करवा चौथ पर चौथ का बरवाडा स्थित चौथ माता की महिमा जानने के लिए पढ़िये पूरी खबर

Edited By Chandra Prakash, Updated: 20 Oct, 2024 03:05 PM

the glory of chauth mata situated in chauth ka barwada on karva chauth

वैसे तो पूरे भारतवर्ष में करोड़ों मंदिर है और लोग अपनी अपनी श्रद्धा के अनुसार देवी-देवताओं में आस्था रखते है । कोई विष्णु उपासक है, तो कोई शिव उपासक है, तो कोई देवी उपासक है, मगर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा कस्बे में मां अम्बे का...

वाई माधोपुर, 20 अक्टूबर 2024। वैसे तो पूरे भारतवर्ष में करोड़ों मंदिर है और लोग अपनी अपनी श्रद्धा के अनुसार देवी-देवताओं में आस्था रखते है । कोई विष्णु उपासक है, तो कोई शिव उपासक है, तो कोई देवी उपासक है, मगर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा कस्बे में मां अम्बे का एक ऐसा मंदिर है जिसे लोग चौथ माता के रूप में पूजते है और यहां आने वाले भक्त माता पर अथाह आस्था रखते है तभी तो साल भर माता के दरबार में भक्तों का तांता लगा रहता है । विशेष कर हिन्दी महीनों की हर चौथ और करवा चौथ पर माता के दरबार में श्रद्धा का सैलाब उमड़ता है । आज करवा चौथ पर चौथ माता मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ा । सुहागिन महिलाएं चौथ माता के दर्शन कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती नजर आई । 

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एक हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित है माता का मंदिर 
सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा की पहाड़ियों पर करीब एक हजार फिट की ऊंचाई पर विराजमान चौथ माता जन-जन की आस्था का केन्द्र है और यहां आने वाले श्रद्धालु मां अम्बे के इस रूप को चौथ माता के रूप में पूजते है । माता के दर्शन के लिए प्रदेश से ही नहीं बल्की देश के अन्य राज्यों से भी वर्ष भर लाखों की तादाद में श्रद्धालु यंहा आते है । यहां आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि चौथ माता भक्तों की हर मुराद पूरी करती है, कोई भी भक्त माता के दरबार से खाली हाथ नहीं लौटता है । माता सबकी झोली भरती है कोई संतान प्राप्ती, तो कोई सुख समृद्धि की कामना लेकर माता के दरबार में आता है और माता सबकी पुकार सुनती है । 

पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं करती हैं चौथ माता का व्रत 
विशेषकर महिलाओं में चौथ माता को लेकर खासी आस्था है । महिलाओं का मानना है कि चौथ माता उनके सुहाग की रक्षा करती है, यहां आने वाली महिला श्रद्धालु माता से अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती है ।  हिन्दी महीनों की हर चौथ और विशेष कर आज करवा चौथ को महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए माता का उपवास रखती है । दिन भर व्रत रखने के बाद महिलाएं शाम को चांद देखकर और माता के अर्घ्य देकर अपने पति का चेहरा देखती है और पति की सूरत में माता के रूप को देखकर ही व्रत खोलती है । साल भर यहां माता के दरबार में भक्तों का तांता लगा रहता है । आज करवा चौथ के दौरान होने वाले धार्मिक आयोजनों का विशेष महत्व माना जाता है, पहाड़ी की तलहटी में चौथ माता सरोवर बना हुआ है, यहां आने वाले श्रद्धालु सरोवर की पाल पर चढ़कर लबालब भरे तालाब के समीप ऊंचे सुरम्य पहाड़ पर माता के भव्य दरबार को देखकर अभिभूत हो जाते है, जो भी भक्त एक बार माता के दरबार में ढोक लगाने आता है वो यहां का सुन्दर और मनमोहक दृश्य देखकर बार-बार माता के दरबार में आना चाहता है । आज करवा चौथ के अवसर पर चौथ माता के दरबार में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा, बड़ी संख्या में सुहागिन महिलाओं ने जहां माता चौथ भवानी के दर्शन कर अपने पति की लंबी उम्र और घर में सुख शांति की कामना की, वही कुंआरी कन्याओं ने अच्छे वर की कामना की ।

