सशस्त्र बलों के युवा स्वरूप को मजबूत करेगी अग्निपथ योजना: भिंडर

Edited By PTI News Agency, Updated: 15 Jun, 2022 06:21 PM

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जयपुर, 15 जून (भाषा) सेना की दक्षिण पश्चिम कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर ने बुधवार को कहा कि अग्निपथ योजना के अधीन देशभक्ति से ओतप्रोत युवा चार वर्ष की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में सेवा कर सकेंगे और यह सशस्त्र बलों...

जयपुर, 15 जून (भाषा) सेना की दक्षिण पश्चिम कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर ने बुधवार को कहा कि अग्निपथ योजना के अधीन देशभक्ति से ओतप्रोत युवा चार वर्ष की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में सेवा कर सकेंगे और यह सशस्त्र बलों के युवा स्वरूप को सुदृढ करेगा।

लेफ्टिनेंट जनरल भिंडर यह भी कहा कि रक्षा प्रतिष्ठान अनिवार्य सैन्य कर्तव्य की व्यवस्था पर विचार नहीं रहा है।

लेफ्टिनेंट जनरल भिंडर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अग्निपथ योजना रक्षा मंत्रालय का क्रांतिकारी सुधार है। अग्निपथ योजना के अधीन देशभक्ति से ओतप्रोत युवा चार वर्ष की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में सेवा कर सकेंगे। यह सशस्त्र बलों के युवा स्वरूप को सुदृढ करेगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या रक्षा बल अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण और कर्त्तव्य निर्वहन की संभावना तलाश रहा है तो इसे खारिज करते हुए कहा, ‘‘हम अनिवार्य सैन्य कर्त्तव्य की प्रणाली नहीं देख रहे हैं। हम सशस्त्र बलों के युवा स्वरूप को सुदृढ कर रहे हैं।’’
मंगलवार को घोषित ‘अग्निपथ’ योजना को सशस्त्र बलों के युवा स्वरूप को साकार करने के लिए तैयार किया गया है। यह उन युवाओं को एक अवसर प्रदान करेगा जो सैन्य वर्दी पहनने के इच्छुक हैं।
उन्होंने बताया कि इस योजना में चुने गये युवाओं को 'अग्निवीर' के नाम से जाना जाएगा और उन्हें चार वर्ष की अवधि में मासिक पैकेज और भत्ते दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि इन अग्निवीरों को चार साल की अवधि पूर्ण होने पर पूर्व सैनिक का दर्जा नहीं दिया जायेगा।

उन्होंने बताया कि चार वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर इनमें से 25 प्रतिशत युवाओं को उनके प्रदर्शन के आधार पर समय-समय पर परीक्षण और अन्य मापदंडों के आधार पर रखा जायेगा और वे सेना के नियमित काडर में काम करेंगे। उन्होंने बताया कि जो (25 प्रतिशत) चार साल की अवधि पूरी होने के बाद सेना में नियमित किये जायेंगे उन्हें भूतपूर्व सैनिक का दर्जा मिलेगा।
सैनिक का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके कुछ अग्निवीरों के राष्ट्र विरोधी संगठनों में शामिल होने या सेवा से मुक्त होने के बाद राष्ट्रीय विरोधी कृत्यों में शामिल होने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बात का डर हो सकता है लेकिन नौकरी की कमी के कारण ऐसे संगठनों में शामिल होना प्रमुख कारण बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि जबकि इस मामले (योजना) में युवाओं को कौशल और रोजगार के योग्य बनाया जाता है इसलिए इस तरह के कृत्यों में किसी के शामिल होने की बहुत कम संभावना है। उन्होंने बताया कि भर्ती रैलियां 90 दिनों में शुरू होंगी।


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