विश्व हिंदू परिषद की दो दिवसीय प्रबंध समिति की बैठक संपन्न, शरणार्थी हिंदूओं की नागरिकता को लेकर हुई चर्चा

Edited By Chandra Prakash, Updated: 28 Jul, 2024 07:33 PM

vishwa hindu parishad s two day management committee meeting concluded

धार्मिक यात्राओं की सात्विकता और मंदिरों को जागरण धर्म प्रचार समरसता के केंद्र बनाने के संकल्प के साथ विश्व हिंदू परिषद की दो दिवसीय प्रबंध समिति की बैठक संपन्न हुई । बैठक में 47 प्रांतों के साथ ही विश्वभर के 300 पदाधिकारियों ने भाग लिया । बैठक के...

जोधपुर, 28 जुलाई 2024 । धार्मिक यात्राओं की सात्विकता और मंदिरों को जागरण धर्म प्रचार समरसता के केंद्र बनाने के संकल्प के साथ विश्व हिंदू परिषद की दो दिवसीय प्रबंध समिति की बैठक संपन्न हुई । बैठक में 47 प्रांतों के साथ ही विश्वभर के 300 पदाधिकारियों ने भाग लिया । बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी को विश्व हिंदू परिषद के 60 वर्ष पूर्ण होंगे । बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे में देशभर में हजारों स्थान पर व्यापक जन जागरण कार्यक्रम आयोजित होगा ।

उन्होने बताया कि 24 अगस्त से 1 सितंबर के बीच आयोजित होने वाले इन स्थापना दिवस महोत्सव कार्यक्रमों के अंतर्गत विहित की 60 वर्षों की उपलब्धियां वर्तमान में राष्ट्र धर्म और हिंदू समाज के समक्ष चुनौतियां और उनके निवारण के संबंध में चर्चाएं और संगोष्टियां होगी । राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश सहित संपूर्ण देश के अनेक राज्यों में विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ता हर गांव गली मोहल्ले में पाकिस्तान में आए पीड़ित विस्थापित हिंदुओं को नागरिकता देने में सहयोग कर रहे हैं । इसमें हजारों ऐसे हिंदुओं की नागरिकता हेतु पंजीयन हो चुका है तथा सैकड़ों को नागरिकता मिली भी है, निर्णय हुआ कि इस प्रक्रिया में और तेजी लाई जाएगी और शेष रहे सभी पीड़ितों को भारत के नागरिकता दिलाई जाएगी । 

आलोक कुमार ने कहा कि हिंदू धर्म वाले तीर्थ स्थलों और धार्मिक यात्राओं के मार्ग में बहुत सारे मुसलमान दुकानदार अपनी दुकान का नाम हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर रखते हैं । कई जगह पर तो हिंदू देवी-देवताओं के चित्र भी लगाते हैं, यह सीधे-सीधे अपना मजहब छुपा कर धोखा देने की बात है । कोई इस प्रकार के धोखे को अपना कानूनी अधिकार कैसे बता सकता है । क्या तीर्थ यात्री को यात्रा में अपने धर्म के अनुसार धार्मिक सात्विक खाना खाने का अधिकार भी नहीं है । उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में दो आदेश नहीं हो सकते, किसी एक धर्म को मानने वाले के लिए अलग और हिंदू धर्म को मानने वाले के लिए अलग । सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगाई है । इस आज्ञा का सम्मान होना चाहिए, किंतु हम यह आशा करते हैं कि गुण दोष के आधार पर पूरी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट अपना यह आदेश वापस लेकर याचिका  रद्द करेगा 

आलोक कुमार ने कहा कि धार्मिक रीति रिवाज से पूजा अर्चना और पुरोहित के कार्य संपन्न हो, इस हेतु विभिन्न देशभर में अर्चक पुरोहितों के प्रशिक्षण की एक व्यापारी योजना बनाई है । इसमें न सिर्फ भारतीय महाद्वीप अभी तो पश्चिम के देशों में भी मंदिरों और घरों में विधि विधान से संस्कार और धार्मिक शिक्षा का प्रचार हो सकेगा।  हिंदू मंदिरों में ऐसे पुजारियों की मांग बड़ी है, इसकी पूर्ति हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अंग्रेजी और अन्य भाषाओं के साथ तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में समाज के हर वर्ग के जाति मत पंथ संप्रदाय को सहभागी बनाया जाएगा । वहीं जनसंख्या नियंत्रण कानून पर बोलते हुए आलोक कुमार ने कहा कि जिन देशों में एक बच्चे का कानून है, वहां बुढे लोगों की संख्या अधिक है, वहीं ममता बनर्जी के बॉर्डर खोलने के बयान पर कहा कि उनका बयान देश हित में नहीं है । 

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