Edited By Chandra Prakash, Updated: 05 Sep, 2024 05:21 PM
जयपुर मेगा हाइवे रोड पर स्थित गांव कोहला में बनी मुख्य सड़क की गत पिछले कुछ समय से बिगड़ी हुई है। सड़क में गहरे गड्ढे बने हुए हैं। हालत यह है कि बरसात के बाद यहां तीन-तीन फीट तक पानी भरा हुआ है। रोजाना गड्ढों में वाहन फंसकर पलट रहे हैं। बरसाती पानी...
हनुमानगढ़, 5 सितंबर 2024 : जयपुर मेगा हाइवे रोड पर स्थित गांव कोहला में बनी मुख्य सड़क की गत पिछले कुछ समय से बिगड़ी हुई है। सड़क में गहरे गड्ढे बने हुए हैं। हालत यह है कि बरसात के बाद यहां तीन-तीन फीट तक पानी भरा हुआ है। रोजाना गड्ढों में वाहन फंसकर पलट रहे हैं। बरसाती पानी आसपास की दुकानों, दुकानों व घरों में घुस रहा है। यह समस्या पिछले करीब दो माह से बनी हुई है। इससे यहां के दुकानदार, गोदाम मालिक व ग्रामीण परेशान हैं।
गांव कोहला में सब्जी की दुकान चलाने वाले मोहनलाल सैनी ने बताया कि रोड बदहाल हो चुकी है। गहरे गड्ढे बन चुके हैं। इनमें बरसाती पानी भरा हुआ है। प्रशासन सोया हुआ है। बरसाती पानी की निकासी नहीं करवाई जा रही। रोजाना वाहन पलट रहे हैं। वाहनों को नुकसान हो रहा है। दुकानदारों व ग्रामीणों को वाहन चालकों की मदद करनी पड़ती है। दो माह से ग्राहकी ठप पड़ी है। बरसाती पानी सडक़ के दोनों तरफ की दुकानों, घरों व गोदामों में घुस रहा है।
वहीं टायर पंक्चर की दुकान करने वाले संदीप ने बताया कि पिछले दो माह से सड़क टूटी हुई है। हर बार बारिश के बाद यहां पानी भर जाता है। सड़क तालाब का रूप ले लेती है। बुधवार रात्रि को एक ई-रिक्शा यहां पलट गया। रिडकोर की ओर से सड़क बनाने की तरफ ध्यान नहीं दे जा रहा। उन्होंने बताया कि सड़क में बरसाती पानी भरा होने से इसमें बने गहरे गड्ढों का पता नहीं चल रहा। उनमें वाहन फंस रहे हैं। कोई पैदल व्यक्ति यहां से निकल सकता। कई बार जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाया गया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। रिडकोर का टोल वसूली की तरफ तो ध्यान है, लेकिन सड़क की क्षतिग्रस्त हालत की तरफ ध्यान नहीं जा रहा।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीण चक्का जाम जैसा आंदोलनात्मक कदम उठाने को मजबूर होंगे। वहां के दुकानदारों ने बताया कि दुकानों और गोदामों पर तकरीबन तीन-तीन फीट तक बरसाती पानी भरा हुआ है। सड़क की हालत बुरी है। रोजाना दुपहिया वाहन चालक गड्ढों में गिर रहे हैं। जनप्रतिनिधि फोन नहीं उठाते। उन्होंने करीब एक सप्ताह पहले स्वयं रुपए देकर टैंकरों से पानी की निकासी करवाई थी। अब फिर बरसात हो गई और पानी भर गया। रिडकोर की ओर से मिट्टी नहीं डालने दी जाती। पानी गोदामों व दुकानों में भर गया। मिट्टी से भरे कट्टे दुकानों व गोदामों के आगे लगाए गए हैं ताकि पानी अंदर न जाए। उन्होंने विधायक से मांग की कि टैंकरों के जरिए बरसाती पानी की निकासी करवाई जाए। भविष्य में यह समस्या पैदा न हो, इसके लिए समस्या का स्थाई समाधान करवाया जाए।