Edited By Afjal Khan, Updated: 09 Nov, 2023 03:22 PM
राजस्थान विधानसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है । ऐसे में प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस-भाजपा के प्रत्याशी कमर कस चुके हैं । हालांकि, अबकी बार युवाओं को दोनों ही पार्टियों बीजेपी-कांग्रेस में जगह कम मिल पाई है। तो वहीं कांग्रेस और भाजपा ने उम्रदराज जिताऊ...
राजस्थान विधानसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है । ऐसे में प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस-भाजपा के प्रत्याशी कमर कस चुके हैं । हालांकि, अबकी बार युवाओं को दोनों ही पार्टियों बीजेपी-कांग्रेस में जगह कम मिल पाई है। तो वहीं कांग्रेस और भाजपा ने उम्रदराज जिताऊ उम्मीदवारों पर फिर भरोसा जताया है । विधानसभा चुनाव में फिर से दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और बीजेपी ने फिर से उम्रदराज जिताऊ उम्मीदवारों पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है। दरअसल कांग्रेस ने 84 वर्ष के अमीन खां को शिव से चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं बीजेपी ने सीकर से 74 वर्षीय रतन जलधारी को चुनावी दौड़ में आगे किया है । आपको बता दें कि उम्रदराज नेताओं में मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री तक शामिल है । बात करें सबसे कम उम्र के प्रत्याशी की तो कांग्रेस की ओर से सबसे कम उम्र के शिवप्रकाश नसीराबाद से चुनाव लड़ेंगे जबकि बीजेपी ने 27 साल के अंशुमान सिंह भाटी को कोलायत से चुनावी मैदान में उतारा है । वहीं 40 वर्ष के उम्र वाले प्रत्याशियों की बात करें तो बीजेपी ने 19 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा तो कांग्रेस के 34 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं । आंकड़ों के मुताबिक उम्र की बात करें तो सबसे ज्यादा प्रत्याशी 41 से लेकर 60 साल के हैं । वहीं भाजपा के 60 और कांग्रेस के 71 प्रत्याशियों की उम्र 60 के पार है । जबकि विधानसभा चुनावों में 70 वर्ष से अधिक 9 उम्मीदवार हैं ।
डॉक्टर, इंजीनियर, एलएलबी और पीएचडी होल्डर भी प्रत्याशी
हालांकि दोनों ही प्रमुख दल कांग्रेस औऱ बीजेपी ने इस बार डॉक्टर, इंजीनियर, एलएलबी और पीएचडी होल्डर उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है । अगर बात करें भाजपा की 4 नेताओं ने एमबीबीएस, 3 इंजीनियर और 19 प्रत्याशियों ने वकालात की पढ़ाई की है जबकि कांग्रेस में 5 इंजीनियर, 3 एमबीए, 1 आईटी और एक डॉक्टर की पढ़ाई की है । MBBS की पढ़ाई ज्योति मिर्धा, किरोड़ीलाल मीणा, शैलेश सिंह, विश्वनाथ मेघवाल ने की है जबकि वासुदेव देवनानी, मदन दिलावर, धर्मपाल गुर्जर ने बीई और बाड़मेर से प्रत्याशी दीपक कुमार ने आईआईटी की डिग्री ली । इनके अलावा 3 सीए, 5 पीएचडी, 19 प्रत्याशियों ने एलएलबी की है । सियासत की कोई उम्र नहीं होती है केवल राजनीतिक दलों को उम्र और एजुकेशन से कोई फर्क नहीं पड़ता है सिर्फ जीतने वाला चेहरा होना चाहिए । अब देखने वाली बात यह होगी कि राजनीतिक पार्टियों को कितनी सफलता मिल पाएगी । यह तो आने वाला समय ही बताएगा ।