Edited By Chandra Prakash, Updated: 25 Aug, 2025 05:58 PM

“पैसा है रंग रूप... पैसा ही माल है”-अकबर इलाहाबादी की यह पंक्ति रंगमंच के जरिए शुक्रवार को जयपुर की गलियों में गूंज उठी। लेकिन शायर ने यह नहीं बताया था कि पैसा सुरक्षित कैसे रखा जाए। इसी सवाल का जवाब जयपुर के रंगकर्मियों ने नुक्कड़ नाटक के मंचन से...
जयपुर, 25 अगस्त 2025 । “पैसा है रंग रूप... पैसा ही माल है”-अकबर इलाहाबादी की यह पंक्ति रंगमंच के जरिए शुक्रवार को जयपुर की गलियों में गूंज उठी। लेकिन शायर ने यह नहीं बताया था कि पैसा सुरक्षित कैसे रखा जाए। इसी सवाल का जवाब जयपुर के रंगकर्मियों ने नुक्कड़ नाटक के मंचन से दिया।
दुर्गापुरा और पावटा गांव में ढोलक की थाप और संवाद अदायगी के जरिए कलाकारों ने स्थानीय लोगों को समझाया कि पैसा केवल कमाना ही नहीं, बल्कि उसे सुरक्षित रखना और सही जगह निवेश करना भी जरूरी है। रिजर्व बैंक की अवेयरनेस स्कीम के तहत कैनरा बैंक द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में एनजीओ शक्ति पुंज की टीम ने नुक्कड़ नाटक “मेरा पैसा” प्रस्तुत किया।
निर्देशन सुप्रिया शर्मा का था और इसमें जयपुर रंगमंच से जुड़े 6 कलाकारों ने भाग लिया। नाटक में बैंक खातों के प्रकार, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की सावधानियां, एटीएम का सही इस्तेमाल और धोखाधड़ी से बचाव जैसे अहम मुद्दों को रोचक अंदाज में पेश किया गया।
लोगों ने नाटक को ध्यान से देखा और सीखी गई जानकारियों को उपयोगी बताया। आयोजकों का मानना है कि इस तरह के कार्यक्रम आमजन को न केवल वित्तीय साक्षरता प्रदान करते हैं, बल्कि बैंकिंग प्रणाली पर विश्वास भी बढ़ाते हैं।