जयपुर में पतंगों की बिक्री पर ओमीक्रोन व प्रतिबंधों की मार

Edited By PTI News Agency, Updated: 13 Jan, 2022 02:42 PM

pti rajasthan story

जयपुर, 13 जनवरी (भाषा) राजस्थान की राजधानी जयपुर में जोर शोर से मनाए जाने वाले मकर संक्रांति के पर्व के लिए होने वाली पतंगों की बिक्री पर इस बार कोरोना वायरस और इसके ओमीक्रोन स्वरूप के बढ़ते मामलों तथा सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की मार...

जयपुर, 13 जनवरी (भाषा) राजस्थान की राजधानी जयपुर में जोर शोर से मनाए जाने वाले मकर संक्रांति के पर्व के लिए होने वाली पतंगों की बिक्री पर इस बार कोरोना वायरस और इसके ओमीक्रोन स्वरूप के बढ़ते मामलों तथा सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की मार पड़ रही है। शहर में पतंग, मांझे व डोरी की दुकानें तो सजी हैं लेकिन ग्राहकी नहीं होने से कारोबारी निराश हैं।

उल्लेखनीय है कि जयपुर में मकर संक्रांति पर पतंगबाजी को लेकर विशेष उत्साह रहता है। बड़ी संख्या में लोग, विशेषकर बच्चे व युवा रंग बिरंगी पतंगें उड़ाकर इस त्योहार का आनंद लेते हैं। हालांकि इस बार फिर प्रतिबंधों ने बाजार को प्रभावित किया है। व्यापारियों का कहना है कि कोविड महामारी व उसके बाद के प्रतिबंधों के कारण बिक्री लगभग 30-40 प्रतिशत कम है।

हांडीपुरा के एक पतंग विक्रेता उस्मान खान ने पीटीआई-भाषा को बताया, "लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है, लेकिन कोविड-19 के डर और सरकारी प्रतिबंधों ने निश्चित रूप से इस साल पतंग कारोबार को प्रभावित किया है।"
हांडीपुरा और हल्दीयों का रास्ता राज्य की राजधानी के दो प्रमुख पतंग बाजार हैं। खान ने कहा “हर साल, मकर संक्रांति से पहले खूब ग्राहक आते थे। लेकिन, इस साल, संख्या काफी कम है। त्योहार से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।’’ बृहस्तिवार को लोहड़ी है जबकि शुक्रवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी।

हांडीपुरा में लगभग 200 नियमित दुकानें हैं और पतंग, मांझा, चरखी और स्काई लालटेन बेचने वाले कई अस्थायी स्टॉल हैं। उत्तर प्रदेश के बरेली के कुछ व्यापारी भी व्यापार के लिए हर साल हांडीपुरा आते हैं। बरेली की पतंगें व मांझाा अपनी गुणवत्ता के लिए लोकप्रिय हैं। आमतौर पर त्योहार से एक सप्ताह पहले बिक्री शुरू हो जाती है और यह 12-13 जनवरी को चरम पर रहती है।
खान ने कहा, "आम तौर पर, हम 14 जनवरी तक लगभग पूरा स्टॉक खत्म कर देते हैं, लेकिन इस साल ऐसा लगता है कि हमारे पास काफी स्टॉक रह जाएगा।"

चार दशकों से राजनेताओं और मशहूर हस्तियों के चेहरों के साथ मानव आकार की पतंगों का निर्माण करने वाले अब्दुल गफूर ने कहा कि इस साल बाजार में ग्राहकी कम है। उन्होंने कहा,'‘आमतौर पर, बाजार देर तक खुला रहता है। इस साल, हमें सरकार के दिशानिर्देशों के कारण दुकानें रात आठ बजे तक ही खुलेंगी।'’
एक अनुमान के अनुसार, हांडीपुरा में महिलाओं सहित लगभग 2,000 लोग पतंग बनाने में लगे हुए हैं। विभिन्न कारणों से पतंगों और मांझा की कीमतों में भी उछाल आया है जहां आम पतंग 2-10 रुपये में उपलब्ध हैं, मांझा की कीमत 300 रुपये से 800 रुपये प्रति चरखी है।

पतंग बेचने वाले कय्यूम ने कहा, "डिजिटल युग में भी पतंगबाजी बच्चों की पसंदीदा गतिविधि बनी हुई है, लेकिन परिस्थितियों ने हमारे व्यवसाय को प्रभावित किया है।

इस बीच जयपुर जिला जिला कलक्टर अंतर सिंह नेहरा ने जयपुर जिले में समस्त राजस्व सीमाओं में 31 जनवरी 2022 तक प्रातः 6 से 8 बजे एवं सांय 5 से 7 बजे तक पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है।

उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘पक्षियों की सुरक्षा को देखते हुए सुबह दो घंटे और शाम को दो घंटे पतंग उड़ाने पर रोक लगा दी गई है। इन चार घंटों के दौरान पक्षी ज्यादातर उड़ते हैं और पतंग के तार के कारण उनके घायल होने की संभावना अधिक होती है।’’
नेहरा ने यह भी कहा कि चीनी मांझा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्लास्टिक के तार वाले इस मांझे से मनुष्यों और पक्षियों को गंभीर चोट लग सकती है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!