साल 2025 में 11 दिन जल्दी आएगा रक्षाबंधन का पर्व, नवरात्रि से लेकर दीपावली, साल 2026 में 20 दिन तक देरी से आएंगे तीज-त्योहार

Edited By Chandra Prakash, Updated: 20 Jul, 2025 02:18 PM

rakshabandhan will come 11 days early in the year 2025

इस समय हम साल 2025 के जुलाई माह में हैं, जो वर्ष का 7 महीना होता है। जुलाई से कई मांगलिक कार्यों और त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाएगा, जैसे सावन, हरियाली तीज, रक्षाबंधन और जन्माष्टमी से लेकर दीपावली और छठ पूजा तक, जिनका इंतजार लोग पूरे वर्ष भर करते...

जयपुर/जोधपुर, 20 जुलाई 2025 । इस समय हम साल 2025 के जुलाई माह में हैं, जो वर्ष का 7 महीना होता है। जुलाई से कई मांगलिक कार्यों और त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाएगा, जैसे सावन, हरियाली तीज, रक्षाबंधन और जन्माष्टमी से लेकर दीपावली और छठ पूजा तक, जिनका इंतजार लोग पूरे वर्ष भर करते हैं। इस साल ये सभी त्योहार बेहद जल्दी आ रहे हैं। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि खास बात यह है कि इस साल सावन मास से लेकर रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी से लेकर नवरात्रि, दशहरा, दीपावली पिछले दो सालों की तुलना में 11 दिन तक जल्दी आएंगे। 9 अगस्त को रक्षाबंधन, 22 सितंबर से नवरात्रि, 2 अक्टूबर को दशहरा और 20 अक्टूबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। देवों के देव महादेव की आराधना और भक्ति का महीना सावन 11 जुलाई से शुरू हो गया है। सावन इस बार 30 दिनों का होगा, इसमें चार सावन सोमवार आएंगे। 4 मंगला गौरी के व्रत के अलावा, 2 प्रदोष, चतुर्दशी, हरियाली अमावस्या, हरियाली तीज, नागपंचमी, पूर्णिमा और रक्षाबंधन पर्व शामिल हैं।

ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि देवशयनी एकादशी के बाद अब चार महीने तक लगातार तीज-त्योहार आएंगे। सावन के बाद जन्माष्टमी, गणेशचतुर्थी से लेकर नवरात्रि, दशहरा-दीपावली पिछले दो सालों की तुलना में 11 दिन जल्दी आएंगे। ये त्योहार पूरे परिवार में उल्लास, एकता और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करते हैं। सावन मास के सोमवार शिव भक्ति में डुबो देते हैं, तो वहीं हरियाली तीज महिलाओं के लिए सौभाग्य, प्रेम और उत्सव का प्रतीक बनकर आती है। रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत करता है, जबकि दीपावली में पूरा देश जगमगा उठता है। पिछले साल के मुकाबले यह सभी पर्व इस बार आपको जल्दी मनाने को मिलेंगे।

ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि  कैलेंडर सौरमास/सौर महीना पर आधारित यानी 365 दिनों का होता है, जबकि हमारे पंचांगों की गणना चंद्रमास पर आधारित होती है और यह 354 दिनों का होता है। ऐसे में प्रतिवर्ष पड़ने वाले इन 11 दिनों के भेद को पूरा करने के लिए हर 3 साल में अधिकमास आता है। इससे पहले सावन अधिक मास वर्ष 2023 में पड़ा था और अब अगले साल यानी 2026 में फिर से ज्येष्ठ अधिक मास लगेगा, जिसका समय 17 मई 2026 से 15 जून 2026 तक रहेगा।

2026 में ज्येष्ठ अधिकमास
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन 11 जुलाई से शुरू हो गया है। जबकि 9 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ सावन का समापन होगा। वहीं 22 सितंबर से नवरात्रि, 2 अक्टूबर को दशहरा, 20 अक्टूबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। कैलेंडर सौरमास पर आधारित होता है, यानी 365 दिनों का होता है, जबकि हमारे पंचांगों की गणना चंद्रमास पर आधारित है। यह 354 दिनों का होता है। ऐसे में हर साल आने वाले 11 दिनों के अंतर को पूरा करने के लिए तीन साल में अधिकमास आता है। 2023 में सावन अधिकमास में आया था, अब अगले साल 2026 में ज्येष्ठ अधिकमास में आएगा।

निर्धारित तिथि पर ही आते हैं त्योहार
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि त्योहारों की गणना हिंदी पंचांग के हिसाब से की जाती है। जिसके लिए हिंदी का माह और तिथि निर्धारित है। हिंदी पंचांग के अनुसार इस तिथि पर यह त्योहार आते हैं लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आगे-पीछे इसलिए हो जाते हैं कि हिंदी कैलेंडर में हर तीसरे साल अधिक मास होता है। ऐसे में एक माह की अवधि बढ़ जाती है,इसलिए अंग्रेंजीकैंलेंडर की गणना के हिसाब से त्योहार आगे-पीछे होते हैं और उनका क्रम बदलता है। 

सावन में त्योहार
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि 14, 21 व 28 जुलाई और 4 अगस्त को सावन के सोमवार हैं, जबकि 15 जुलाई, 22 जुलाई, 29 जुलाई और 5 अगस्त को मंगला गौरी का व्रत होगा। इसी तरह 22 जुलाई को प्रदोष, 23 जुलाई को चतुर्दशी, 24 जुलाई हरियाली अमावस्या, 27 जुलाई हरियाली तीज, 29 जुलाई नागपंचमी, 6 अगस्त प्रदोष, 8 अगस्त व्रत की पूर्णिमा और 9 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व है।

तिथियों का गणित
2025 में त्योहार

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन की शुरुआत 11 जुलाई, रक्षाबंधन 9 अगस्त, जन्माष्टमी 16 अगस्त, गणेश चतुर्थी 27 अगस्त,  शारदीय नवरात्रि शुरुआत 22 सितंबर, दशहरा 2 अक्टूबर, दीपावली 20 अक्टूबर, देवउठनी एकादशी 1 नवंबर रहेगे।

2024 में त्योहार
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि 22 जुलाई से सावन माह, 19 अगस्त रक्षाबंधन, 26 अगस्त कृष्ण जन्माष्टमी, 7 सितंबर गणेश चतुर्थी, 3 अक्टूबर शारदीय नवरात्रि, 12 अक्टूबर विजयदशमी, 29 अक्टूबर धनतेरस, 31 अक्टूबर दीपावली, 12 नवंबर देवउठनी एकादशी थी।

2023 में त्योहार 
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि 30 अगस्त रक्षाबंधन, 7 सितंबर कृष्ण जन्माष्टमी, 19 सितंबर गणेश चतुर्थी, 15 अक्टूबर शारदीय नवरात्रि, 24 अक्टूबर विजयदशमी, , 10 नवबंर धनतेरस, 12 नवंबर दीपावली, 23 नवंबर देवउठनी एकादशी थी।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!