पोचिंग सिस्टम लगा हुआ है । जिसके माध्यम से पूरे रणथंभौर पर वन विभाग की पैनी नजर रहती है और जंगल में घटित होने वाले हर मूवमेंट पर नजर रहती है । ऐसे में यह बिल्कुल भी संभव नहीं है कि अधिकारियों की मजरवानी के बिना एक भी गाड़ी जंगल में अवैध रूप से घुसपैठ कर सके । इन गाड़ियों के जंगल में घुसने के पीछे वन विभाग के अधिकारियों की ही मिलीभगत हो सकती है ।
बता दें कि सभी गाड़ियों पर एडवेंचर लिखा हुआ है। ऐसे में मिली भगत और भ्रष्टाचार का कितना बड़ा खेल रणथंभौर नेशनल पार्क में चल रहा है । इन तस्वीरों से साफ देखने को मिल रहा है। वीडियो 15 अगस्त की शाम का बताया जा रहा है । जानकारी के अनुसार सभी गाड़ियां बालास चौकी से नेशनल पार्क में प्रवेश हुई और हिंदवाड के रास्ते होते हुए जंगल से बाहर निकली । जबकि यह पूरा इलाका क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट के अंतर्गत आता है । इस जगह किसी भी सूरत में किसी को भी आने जाने की इजाजत नहीं है । वीडियो वायरल होने और मीडिया में खबरे चलने तथा उच्च अधिकारियों के निर्देश पर हरकत में आये रणथंभौर वन प्रशासन ने गाड़ियां तो जब्त कर ली, लेकिन देखने वाली बात यह है कि विभाग उन अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर पाएगा ?, जिन अधिकारियों की इन गाड़ियों की अवैध घुसपैठ में मिलीभगत है । क्योंकि अधिकारियों एवं टूर ऑपरेटर की मिलीभगत के चलते रणथंभौर के जंगल में इन गाड़ियों का प्रवेश करना नामुमकिन है । हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मामले का अनुसंधान चल रहा है और जो भी दोषी होगा उन सब पर कार्रवाई की जाएगी । अब देखना यह होगा कि विभाग कब और किस-किस पर कार्रवाई कर पाता है ?