Edited By Raunak Pareek, Updated: 19 Jul, 2025 04:11 PM

सिरोही के नरेश आर्य पिछले 18 वर्षों से सांपों की जान बचा रहे हैं। अब तक 10,500 से ज्यादा सांपों को सुरक्षित स्थानों पर छोड़ चुके हैं। जानिए कैसे एक सरकारी कर्मचारी बन गया सांपों का मसीहा।
जहां आमतौर पर लोग सांप को देखते ही लाठियां उठा लेते हैं, वहीं सिरोही के नरेश आर्य ने पिछले 18 वर्षों से सांपों की जान बचाने का संकल्प लिया हुआ है। 'सांपों के मसीहा' के नाम से पहचाने जाने वाले नरेश अब तक करीब 10,500 से ज्यादा सांपों को सुरक्षित जीवनदान दे चुके हैं, जिनमें साढ़े तीन हजार से अधिक अजगर (रॉक पाइथन) शामिल हैं।
नरेश आर्य जलदाय विभाग, रेवदर में वरिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत हैं, लेकिन सरकारी नौकरी के साथ-साथ वे दिन-रात सांपों को बचाने में जुटे रहते हैं। चाहे आधी रात हो या भरी दोपहर, अगर किसी को कहीं सांप दिखाई देता है और नरेश के फोन की घंटी बजती है, तो वे तुरंत मौके पर पहुंच जाते हैं। नरेश बिना किसी नुकसान के सांपों को पकड़कर उन्हें सुरक्षित जंगल या उपयुक्त प्राकृतिक स्थानों पर छोड़ते हैं। शुरुआत में यह काम मुश्किल लगता था, लेकिन आज वे इसमें पूरी तरह निपुण हो चुके हैं।
अब नरेश की अपील है कि युवा आगे आएं और इस मुहिम में उनका साथ दें, ताकि सांपों को मारने के बजाय उन्हें समझदारी से बचाया जा सके।