Edited By Chandra Prakash, Updated: 16 Aug, 2024 08:03 PM
कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर की बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में एसपी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स और इंटर्न्स ने जिला कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस घटना ने पूरे देश में चिकित्सा समुदाय को...
बीकानेर, 16 अगस्त 2024: कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर की बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में एसपी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स और इंटर्न्स ने जिला कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस घटना ने पूरे देश में चिकित्सा समुदाय को हिला दिया है । इसी कड़ी में अब बीकानेर के डॉक्टर भी न्याय की मांग कर रहे हैं और अपने सुरक्षा के अधिकारों की रक्षा की अपील कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट पर अपनी मांगें रखी, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण यह था कि मृतक रेजिडेंट डॉक्टर को न्याय मिले और सभी डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। रेजिडेंट डॉक्टर्स ने इस दौरान मौन रहकर मृतक डॉक्टर को श्रद्धांजलि अर्पित की। आपको बता दे कि पिछले चार दिनों से रेजिडेंट डॉक्टर्स और इंटर्न्स ने कार्य बहिष्कार कर रखा है और अब भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी शनिवार से 24 घंटे तक कार्य बहिष्कार की घोषणा की है। इस घटना के बाद पूरे देश में डॉक्टरों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है।
प्रदर्शन में शामिल डॉ. हिमांतिका ने कहा, कि "हमारी मांगें स्पष्ट हैं। जिस डॉक्टर के साथ बलात्कार हुआ और उसकी हत्या की गई, वह मेडिकल कॉलेज की सेकंड ईयर रेजिडेंट डॉक्टर थी और चेस्ट डिपार्टमेंट में पढ़ाई कर रही थी। हम चाहते हैं कि उसकी पूरी जांच निष्पक्ष तरीके से की जाए। साथ ही, हमें केंद्रीय प्रोटेक्शन एक्ट के तहत सुरक्षा दी जाए। हमें पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। जब तक हमारी ये मांगें पूरी नहीं होतीं, हम हड़ताल नहीं समाप्त करेंगे।"
रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि यह केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं है, बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय की सुरक्षा पर सवाल उठाता है। उनके मुताबिक, यह घटना दर्शाती है कि चिकित्सा पेशेवरों को सुरक्षित वातावरण में काम करने का अधिकार है और सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
संबंधित विभागों ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और आश्वस्त किया है कि दोषियों को सजा दी जाएगी। लेकिन डॉक्टरों के बीच असंतोष और गुस्सा तब तक खत्म नहीं होगा जब तक न्याय सुनिश्चित नहीं होता है। यह घटना चिकित्सा पेशेवरों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है और पूरे देश में डॉक्टरों की सुरक्षा के मुद्दे को सामने लाती है। डॉक्टरों का विरोध इस बात का संकेत है कि वे न्याय और सुरक्षा की मांग के लिए एकजुट हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।