मवेशियों में लम्‍पी रोग के मद्देनजर राजस्‍थान में पशु मेलों व पशु हाट पर रोक

Edited By PTI News Agency, Updated: 11 Aug, 2022 12:00 PM

pti rajasthan story

जयपुर, 11 अगस्त (भाषा) राजस्‍थान सरकार ने मवेशियों में लम्पी वायरस से होने वाले चर्म रोग लम्‍पी को देखते हुए राज्य में पशु मेलों के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्‍य में लम्‍पी वायरस संक्रमण से अब तक 12,800 मवेशियों की मौत हो चुकी है।

जयपुर, 11 अगस्त (भाषा) राजस्‍थान सरकार ने मवेशियों में लम्पी वायरस से होने वाले चर्म रोग लम्‍पी को देखते हुए राज्य में पशु मेलों के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्‍य में लम्‍पी वायरस संक्रमण से अब तक 12,800 मवेशियों की मौत हो चुकी है।


आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राज्य में इस रोग के कारण 10 अगस्त तक हुई मवेशियों की कुल मौतों में से सबसे ज्यादा 2,511 मौत गंगानगर जिले में हुई हैं। इसके बाद बाड़मेर में 1,619, जोधपुर में 1,581, बीकानेर में 1,156, जालौर में 1,150 और नागौर जिले में 1,138 मवेशियों की मौत हुई हैं। मरने वाले मवेशियों में अधिकांश गोवंश है।



पशुपालन विभाग के सचिव पीसी किशन ने कहा, "स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। अधिकांश मौत पांच जिलों में हुई हैं और राज्य के अन्य जिलों में स्थिति नियंत्रण में है।"
उन्‍होंने कहा कि सरकारी मशीनरी पूरी ताकत से जुटी है ताकि रोग को जल्‍द से जल्‍द पूरी तरह समाप्त कि‍या जा सके। मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत के साथ साथ राज्‍य की मुख्‍य सचिव उषा शर्मा भी इसको लेकर उच्‍च अधिकारियों के साथ बैठक कर चुकी हैं।


राजस्थान पशुपालन विभाग के अनुसार इस बीमारी से अब तक कुल 2,81,484 पशु प्रभावित हुए हैं और 2,41,685 पशुओं का इलाज किया जा चुका है और 1,04,050 पशु स्वस्थ हो चुके हैं।


एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राज्य में फैली बीमारी को देखते हुए राज्य सरकार ने राजस्थान में पशु मेलों के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया है।


इस बीच राज्य सरकार ने इस रोग से मरने वाले पशुओं के अवशेषों के सुरक्षित निस्तारण के निर्देश जारी किए हैं। निर्देश में कहा गया है कि यह रोग विषाणु जनित अति संक्रामक है इसलि‍ए इस रोग से मरने वाले मवेशियों को खुले में फेंक दिए जाने पर रोग के फैलने की आशंका बहुत अधिक रहती है। ऐसे में मृत पशुओं का वैज्ञानिक पद्धति से निस्तारण बहुत जरूरी है।


इस रोग को देखते हुए राजस्थान सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों के 500 पदों पर जल्द से जल्द भर्ती की मंजूरी दी है। इनमें 200 पशु चिकित्सक और 300 पशुधन सहायक शामिल हैं। राज्‍य सरकार ने आपातकालीन आवश्यक औषधियां खरीदने के लिए संभाग स्तरीय अजमेर, बीकानेर और जोधपुर कार्यालयों को आठ से 12 लाख रुपए और बाकी प्रभावित जिलों को दो से आठ लाख रुपए सहित कुल 140 लाख रुपए की अतिरिक्त राशि आवंटित की है। यह राशि पूर्व में इमरजेंसी बजट में समस्त जिला स्तरीय कार्यालयों तथा बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालयों को आवंटित राशि के अतिरिक्त जारी की गई है।

प्रभावी रोग नियंत्रण के लिए विभिन्न स्तरों पर लगातार बैठकें की जा रही हैं। इसके अलावा प्रभारी मंत्री भी अपने प्रभार वाले जिलों में भ्रमण कर निगरानी रखें हुए है। पशुपालन विभाग मंत्री लाल चंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा संबंधित जिला प्रभारी मंत्रियों को स्थिति पर नजर रखने को कहा गया है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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