आरटीआई से खुलासा,सहायक अभियंता ने पहले मेटों के पृष्ठ पर लगाया ब्लैक लिस्ट का रिमार्क, पॉवर नहीं हैं फिर भी बैक डेट में दे दी क्लीन चिट

Edited By Chandra Prakash, Updated: 18 Aug, 2024 05:20 PM

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झालावाड़ जिले की सबसे बड़ी पंचायत समिति पिड़ावा मुख्यालय सुनेल के सहायक अभियंता शैलेन्द्र कुमार मीणा ने दो मेटों के द्वारा मनरेगा योजना में एमएमएस में 20 फर्जी उपस्थिति दर्ज करने की गंभीर अनियमितता करने पर मेटों के पृष्ठ पर दोनों मेटों को ब्लैक लिस्ट...

डिसपेज रजिस्टर में जालसाजी व मेटों को बचाने के लिए किया फर्जीवाड़ा
जिला कलक्टर ने दिए जांच के निर्देश

झालावाड़, 18 अगस्त 2024(ओमप्रकाश शर्मा)। झालावाड़ जिले की सबसे बड़ी पंचायत समिति पिड़ावा मुख्यालय सुनेल के सहायक अभियंता शैलेन्द्र कुमार मीणा ने दो मेटों के द्वारा मनरेगा योजना में एमएमएस में 20 फर्जी उपस्थिति दर्ज करने की गंभीर अनियमितता करने पर मेटों के पृष्ठ पर दोनों मेटों को ब्लैक लिस्ट का नोट लगाया गया । इससे पूर्व तकनीकी सहायक ने भी इनमें से एक मेट द्वारा एमएमएस में 20 फर्जी उपस्थिति दर्ज करने की गंभीर अनियमितता करने का रिमार्क लगाया था । जिसकी शिकायत सहायक अभियंता मीणा को दी गई थी, लेकिन सहायक अभियंता ने मेट को बचाते हुए कार्रवाई नहीं कर शिकायत रद्द कर टोकरी में डाल दी और मनरेगा नियमों के खिलाफ पुनः मस्टरोल दे दी गई । 

इसके कई माह बाद ग्राम विकास अधिकारी इन्ही मेटों को लेकर दो बार ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई करने के लिए विकास अधिकारी कोअनुशंसा पत्र लिखा । इस पर विकास अधिकारी ने ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई की । इन सभी आदेशों एवं मीडिया में प्रसारित खबरों को दरकिनारे करते हुए सहायक अभियंता को पावर नहीं होने के बावजूद दोनों मेटों को बैक डेट में क्लीन चिट दे दी गई । यही नहीं मेटों को बचाने के लिए फर्जीवाड़ा करते हुए दूसरे विभाग के डिसपेज रजिस्टर में बैक डेट में एक ही नंबर से 5 लोगों को पत्र प्रेषित किया । सहायक अभियंता मीणा का जालसाजी एवं फर्जीवाड़ा का खेल का आरटीआई से खुलासा हुआ है, जिसकी शिकायत जिला कलक्टर की जनसुनवाई में की गई । जिला कलेक्टर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर ही सीईओ को जांच के निर्देश दिए । साथ ही मेटों को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए । 

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जनसुनवाई में जिला कलक्टर ने सीईओ को दिए जांच के निर्देश 
 

