Edited By Chandra Prakash, Updated: 13 Apr, 2025 12:06 PM

विपक्ष वाली पार्टी ने गुजरात में अधिवेशन कर पार्टी की मजबूती और आगामी रणनीति पर लंबा मंथन किया है। इस अधिवेशन में प्रदेश से जुड़े कई नेताओं को बोलने का मौका भी मिला। पिछली सरकार में सीएम इन वेटिंग रहे युवा नेता को काफी महत्व दिया गया। इनके अलावा...
हनुमानगढ़, 13अप्रैल 2025 । (बालकृष्ण थरेजा): विपक्ष वाली पार्टी ने गुजरात में अधिवेशन कर पार्टी की मजबूती और आगामी रणनीति पर लंबा मंथन किया है। इस अधिवेशन में प्रदेश से जुड़े कई नेताओं को बोलने का मौका भी मिला। पिछली सरकार में सीएम इन वेटिंग रहे युवा नेता को काफी महत्व दिया गया। इनके अलावा पिछले दिनों एक मंदिर में जाकर चर्चा में आए नेता प्रतिपक्ष का जिक्र पार्टी के सबसे बड़े नेताओं ने अपने भाषण में किया। नेता प्रतिपक्ष के मंदिर में जाने के बाद सत्ता वाली पार्टी के एक नेता ने कथित तौर पर इस मंदिर का शुद्धिकरण करवाया था। विपक्ष वाली पार्टी इसे दलितों के अपमान से जोड़ रही है। अधिवेशन में प्रदेश की कई महिला नेताओं को बोलने का मौका दिया गया। सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की रही कि इस अधिवेशन में कार्य समिति की बैठक के अलावा प्रदेश के पूर्व मुखिया की कोई भूमिका अभी तक सामने नहीं आई है। अधिवेशन खत्म होते ही पार्टी के सबसे बड़े नेता प्रदेश की राजधानी पहुंचे। राजधानी में पार्टी के प्रदेश प्रधान और नेता प्रतिपक्ष में उनका स्वागत किया। प्रदेश में आगामी दिनों में होने वाले संगठन के बदलाव और नई नियुक्तियों में अब इस अधिवेशन के मंथन के परिणाम का असर दिखेगा। मंथन से निकले फसलों का इंतजार होने लगा है। पार्टी पहले भी दिल्ली से बड़े फैसले होने का इंतजार करती रही है और अब अधिवेशन के मंथन के फैसलों का इंतजार है। विपक्ष वाली पार्टी में प्रदेश के पूर्व मुखिया और युवा नेता के गुटों में खींचतान रहती है। अब देखना होगा कि अधिवेशन की रणनीति का असर प्रदेश में क्या होगा?
सबसे हमरी दोस्ती, न काहू से बैर !
प्रदेश के मुखिया पिछले हफ्ते नहरी क्षेत्र के दौरे पर रहे। नहरों का निरीक्षण करने के बाद जिला मुख्यालय पर पहुंचने के दौरान मुखिया का कई जगह सत्ता वाली पार्टी के नेताओं ने स्वागत किया। सभी नेताओं ने स्वागत के लिए प्वाइंट तय किए थे। मुख्य नहर पर पार्टी की दलित विंग के प्रधान ने प्रदेश के मुखिया का स्वागत किया था। प्रदेश के मुखिया से उनकी काफी अच्छी जुगलबंदी है। दोनों संगठन में साथ काम कर चुके हैं। इसके बाद सरकार में नहरी महकमे के मंत्री रहे एक वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रत्याशी रहे उनके पुत्र ने प्रदेश के मुखिया का स्वागत किया। दोनों ने मुखिया के सामने नहरी क्षेत्र की समस्याएं और मांगें रखीं । मुखिया का पार्टी के पूर्व जिला प्रधान ने भी स्वागत किया। मुख्यमंत्री भी पूर्व जिला प्रधान से काफी खुश नजर आते। इस युवा नेता नेअपने स्वागत पोस्टर में अगले विधानसभा चुनाव में टिकट मांगने का इशारा कर दिया है। सत्ता वाली पार्टी का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक ने घग्घर नदी के पुल पर मुखिया का स्वागत किया। सर्किट हाउस में भी पार्टी नेताओं ने मुखिया का स्वागत किया। सभी जगह प्रदेश के मुखिया ने स्वागत कार्यक्रम करने वाले नेताओं की जमकर तारीफ की। नेताओं की तारीफ में कसीदे पढ़कर मुखिया ने उनका हौसला बढ़ा दिया। दिलचस्प बात यह रही कि सभी स्वागत पॉइंट पर मुखिया ने आयोजकों की तारीफ की। इससे सभी खुश हुए और मुखिया का दौरा बिना किसी विवाद के शांति से निपट गया। संगठन में काम कर चुके प्रदेश के मुखिया लोगों से सहज तरीके से मिलते हैं। जिला मुख्यालय पर उन्होंने आम लोगों से मुलाकात की। चाय की थड़ी पर चाय पी। इससे उनकी साधारण छवि खुलकर सामने आई है। नेताओं को खुश कर प्रदेश के मुखिया संगठन को मजबूती का इशारा कर गए हैं।
विपक्षी नेताओं का सत्ता प्रेम!
जिले के दौरे पर आए प्रदेश के मुखिया के स्वागत में इस बार विपक्ष वाली पार्टी के कई नेताओं का सत्ता प्रेम नजर आया। वैसे जिला मुख्यालय की राजनीति इन दिनों काफी दिलचस्प बनी हुई है। विपक्ष वाली पार्टी के कई नेता अपनी पार्टी के पार्षदों पर निर्दलीय विधायक का समर्थन करने का आरोप लगा चुके हैं। इसको लेकर पार्टी के जिला प्रधान तक पर आरोप लग चुके हैं। अब प्रदेश के मुखिया के दौरे ने इस राजनीति को और हवा दे दी है। मुखिया के स्वागत में विपक्ष वाली पार्टी से जुड़े कई नेता किसी न किसी बहाने से मौजूद रहे। जिला मुख्यालय पर होटल व्यवसाय करने वाले विपक्ष वाली पार्टी के एक पार्षद एक अन्य युवा पार्षद प्रतिनिधि के साथ मुखिया के स्वागत में कई जगह दिखे। दोनों नेता स्वागत कार्यक्रमों में शामिल होकर अपने नंबर बनाने में लगे रहे। इसी तरह एक युवा नेता किसानों की समस्याओं के समाधान के नाम पर सर्किट हाउस में मुखिया से मिलने गए तो उन्होंने सत्ता वाली पार्टी के पूर्व मंत्री की तारीफ कर डाली। उन्होंने पूर्व मंत्री को काफी योग्य बताया तथा अपनी बात सुनने के लिए मुखिया का धन्यवाद भी कर दिया। किसानी आंदोलन में अग्रणी रहे तथा एक किसान संगठन की प्रधानी कर चुके युवा नेता निर्दलीय विधायक द्वारा रखे गए स्वागत कार्यक्रम में मंच पर नजर आए। उन्होंने मुखिया की मौजूदगी में भाषण दिया।इस कार्यक्रम में विपक्ष वाली पार्टी से जुड़े कई कार्यकर्ता खुले तौर पर शामिल हुए। विपक्ष वाली पार्टी के इन नेताओं और कार्यकर्ताओं का सत्ता प्रेम आने वाले दिनों में जिला मुख्यालय की राजनीति को और अधिक रोचक बनाने वाला है। इसका असर स्थानीय निकाय तथा पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में देखने को मिल सकता है।