Edited By Chandra Prakash, Updated: 02 Aug, 2025 02:36 PM

वैसे तो प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप-प्रत्यारोप लगना सामान्य बात है, लेकिन एक जिले के सर्वोच्च पद पर आसीन कलेक्टर के खिलाफ उन्ही के अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार सहित कंपनियों से मिलीभगत के आरोप लगाना जैसलमेर की जनता ने पहली बार देखा है। कुछ...
जैसलमेर, 2 अगस्त 2025 । वैसे तो प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप-प्रत्यारोप लगना सामान्य बात है, लेकिन एक जिले के सर्वोच्च पद पर आसीन कलेक्टर के खिलाफ उन्ही के अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार सहित कंपनियों से मिलीभगत के आरोप लगाना जैसलमेर की जनता ने पहली बार देखा है। कुछ माह पूर्व पोकरण से तत्कालीन एसडीएम ने जैसलमेर कलेक्टर प्रतापसिंह नाथावत पर गम्भीर आरोप लगाए थे और अब पोकरण तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण ने कलेक्टर के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया है।
दरअसल, कुछ दिन पूर्व पोकरण तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण को राजस्व मंडल ने निलंबित कर दिया। इसके बाद तहसीलदार ने सोशल मीडिया पर कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इससे पहले पोकरण उपखंड अधिकारी प्रभजोतसिंह गिल द्वारा भी कलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। ऐसे में कलेक्टर की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जिले के सबसे बड़े अधिकारी पर आरोप का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। पोकरण तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कई आरोप लगाए। राजस्व मंडल के रक्षा विभाग की जमीन पर पहले 16 सीसी के नोटिस जारी किए। इसके बाद पोकरण तहसीलदार को राजस्व मंडल द्वारा निलंबित कर मुख्यालय अजमेर कर दिया गया है।
गौरतलब है कि जैसलमेर कलेक्टर प्रतापसिंह नाथावत पर पूर्व में पोकरण एसडीएम प्रभजोतसिंह गिल ने निजी कंपनियों के लिए काम करने से लेकर भ्रष्टाचार में लिप्त होने तक के आरोप लगाए थे। अब पोकरण तहसीलदार ने भी आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। पोकरण तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण ने कुल चार पोस्ट की है। जिसमें लाठी मामले, कलेक्टर के खिलाफ की गई शिकायत, कलेक्टर का कारनामा-1 व कलेक्टर का कारनामा-2 करके पोस्ट की गई है। जिसमें तहसीलदार चारण ने कलेक्टर प्रतापसिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए है।
इसके साथ ही तहसीलदार ने पोस्ट कर बताया कि गत 2 मई को कलेक्टर की शिकायत मुख्य सचिव से की थी। जिसके बाद से ही कलेक्टर द्वारा राजस्व विभाग से 16 सीसी का नोटिस जारी करवाने के बाद निलंबित करवा दिया। तहसीलदार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि लाठी में रक्षा विभाग की जमीन का गलत तरीके से खरीद-बेचान का पर्दाफाश किया। इसी मामले को लेकर तहसीलदार को पहले 16 सीसी का नोटिस व उसके बाद निलंबित किया गया है। जबकि तहसीलदार ने इस मामले को लेकर गत 8 जून को ही थानाधिकारी को मुकदमा दर्ज करने के लिए पत्र लिखा था।
तहसीलदार ने कलेक्टर का कारनामा 2 में लिखा कि कलेक्टर आमजन के लिए बल्कि कंपनियों के लिए काम करते हैं। उन्होंने लिखा कि 'जब तहसीलदार गोचर, ओरण के लिए सोलर कंपनी की सरकारी जमीन में से कटौती कर दे, तो तहसीलदार को ही सस्पेंड करने का लिख दो। सारी ही जमीन जब कंपनी को ही दे दो, तो लोग अपने पशु कहां ले जाएंगे। जब आई माता का मंदिर ही बना हुआ है, उसको ओरण के लिए नहीं छोड़ोगे तो क्या मंदिर को तोड़के भी सोलर प्लेट लगाओगे। इतने थोड़ी गिर गए हैं हम।'
अपनी तीसरी पोस्ट में तहसीलदार ने लिखा है कि पोकरण के बिलिया गांव में गैर मुमकिन चारागाह, ओरण एवं सिवाय चक भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए तहसीलदार ने 30 मई को पोकरण थानाधिकारी से जाब्ता मांगा था। इस पर पोकरण थानाधिकारी द्वारा 29 मई को एक साथ 13 मामलों में अतिक्रमण हटाने के लिए अतिरिक्त पुलिस जाब्ता नहीं होने की बात लिखी थी। कलेक्टर प्रतापसिंह ने 18 जून को कारण बताओ नोटिस जारी किया। जिसमें लिखा कि अतिक्रमण के मामले में पूर्व में जारी आदेश के अनुसार तहसीलदार को सीधे जाब्ता प्राप्त करने के कोई निर्देश नहीं है। जाब्ते की मांग एसडीएम द्वारा की जानी चाहिए थी। मामले में पंजाब केसरी ने जब तहसीलदार चारण से बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से मना करते हुए बस इतना ही कहा कि मेरे साथ द्वेषतापूर्ण कार्रवाई हुई है। गत 2 मई को मैंने कलेक्टर की शिकायत मुख्य सचिव से की थी, जिसकी रंजिश रखते हुए कार्रवाई की गई है।