Edited By Rahul yadav, Updated: 28 Jan, 2025 06:47 PM
विश्नोई समाज ने पर्यावरण और वन्यजीवों की रक्षा के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। इस मुहिम के तहत डाबला वन्य रेस्क्यू सेंटर से "हरिकथा" का आयोजन किया गया। बुड्डा जोहड़ डाबला विश्नोई मंदिर में चल रहे इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग शामिल...
विश्नोई समाज की अनोखी पहल: हरिकथा के जरिए पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण का संदेश
श्रीगंगानगर। विश्नोई समाज ने पर्यावरण और वन्यजीवों की रक्षा के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। इस मुहिम के तहत डाबला वन्य रेस्क्यू सेंटर से "हरिकथा" का आयोजन किया गया। बुड्डा जोहड़ डाबला विश्नोई मंदिर में चल रहे इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं। 23 जनवरी से शुरू हुए हरिकथा के माध्यम से विश्नोई समाज लोगों को प्रकृति और वन्यजीवों के संरक्षण के महत्व को समझा रहा है। हरिद्वार से आए राजेंद्र नंद महाराज ने इस मुहिम की सराहना की और कहा, "जीवों और पर्यावरण में भी इंसानों जैसी जान होती है।" हरिकथा के आयोजन में विभिन्न धर्मों के लोग बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं। इस पहल ने न केवल लोगों को वन्यजीवों और पर्यावरण के प्रति जागरूक किया है, बल्कि सामाजिक समरसता का भी उदाहरण प्रस्तुत किया है। विश्नोई समाज का यह प्रयास न केवल वन्यजीवों की रक्षा के लिए बल्कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बन गया है।