Edited By PTI News Agency, Updated: 20 Oct, 2021 08:35 PM
जयपुर, 20 अक्टूबर (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बेमौसम बरसात से फसलों को हुए नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए किसानों को राहत देने के लिए तुरंत प्रभाव से विशेष...
जयपुर, 20 अक्टूबर (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बेमौसम बरसात से फसलों को हुए नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए किसानों को राहत देने के लिए तुरंत प्रभाव से विशेष गिरदावरी कराने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि जिला कलेक्टर फसलों को हुए नुकसान का जल्द आकलन कराएं, ताकि उसके आधार पर प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जा सके।
गहलोत ने फसलों के नुकसान को लेकर बुधवार को समीक्षा बैठक में प्रदेश में डीएपी खाद की उपलब्धता एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवजा वितरण की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दलहन और तिलहन फसलों में डीएपी के विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) के उपयोग को बढ़ावा देगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में एसएसपी की पर्याप्त उपलब्धता है और स्थानीय स्तर पर इस उर्वरक का उत्पादन भी हो रहा है। ऐसे में जिला कृषि अधिकारी किसानों के बीच जाकर उन्हें डीएपी के वैकल्पिक उर्वरक के रूप में इसके उपयोग को अपनाने की सलाह दें।
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने जिला कलेक्टरों को भी डीएपी के समुचित वितरण के संबंध में निगरानी के निर्देश दिए।
प्रमुख शासन सचिव राजस्व, आपदा प्रबंधन एवं सहायता आनंद कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर विशेष गिरदावरी के संबंध में विभाग की ओर से जिला कलेक्टरों को शीघ्र ही आदेश जारी किए जा रहे हैं।
बैठक में कृषि विभाग द्वारा बताया गया कि 16 से 18 अक्टूबर के दौरान राज्य के कई जिलों में बेमौसम बरसात से खरीफ की सोयाबीन, धान, मूंग, बाजरा एवं उड़द की फसलों को नुकसान पहुंचने की सूचना है।
इसी प्रकार जिन खेतों में रबी की सरसों एवं चने की बुआई हो गई थी, उनमें भी बीज नष्ट होने के कारण किसानों को दुबारा बुआई करनी पड़ेगी। विशेषकर पूर्वी राजस्थान के कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, अलवर, टोंक, दौसा आदि जिलों में फसलों में नुकसान की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है।
कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि इस साल जुलाई में हुई अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान की मुख्यमंत्री के निर्देश पर विशेष गिरदावरी कराई गई थी। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर 7 जिलों-बारां, बूंदी, धौलपुर, झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर एवं टोंक के 3704 गांवों में 6 लाख 79 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत एवं इससे अधिक खराबी का आकलन किया गया है।
इसके आधार पर करीब 12 लाख 11 हजार प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान वितरित किए जाने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। इसके तहत अधिकतम 2 हेक्टेयर तक के मुआवजे का प्रावधान है।
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