6 अप्रैल 2024 तक शतभिषा नक्षत्र में रहेंगे शनि देव

Edited By Afjal Khan, Updated: 27 Nov, 2023 11:04 AM

shani dev will remain in shatabhisha nakshatra till 6 april 2024

ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को कर्मफल दाता और न्याय का स्वामी माना जाता है। शनि अपने गोचर में जिस भाव से गुजरते हैं, उसके जुड़े संघर्ष बढ़ा देते हैं। शास्त्रों के मुताबिक बिना संघर्षों के व्यक्ति के स्वभाव और चरित्र में निखार नहीं आता। यही वजह है कि...

जयपुर । ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को कर्मफल दाता और न्याय का स्वामी माना जाता है। शनि अपने गोचर में जिस भाव से गुजरते हैं, उसके जुड़े संघर्ष बढ़ा देते हैं। शास्त्रों के मुताबिक बिना संघर्षों के व्यक्ति के स्वभाव और चरित्र में निखार नहीं आता। यही वजह है कि शनिदेव संघर्ष के बाद बहुत अच्छे परिणाम भी देते हैं। शनि की मित्र राशियों में शुक्र और बुध के अलावा राहु-केतु भी हैं। राहु को शनि के समान फल देनेवाला भी कहा जाता है। अब शनि महाराज अपने मित्र राहु के नक्षत्र शतभिषा में गोचर कर चुके हैं। ऐसे में शनि के फलों में वृद्धि होगी। जिनकी कुंडली में शनि शुभ भावों के स्वामी हैं, उन्हें अचानक बहुत बड़ा लाभ मिल सकता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि न्याय के देवता, दंडाधिकारी और कर्मफलदाता शनिदेव 24 नवंबर 2023 को सुबह 08:40 पर शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं। यहां शनिदेव 6 अप्रैल, 2024 तक गोचर करेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शतभिषा नक्षत्र के स्वामी राहु हैं। ऐसे में राहु के नक्षत्र में शनि के प्रवेश से कई संयोग बनेंगे।

कब होगा परिवर्तन ?
ज्योतिषाचार्य डॉ. व्यास ने बताया कि शनिदेव मार्च के महीने में 27 नक्षत्रों में से चौबीसवें नक्षत्र शतभिषा में प्रवेश कर चुके हैं। शतभिषा नक्षत्र कुंभ राशि के अंतर्गत आता है और इस पर राहु का शासन है। शनि देव 24 नवंबर की सुबह 08:40 बजे शतभिषा नक्षत्र में गोचर कर चुके हैं। शनि महाराज 6 अप्रैल, 2024 की दोपहर 03:55 बजे तक यहां रहेंगे। शनि देव के शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करने से सभी 12 राशियों के जीवन में अहम बदलाव होना निश्चित है। 

देश दुनिया पर प्रभाव 
शनि के नक्षत्र परिवर्तन से विश्व में भारत की साख बढ़ेगी। वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को रहस्यमयी एवं जानलेवा बीमारियों की नई-नई तकनीक एवं दवाइयां मिलेगी। संक्रामक रोगों की रोकथाम के उपायों को और भी बेहतर तरीके से खोजा जा सकेगा। राजनीतिक उथल-पुथल एवं प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी। धरना, जुलूस, प्रदर्शन, आंदोलन, गिरफ्तारियां होगी। दुर्घटना होने की संभावना।  देश और दुनिया में राजनीतिक बदलाव होंगे। सत्ता संगठन में परिवर्तन होगा। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलेगा। अचानक मौसमी बदलाव भी हो सकते। पहाड़ी क्षेत्रों से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। भारतीय स्टॉक मार्केट पर चर्चा ज्यादा। मेडिकल ट्रैवलिंग डेरी प्रोडक्ट शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव चलेगा। धार्मिक स्थल तीर्थ स्थल पवित्र स्थल पर कोई न कोई घटना घटित होगी। राजनीति से जुड़े नेताओं से दुखद समाचार, वाहन से जुड़ी घटना और हमला होने की संभावना। राष्ट्रों के साथ रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है। व्यावसायिक संबंधों पर असर पड़ सकता है। देश और दुनिया में आपसी संघर्ष और एक दूसरे के देश में जासूस भेजने का काम बढ़ सकता है।

करें पूजा-पाठ और दान
शनि के अशुभ असर से बचने के लिए भैरवजी और हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए। हनुमान और भैरव चालीसा का पाठ करें। केले के पत्ते पर चावल का भोग लगाएं। हरा रुमाल सदैव अपने साथ में रखें। तिल के लड्डू सुहागिनों को खिलाएं और तिल का दान करें। कन्याओं को रविवार के दिन मीठा दही और हलवा खिलाएं। प्रतिदिन कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं। कंबल किसी गरीब को दान करें। 

राशियों पर प्रभाव
वृषभ राशि, कर्क राशि, कन्या राशि, वृश्चिक राशि, कुंभ राशि और मीन राशि पर मिलाजुला असर रहेगा। सिंह, तुला और धनु राशि वालों को संभल कर रहना होगा। वाद विवाद में नहीं उलझना है। सिर्फ अपने काम पर ध्यान देना है। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।

  • शुभ प्रभाव-  मेष, मिथुन, मकर
  • अशुभ प्रभाव- सिंह, तुला और धनु
  • मिलाजुला प्रभाव- वृषभ कर्क, कन्या वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि
     

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