आरटीआई से हुआ खुलासा
सहायक अभियंता शैलेन्द्र कुमार मीणा ने ग्राम पंचायत सुनेल के एक कार्य का 30 दिसंबर 2023 को निरीक्षण किया था । मेट कांति एवं मेट मैना द्वारा इस कार्य में एमएमएस में 67 श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज की गई । जबकि मौके पर 47 श्रमिक मिले 20 श्रमिक नदारद मिले । मेट पृष्ठ पर दोनों मेटों को ब्लैक लिस्ट करने का रिमार्क लगाया गया । शाम को सहायक अभियंता शैलेन्द्र कुमार मीणा मेटों से मस्टरोल अपने कब्जे में लेकर आ गया । दूसरे दिन मस्टरोल पुनः थमा दी गई.मनरेगा अधिनियमों के खिलाफ मेटों एवं मजदूरी का पूरा पखवाड़े का भुगतान करा दिया । आरटीआई से यह भी खुलासा हुआ कि 30 दिसंबर 2023 से पहले भी 20 जून 2023 को बीएफटी अमरलाल एवं तकनीकी सहायक लोकेश धन्वन्तरी द्वारा निरीक्षण किया । उस दौरान मेट कांति एवं मेंट पिंकी नागर थी.मेट पिंकी नागर छुट्टी पर थी । मेट कांति द्वारा इस कार्य में एमएमएस में 80 श्रमिकों की उपस्थिति अपलोड की गई । जबकि मौके पर 60 श्रमिक मिले, 20 श्रमिक नदारद मिले ।  तकनीकी सहायक ने मस्टरोल पर रिमार्क लगाकर अपने कब्जे में लेकर लिखित में सहायक अभियंता शैलेन्द्र कुमार मीणा को कार्रवाई करने के लिए दी गई.लेकिन इनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई और ना ही विकास अधिकारी को ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई करने का अनुशंसा पत्र दिया । बल्कि मनरेगा अधिनियम के तहत मेटों के द्वारा गंभीर अनियमितता के बावजूद भी मस्टरोल दे दी गई । यही नहीं उनको पूरे पखवाड़े की मजदूरी का भुगतान भी करा दिया । 

ब्लैक लिष्ट की कार्रवाई के लिए लिखा पत्र
ग्राम विकास अधिकारी सुरेश जैन ने क्रमांक 727 दिनांक 18-01-2024 एवं क्रमांक 93-94 दिनांक 30-05-2024 दो बार तत्कालीन विकास अधिकारी को कांति चौधरी एवं मेट मैना को ब्लैक लिस्ट करने का अनुशंसा पत्र लिखा गया । इस पत्र के आधार पर तत्कालीन विकास अधिकारी संजय शर्मा ने कांति चौधरी एवं मैट मैना को ब्लैक लिस्ट कर मीडिया को जानकारी दी । जिसकी खबर पंजाब केसरी केसरी में प्रमुखता से प्रकाशित हुई । वह पत्रावली कार्यालय से गायब करा दी गई । 

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सहायक अभियंता ने मेटों को बहाल करने का ऐसे खेला खेल 
कई आरटीआई से खुलासा हुआ कि सहायक अभियंता ने मेटों को क्लीन चिट का पत्र बैक डेट में बनाया गया । इस पत्र को कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय से नहीं डिसपेज नहीं करवाकर दूसरे विभाग से कराया गया । यही नहीं फर्जीवाड़ा छुपाने के लिए एक ही डिसपेज नंबर से 5 जनों कांति चौधरी,मेना राठौर,विकास अधिकारी,ग्राम विकास अधिकारी, रक्षित पत्रावली भेजी गई । मनरेगा अधिनियम मेट नियमों के अंतर्गत मेटों को ब्लैक लिस्ट करने संबधी तमाम शक्तियां कार्यक्रम अधिकारी एवं विकास अधिकारी को हैं । 

फिर शक्तियां नहीं होने के बाद कैसे क्लीन चिट का दिया आदेश ?  
ग्राम विकास अधिकारी सुरेश जैन ने बताया कि सहायक अभियंता ने मेटों को क्लीन चिट का पत्र 30 दिसंबर 2023 को नहीं दिया गया है । इसलिए उस तारीख के आमद रजिस्टर में दर्ज नहीं हुआ.यह पत्र मेरे वाट्सप्प पर 18 अगस्त 2024 से लगभग 11-12 दिन पहले भेजा गया । जिसका सबूत मैंने दो बार इन मेटों के ब्लैक लिस्ट करने का अनुसंशा पत्र विकास अधिकारी को भेजा । उसके बाद तत्कालीन विकास अधिकारी संजय शर्मा द्वारा ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई की गई
 

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