Edited By Afjal Khan, Updated: 05 Nov, 2023 07:06 PM
रेवदर उपखंड रेवदर में कई समय से आम जन की जान से खेल रहे है कथित झोला छाप डॉक्टर , स्वास्थ्य विभाग ने भले ही एक दो फर्जी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई कर खानापूर्ति कर ली हो, लेकिन रेवदर उपखंड क्षेत्र में अभी भी सैंकड़ों झोलाछाप डॉक्टर इलाज के नाम पर...
रेवदर उपखंड रेवदर में कई समय से आम जन की जान से खेल रहे है कथित झोला छाप डॉक्टर , स्वास्थ्य विभाग ने भले ही एक दो फर्जी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई कर खानापूर्ति कर ली हो, लेकिन रेवदर उपखंड क्षेत्र में अभी भी सैंकड़ों झोलाछाप डॉक्टर इलाज के नाम पर लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के चलते क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ आई हुई है। कार्रवाई न होने के चलते इनका धंधा जोरों पर है। लेकिन विभाग सब कुछ जानते हुए भी अंजान बना बैठा है। ध्यान देने की बात यह है कि जिले के साथ ही गांव-गांव में बीमार लोगों को ठीक करने के नाम पर दुकान खोले बैठे कई झोलाछाप डॉक्टरों के पास न तो कोई डिग्री है और ना ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किया गया कोई प्रमाण हां इतना जरूर है कि कुछ झोलाछाप डॉक्टरों न दूर-दराज के राज्यों से आयुर्वेद व संबंधित डिग्री जरूर अपनी दुकानों पर टांग रखी है ये डॉक्टर मरीजों को देखते ही बता देते है उनका रोग, जबकि डिग्री धारी डॉक्टर भी बिना रिपोर्ट के दवाई लिखने से परहेज रखते है विभाग भी इनके विरूद्ध खानापूर्ति का अभियान चला कर साध लेते है चुप्पी, आखिर जड से क्यो नही मिटाते झोलाछापों का खेल |
रेवदर उपखंड पर अगर झोलाछाप
द्वारा ईलाज करने पर अगर किसी की जान चली जाने के बाद मामला सम्बंधित विभाग के संघान में आता है तो भी उस पर डाल देते है पर्दा ऐसा ही एक केस रेवदर उपखंड के धाण पंचायत के एक कथित डॉक्टर पर एक देवासी परिवार की एक महिला के इलाज के दौरान जानचली जाने के आरोप लगे थे स्थानीय न्यूज पेपरों सहित सोशल मीडिया पर खूब खबरे चली पर विभाग ने अपनी कार्यवाही को लेकर छुपी साध रखी है वेसे मीडिया के द्वारा जानकारी में यह भी सामने आया कि ऐसे कुछ झोला छाप डॉक्टरों को स्थानीय व्यक्तियो के सरक्षण मिलने से जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को भी कार्यवाही से परहेज करना पडता है ।
गलत ईलज के आए दिन आ रहे हे मामले लेकिन चिकित्सा महकमा मेहरबान हो तो डर किस बात का
उपखंड सहित आसपास के गाँव नागाणी, अनादरा, थल, दौलपुरा, दांतराई, जीरावल, धाण सहित दर्जनों गाँवो में आए दिन लोगों से साथ झोलाछाप द्वारा गलत इलाज करने की सूचना आती रहती है। और जब इन डॉक्टरों से जब मरीज की हालत बिगड़ जाती है तो फर्जी चिकित्सक दुकाने बंद कर फरार हो जाते है। लेकिन कुछ दिनों बाद पुनः लोगों की सेहत से खिलवाड का धंधा शुरू कर दिया जाता है। उसके बाद विभाग इस ओर कोई ध्यान नही देता। ऐसा भी नहीं है कि क्षेत्र के जिम्मेदार शासकीय नुमाइंदों को इस फर्जी झोलाछापों के बारे में कोई जानकारी नही लेकिन जब चिकित्सा महकमा इनके ऊपर मेहरबान हो तो डर किस बात का क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर कई अनजान अनपढ़ ग्रामीणों की जान ले चुके हैं। बावजूद इसके चिकित्सा विभाग ऐसे तथाकथित डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाही नही कर रहा हैं।
