झालावाड़ में बुरा है भूजल का हाल

Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 22 Dec, 2024 07:21 PM

the condition of ground water is bad in jhalawar

झालावाड़ | राजस्‍थान में भूजल के हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं, ग्राउंड वाटर स्टोरेज के मामले में देश के सबसे न्यूनतम भूजल वाले राज्यों में राजस्थान पहले नंबर आया है, यहां मौजूद 301 ब्लॉक में से 219 ब्लॉक्स वाटर स्टोरेज को सबसे निम्न श्रेणी यानी...

झालावाड़ |  राजस्‍थान में भूजल के हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं, ग्राउंड वाटर स्टोरेज के मामले में देश के सबसे न्यूनतम भूजल वाले राज्यों में राजस्थान पहले नंबर आया है, यहां मौजूद 301 ब्लॉक में से 219 ब्लॉक्स वाटर स्टोरेज को सबसे निम्न श्रेणी यानी अति दोहित श्रेणी में रखा गया है, जबकि राजस्थान में 38 वाटर ब्लॉक्स ही ऐसे हैं, जिन्हें वाटर स्टोरेज के मामले में सेफ माना गया है. यानि राजस्थान में 72.75 फीसदी ब्लॉक्स पानी का अति दोहन हो चुका है, इस रिपोर्ट में अक्टूबर 2023 तक के आंकड़े दर्ज किये गए है, भूजल के हालातों का चार श्रेणी में वर्गीकरण किया गया है, केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट में भूजल के हालातों का 4 श्रेणी में वर्गीकरण किया गया है, इनमें जहां पानी सौ फीसदी क्षमता से ज्यादा दोहन हो चुका है उन्हें अति दोहित यानी ओवर एक्सप्लोइटेड श्रेणी में रखा गया है, वहीं हम झालावाड़ जिले की बात करे तो भूजल के हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं. ग्राउंड वाटर स्टोरेज के मामले में

देश के सबसे न्यूनतम भूजल वाले जिले में शुमार हैं

यहां मौजूद 8 ब्लॉक में से केवल पिड़ावा ब्लॉक ही डार्क जोन से बाहर आया और सुरक्षित जोन में शामिल हुआ, जो जल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाने का रिजल्ट सामने आ गया, जो कई वर्षों बाद डार्क जोन से बाहर निकल गए, अब उन्हें सेफ जोन की सूची में शामिल हुआ, जो अन्य ब्लॉकों के लिए प्रेरणा बना है, जिसमें जल संरक्षण की दिशा में पूर्व मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे के समय चला जल स्वालंबन अभियान से भी बढ़ा भूजल स्तर,जल संरक्षण विभाग,सिंचाई विभाग,समेत कई विभागों द्वारा ठोस कदम उठाए का ही फल हैं, इस रिपोर्ट में अक्टूबर 2023 तक के आंकड़े दर्ज किये गए है, भूजल के हालातों का चार श्रेणी में वर्गीकरण किया गया है, केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट में भूजल के हालातों का 4 श्रेणी में वर्गीकरण किया गया है, इनमें जहां पानी सौ फीसदी क्षमता से ज्यादा दोहन हो चुका है उन्हें अति दोहित यानी ओवर एक्सप्लोइटेड श्रेणी में रखा गया है, जिसमें जिले के बकानी, डग, झालरापाटन ,खानपुर, मनोहर थाना ब्लॉक शामिल है, जबकि जहां पर भूजल का स्तर 90 से 100 फीसदी के करीब दोहन किया गया है उन्हें क्रिटिकल यानी गंभीर श्रेणी में अकलेरा, भवानीमंडी हैं, 70 से 90 फीसदी दोहन पर सेमी-क्रिटिकल यानी अर्ध-गंभीर श्रेणी में रखा गया है और जिन ब्लॉक में भूजल का 70 परसेंट से कम दोहन हुआ है उन्हें सुरक्षित माना गया है, जिसमें पिड़ावा ब्लॉक्स शामिल हुआ
 

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