Edited By Afjal Khan, Updated: 11 Oct, 2023 07:31 PM
यूआईटी आबू के अधीनस्थ तलहटी तिराहे पर एक होटल के पास न्यायालय के यथास्थिति के आदेश के बाद भी निर्माणकर्ता द्वारा निर्माण किया जा रहा था। जिसकी पूर्व में यूआईटी आबू को कई बार शिकायत भी हो चुकी है। पूरे प्रकरण खबर भी प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद...
सिरोही : यूआईटी आबू के अधीनस्थ तलहटी तिराहे पर एक होटल के पास न्यायालय के यथास्थिति के आदेश के बाद भी निर्माणकर्ता द्वारा निर्माण किया जा रहा था। जिसकी पूर्व में यूआईटी आबू को कई बार शिकायत भी हो चुकी है। पूरे प्रकरण खबर भी प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद यूआईटी आबू के विभागीय जिम्मेदार अधिकारी हरकत में आये व मौके पर पहुँचे। प्राप्त जानकारी के अनुसार यूआईटी के एईएन मय द्वारा मौका स्थिति का अवलोकन करते हुये मौका फ़र्द रिपोर्ट भी तैयार की गई। दरअसल स्थानीय आबूरोड़ सदर थाने में भी यूआईटी आबू के द्वारा एक लिखित रिपोर्ट पुलिस को सुपुर्द की गई है। जिसमे माननीय न्यायालय के आदेश की पालना सुनिश्चित करवाने का जिक्र किया गया है। पूरे प्रकरण पर यूआईटी के सचिव का पक्ष जानना चाह तो उनका कॉल नहीं लगा। गौरतलब के यूआईटी टीम द्वारा क्षेत्र में बिना समक्ष स्वीकृत के निर्माण करने वालो को पाबन्द भी किया गया है।
न्यायालय के यथास्थिति के आदेश के बावजूद भी हो रहा था निर्माण कार्य
ज्ञात रहें पूरा प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है, और न्यायालय ने यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था। परन्तु निर्माणकर्ता ने स्वयं कोर्ट के आदेश की सरेआम अवहेलना करते हुये, मौका देखकर निर्माण कार्य कर रहा था। जो न्यायालय के यथास्थिति के आदेश की खुली अवहेलना है। यूआईटी आबू के विभागीय अधिकारियों द्वारा निर्माणकर्ता को पाबंद करते हुये कोर्ट के आदेश की पालना करने को कहा गया। अब देखने वाली महत्वपूर्ण बात यह रहेगी क्या निर्माणकर्ता कोर्ट के आदेश की पालना कर पाता है या नही..? वही यदि कोर्ट के आदेश की अवहेलना होती है तो यूआईटी आबू व स्थानीय पुलिस द्वारा माननीय न्यायालय के आदेश की पालना कैसे करवाई जाती है इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है।
निर्माणकर्ता द्वारा द्वारा कोर्ट के आदेश की अवहेलना करना कहा तक उचित..!
जब पूरा प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है, ओर न्यायालय के साफ आदेश की यथास्थिति बनाये रखें उसके बाद भी कोर्ट के आदेश की अवहेलना करना कहा तक उचित..? अब पूरा प्रकरण क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। कोर्ट के आदेश की अवहेलना करना निर्माणकर्ता के लिये कितना फायदेमंद साबित होता है या नुकसानदायक यह भविष्य के गर्त में छुपा एक बड़ा रहस्य है। जिसकी तस्वीर आगामी समय मे साफ हो जायेगी।