Edited By Chandra Prakash, Updated: 22 Aug, 2024 03:28 PM
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और वर्तमान में लोकसभा प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 21 अगस्त को बयान जारी कर पश्चिम बंगाल के कोलकाता के रेप मर्डर की घटना के साथ साथ महाराष्ट्र के बदलापुर में हुई यौन शोषण की घटना की भी निंदा की। कोलकाता की घटना...
बंगाल के रेप मर्डर केस की निंदा करने में राहुल गांधी ने क्यों की देरी ?
राहुल गांधी को महाराष्ट्र की यौन शोषण घटना का करना पड़ा इंतजार !
राजस्थान से रवनीत बिट्टू ने किया नामांकन
राज्यसभा के लिए भाजपा उम्मीदवार के तौर पर किया नामांकन
तो फिर पीएम नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त के भाषण का क्या होगा ?
जयपुर, 22 अगस्त 2024 । कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और वर्तमान में लोकसभा प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 21 अगस्त को बयान जारी कर पश्चिम बंगाल के कोलकाता के रेप मर्डर की घटना के साथ साथ महाराष्ट्र के बदलापुर में हुई यौन शोषण की घटना की भी निंदा की। कोलकाता की घटना 9 अगस्त को ही उजागर हो गई थी, लेकिन इस घटना की निंदा करने में राहुल गांधी को 12 दिन लग गए। बंगाल की घटना की निंदा भी तब की गई जब महाराष्ट्र की यौन शोषण वाली घटना हो गई। यदि महाराष्ट्र की घटना नहीं होती तो शायद राहुल गांधी बंगाल की घटना की निंदा भी नहीं करते। असल में राहुल गांधी राजनीतिक कारणों से बंगाल की ममता सरकार की आलोचना करने से बच रहे थे। चूंकि ममता के नेतृत्व वाली टीएमसी इंडिया गठबंधन में शामिल है, इसलिए राहुल गांधी गठबंधन का धर्म निभाते हुए कोलकाता के रेप मर्डर की घटना पर चुप्पी साधे हुए थे। कोलकाता की घटना के दस दिन बाद जब महाराष्ट्र की घटना उजागर हुई तो राहुल गांधी ने महाराष्ट्र की घटना के साथ-साथ बंगाल की घटना की भी निंदा कर दी। राजनीतिक दल भले ही महिला अत्याचारों के प्रति हमदर्दी दिखाते हो, लेकिन उनका नजरिया निहित स्वार्थों से जुड़ा होता है। यदि राहुल गांधी महिला अत्याचारों के विरुद्ध होते तो रेप और मर्डर की घटना के तुरंत बाद कोलकाता पहुंच कर ममता सरकार पर दबाव बनाते। सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान भी यह बात सामने आई है कि लेडी डॉक्टर से रेप और फिर हत्या के बाद अस्पताल में सबूत मिटाने के काम किए गए हैं।
तो फिर पीएम के भाषण का क्या ?
15 अगस्त को दिल्ली के ऐतिहासिक लालकिले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे चाहते हैं कि गैर राजनीतिक परिवारों के एक लाख युवा आगे आए और सरपंच, वार्ड पार्षद, विधायक, सांसद आदि बने। राजनीति में परिवार वाद की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि इससे देश का नुकसान हो रहा है। पीएम मोदी के इस भाषण को दिए एक सप्ताह भी नहीं हुआ कि भाजपा ने राजस्थान से राज्यसभा चुनाव के लिए रवनीत बिट्टू की घोषणा कर दी। बिट्टू ने 21 अगस्त को नामांकन भी दाखिल कर दिया। चूंकि कांग्रेस ने नामांकन दाखिल नहीं किया इसलिए बिट्टू का राजस्थान से राज्यसभा का सांसद बनना तय है। बिट्टू के सांसद बनने से पीएम मोदी के भाषण पर सवाल उठते हैं। बिट्टू का पूरा परिवार राजनीति से जुड़ा हुआ है। बिट्टू के पिता तेज सिंह पंजाब में मंत्री रहे तो दादा बेअंत सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री थे। खुद बिट्टू भी दो बार पंजाब के लुधियाना से सांसद रह चुके हैं। बिट्टू ने हाल ही में लोकसभा का चुनाव भाजपा उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था, लेकिन हार गए। शायद भाजपा ने बिट्टू को राज्यसभा भेजकर लोकसभा चुनाव की हार की भर पाई की है। कोई नेता कुछ भी भाषण दे, लेकिन राजनीति में फैसले लाभ हानि को देख कर ही होते हैं।