झोलाछापों के ईलाज से शिकार होकर करवा रहे बड़े शहरों में ईलाज, स्वास्थ्य महकमा बना मूकदर्शक
रेवदर उपखंड में कई झोलाछाप डॉक्टर तो ऐसे हैं जिनके इलाज से कई लोगों ने अपनी जान भी गवाई और कई लोग गंभीर बीमारियों का शिकार भी हुए। जिन्हें अब बड़े शहरों में जाकर अपना इलाज करवाना पड़ रहा है। साथ ही कई रेवदर, नागाणी धाण दांतराई जीरावल सहित अन्य आसपास के गांवों में फर्जी डाक्टर बैठे हैं। यह प्रतिदिन किसी न किसी को मौत का शिकार बना रहे है। लेकिन स्वास्थ्य महकमा मूकदर्शक बना हुआ है। अब देखने वाली बात यह होगी कि रेवदर उपखंड में स्वास्थ्य विभाग झोलाछाप और बिना डिग्री वाले डॉक्टरों पर कब कार्रवाई करता है। या फिर विभाग इंतजार में होगा कि कोई बड़ी घटना या किसी की मृत्यु हो इलाज के दौरान तभी कार्यवाही की जायेगी। इस मामले में जब मीडिया द्वारा जानकारी में लाया जाता है तो जिम्मेदार देते है शिकायत का हवाला लेकिन उन पर खुद जांच व कार्रवाई करने की बजाय चिकित्सा अधिकारी शिकायत आने का इंतजार करते हैं। ऐसे में जब किसी मरीज की जान पर बन आती है तो शिकायत मिलती है। फिर इसकी जांच के नाम पर भी लीपापोती का खेल चलता है झोलाछाप डॉक्टर के काले कारनामे सामने आए जिसकी शिकायत भी आम जनता द्वारा की जाती है लेकिन अधिकारी तो जैसे शिकायत की ताक में रहते हैं कि कहीं की शिकायत मिलते ही उनके लिए मलाई की व्यवस्था हो जाती क्योंकि फरियादी शिकायत कहीं भी कर लें जांच तो आखिर सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को ही करनी है और जो झोलाछाप से साठ-गाठ में रहते हैं।
क्या कहते है ब्लाक चिकित्सा मुख्य अधिकारी
मीडिया के द्वारा जब उनसे दीपावली के त्यौहार को देखते हुए फील्ड में प्रेक्टिस कर रहे झोलाछाप कथित डॉक्टरो के विरुद्ध मीडिया ने सर्च ऑपरेशन कर जानकारी जुटाई तो कई झोलाछाप डॉक्टरों ने सम्बंधित चिकित्सा विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप लगाए वेसे मामले की जानकारी रेवदर उपखंड के चिकित्सा विभाग बीसीएमओ रितेश शांखला को अवगत करवाया तो उनका कहना है कि आप लिखित शिकायत दो नियमानुसार हमारी टीम कार्यवाही करेगी |
अब जब एक जिम्मेदार अधिकारी इस प्रकार की गैर जिम्मेदारी का जवाब देते है तो आम जन की शिकायत पर कार्यवाही होना प्रश्न चिन्ह लगता है वेसे जिम्मेदार अधिकारीयों के संज्ञान में न्यूज प्रकाशित कर मामले से जरूर अवगत करवाया जायेगा फिर देखते है उनकी कार्यवाही को लेकर कदम |
इस पूरे मांमले में सीएचएमओ जिले में हम लगातार कार्यवाही कर रहे है अगर आपके रेवदर उपखंड पर इस प्रकार के झोलाछाप अगर मानवजीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे है तो ब्लाक सीएचएमओ रितेश सांखला व उपखंड अधिकारी की सयुक्त टीम इस पर कार्यवाही करेगी वेसे अगर वे कार्यवाही नही करते है तो उच्च अधिकारियों को जानकारी से अवगत करवाएंगे व कार्यवाही अमल में लायी जाएगी |