‘अधिकार के लिए लड़ो’, स्वच्छ भारत अभियान का सन्देश देगी ‘रीचिंग द अनरीच्ड’ !

Edited By Rahul yadav, Updated: 03 Dec, 2024 06:08 PM

reaching the unreached will give the message of swachh bharat abhiyan

भारत सरकार के शैक्षिक संचार संकाय (सीईसी) की ओर से 16वें प्रकृति अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र फिल्म महोत्सव का पुरस्कार-सह-स्क्रीनिंग जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के ईएमएमआरसी की मेजबानी में 4 से 6 दिसम्बर तक जयनरायण व्यास स्मृति भवन टाउन हॉल...

जोधपुर,भारत सरकार के शैक्षिक संचार संकाय (सीईसी) की ओर से 16वें प्रकृति अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र फिल्म महोत्सव का पुरस्कार-सह-स्क्रीनिंग जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के ईएमएमआरसी की मेजबानी में 4 से 6 दिसम्बर तक जयनरायण व्यास स्मृति भवन टाउन हॉल में आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव का उद्घाटन राजस्थान के राज्यपाल हरिभाउ बागड़े किया जाएगा। इस फिल्म फेस्टिवल में छात्रों और आमजन को जागरूक करने के लिए 13 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। इन फिल्मों का  चयन जूरी द्वारा कई फिल्मांकन के कई मापदंडों के आधार पर किया गया है। प्रकृति इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल के विजेता को स्क्रीनिंग सर्टिफिकेट और ट्रॉफी के अलावा 50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस फिल्म फेस्टिवल में विभिन्न भाषाओं में ज्ञानप्रद फिल्मों को दिखाया जाएगा। यह तीन दिवसीय फिल्म फेस्टिवल आमजन के लिए निःशुल्क रखा गया है। इस अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के आयोजन का उद्देश्य सीईसी फिल्म निर्माताओं/फिल्म प्रेमियों को प्रोत्साहित करने और युवाओं को पर्यावरण, विकास, मानवाधिकार और स्वच्छ भारत (स्वच्छ भारत अभियान) जैसे मुद्दों के बारे में जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष प्रकृति अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र फिल्म महोत्सव का आयोजन देश के अलग क्षेत्रों में करता है। सीईसी के डायरेक्टर प्रोफेसर जे बी नड्डा ने जोधपुर में मीडिया से बात में बताया कि पहला प्रकृति महोत्सव 1997 में आयोजित किया गया था। तब से, इसे एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में योजनाबद्ध किया गया है जो फिल्म निर्माताओं, छात्रों, शिक्षाविदों, प्रशासकों, विकास कार्यकर्ताओं और मीडिया को एक साथ आने और वृत्तचित्र फिल्म निर्माण की कलात्मक शैली की सराहना करने के लिए एकत्रित करता है। जागरूकता, प्रशंसा और कार्रवाई को बढ़ावा देते हुए, प्रकृति महोत्सव समानता, नैतिकता, पारिस्थितिकी और स्वच्छता के शैक्षिक पहलुओं पर काम करने वाले लोगों के व्यापक गठबंधन की दिशा में एक कदम है। सीईसी के ज्वाइंट डायरेक्टर और प्रकृति फिल्म फेस्टिवल के कोर्डिनेटर डॉ सुनील मेहरू ने मीडिया से बात में कहा कि, इस वर्ष प्रकृति इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल के लिए कुल 68 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। इनमें म्यांमार, फिलीपींस और बांग्लादेश जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से आई प्रविष्टियां शामिल रहीं। डॉ मेहरू ने बताया कि 16वें प्रकृति डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल में डवलपमेंट कैटेगरी में बानी प्रकाश दास की ‘अधिकार के लिए लड़ो’, एनवॉयरमेंट कैटेगरी में पी. रघुपति की ‘रीचिंग द अनरीच्ड’, स्वच्छ भारत कैटेगरी में साजिद नादुथोडी की ‘रेज्ड ऑफ रिदम्स और हयूमन राइटस कैटेगरी में प्रकाश काटरे की ‘ग्रीन मैन’ को बेस्ट अवॉर्डेड डॉक्यूमेंट्रीे के लिए चयनित किया गया है। इसके अतिरिक्त ज्यूरी ने 9 डॉक्यूमेंट्री को स्क्रीनिंग के लिए चुना है। ईएमएमआरसी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर बी आर गाडी ने बताया कि, फिल्म फेस्टिवल की समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। जोधपुर को 14 वर्ष बाद प्रकृति फिल्म फेस्टिवल की मेजबानी का अवसर मिला है। इसके लिए सीईसी डायरेक्टर का आभार व्यक्त करते हैं।

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