Edited By Raunak Pareek, Updated: 28 Nov, 2024 03:23 PM
ओरण और गोचर भूमि हमारी संस्कृति, पहचान और प्रकृति का प्रतीक है। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने इसे केवल जमीन का सवाल न मानते हुए हमारी धरोहर और अस्तित्व की रक्षा का प्रश्न बताया। यह भूमि न केवल पशुओं के चारे का स्रोत है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और...
शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी लगातार बाड़मेर-जैसलमेर की ओरण भूमि की रक्षा के लिए संघर्षरत हैं। उनका कहना है कि यह भूमि हमारे लिए पूजनीय है और हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया जा रहा है, जबकि प्रशासन केवल लीपापोती में लगा हुआ है। भाटी ने स्पष्ट किया कि जब तक ओरण भूमि को लेकर कोई लिखित आश्वासन नहीं मिलता, यह मुद्दा समाप्त नहीं होगा। उन्होंने सभी से इस सांस्कृतिक विरासत को बचाने का आह्वान किया।
इसके साथ ही, किसानों को बिजली नहीं मिलने के मामले में भी उन्होंने आवाज उठाई। भाटी ने बाड़मेर-जैसलमेर के डिस्कॉम कार्यालय जाकर अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान देश का प्रमुख विद्युत उत्पादन क्षेत्र है, लेकिन यहां बिजली की भारी कमी है। सरकार द्वारा किसानों को छह घंटे बिजली देने का दावा किया गया था, लेकिन सच्चाई यह है कि उन्हें एक घंटे की भी पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है। इसका सीधा असर किसानों की फसल बुवाई और सिंचाई पर पड़ रहा है।
भाटी ने हर एक जीएसएस पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और कई तरह की लापरवाहियां उजागर कीं। उन्होंने डिस्कॉम के मुख्य अधिकारी से मिलकर समस्या के समाधान की मांग की और चेतावनी दी कि अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई, तो डिस्कॉम कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
उन्होंने सरकार पर लापरवाह अधिकारियों को बाड़मेर-जैसलमेर भेजने का आरोप भी लगाया। भाटी ने कहा कि वर्तमान और पिछली सरकारों ने इस क्षेत्र को डस्टबिन समझकर यहां लापरवाह अधिकारियों को तैनात किया है, जो पूरी तरह से गलत है।