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कोटा में माता के नाम पर चौथ माता बाजार भी है स्थित 
चौथ माता मंदिर को लेकर यहां के लोगों में कई प्रकार की किवदन्तीयां प्रचलित है, साथ ही चौथ माता के मंदिर की स्थापना को लेकर भी लोगों के अलग-अलग मत है । अधिकतर लोगों का मानना है कि चौथ माता मंदिर की स्थापना 1451 में यहां के तत्कालीन शासक भीमसिंह के द्वारा की गई थी और 1463 में मंदिर मार्ग पर बिजल की छतरी तथा पहाड़ी की तलहटी में तालाब का निर्माण करवाया गया था । सोलहवीं शताब्दी में यह कस्बा चौहान वंश से मुक्त होकर राठौड़ वंश के अधीन आ गया था । इस वंश के शासकों में भी माता के प्रति गहरी आस्था थी । कहा जाता है कि राठौड़ वंश के शासक तेजसिंह राठौड़ ने 1671 में मुख्य मंदिर के दक्षिण हिस्से में एक तिबारा बनवाया था । हाड़ौती क्षेत्र के लोग हर शुभ कार्य करने से पहले आज भी माता को निमन्त्रण देने आते है । प्रगाढ़ आस्था के कारण बूंदी राजघराने के समय से ही चौथ माता को कुल देवी के रूप में पूजा जाता है । माता के नाम पर कोटा में चौथ माता बाजार भी है । 

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माली समाज के द्वारा की जाती है चौथ माता की पूजा 
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि चौथ माता मंदिर की स्थापना जयपुर राजघराने के द्वारा कराई गई थी, जब राव माधोसिंह ने सवाई माधोपुर बसाया था, उसी दौरान यहां मंदिर भी बनवाया गया था। क्योंकि राव माधोसिंह माता को कुलदेवी के रूप में पुजते थे । कहा जाता है कि एक बार लड़ाई के दौरान मातेश्री नामक एक महिला के पति की मौत हो गई थी, इस पर महिला ने अपने पति के साथ सती होने की जिद की तो राव माधासिंह ने सती प्रथा पर रोक लगा दी और महिला को सती नहीं होने दिया गया । इस पर महिला ने माता के दरबार में गुहार लगाई कि हे मां या तो मुझे मौत दे दो या फिर मेरे पति को जीवनदान दो । इस पर माता ने महिला के पति को जीवनदान देकर जीवित किया । तभी से पूरे राजस्थान में महिलाएं माता के नाम से चौथ माता का व्रत करती है और तभी से महिलाएं करवा चौथ का उपवास रखती है और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है । राव माधोसिंह ने ही इस कस्बे को माली समाज के लोगों को गद्दी के रूप में भेट कर दिया था । तभी से यहां माता की पूजा माली समाज के द्वारा ही की जाती है ।

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भादवा की चौथ को माता का लगता है मेला 
दिनों दिन चौथ माता के प्रति लोगों की आस्था और भी बढ़ती जा रही है और हर चौथ के साथ ही करवा चौथ पर यहां भक्तों की भीड़ में इजाफा हो रहा है, लाखों की संख्या में यहा भक्त आने लगे है । वैसे तो साल भर ही यहां भक्तों का आना लगा रहता है, मगर हिन्दी महीनों की हर चौथ और विशेष कर करवा चौथ को यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है । भादवा की चौथ को माता का मेला लगता है, जिसमें लाखों की संख्या में भक्त आते हैं । लाखों श्रद्धालुओं के आने से माता के दरबार में चढ़ावा भी करोड़ों रुपयों में आता है । इसके चलते स्थानीय लोगों द्वारा यहां मंदिर ट्रस्ट बनाया गया है, जो मंदिर में आने वाले चढ़ावे का हिसाब रखता है । साथ ही मंदिर में विकास कार्य करवाया जाता है, मंदिर में चढ़ावे के रूप में आने वाले पैसों से यहां के ट्रस्ट ने मंदिर के विकास में चार चांद लगा दिए हैं । 

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पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ट्रस्ट काम में जुटा 
भक्तों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट के द्वारा कटरा स्थित वैष्णो देवी मंदिर की तर्ज पर माता के मंदिर तक एक हजार फीट लम्बा और ऊंचाई वाले मार्ग को छायादार बनाया गया । इससे बारीश और गर्मी में श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं होती है और ट्रस्ट के द्वारा यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी काम किया जा रहा है । मंदिर की सुरक्षा को लेकर भी ट्रस्ट के द्वारा पुख्ता इंतजाम किया गया है । मंदिर में हर तरफ सुरक्षा गार्ड तैनात रहते है । साथ ही सीसीटीवी कैमरों द्वारा मंदिर के कोने-कोने पर नजर रखी जाती है । मंदिर पूरी तरह से साफ और स्वच्छ नजर आता है । महिलाओं में करवा चौथ को लेकर विशेष उत्साह रहता है और इस दिन माता के दरबार में भक्तों का सैलाब उमड़ता है । चौथ माता को लेकर सुहागिन महिलाओं में माता के प्रति गहरी आस्था है और महिलाएं चौथ का व्रत रखकर अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती है । करवा चौथ पर माता के दरबार में श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ रहती है । मंदिर पुजारी के मुताबिक आज करवा चौथ पर करीब दो से ढाई लाख श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए चौथ माता मंदिर पहुंचेंगे, जिनमें महिलाओं की संख्या सर्वाधिक होगी । सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है ।

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