Edited By PTI News Agency, Updated: 09 Sep, 2021 09:59 PM
जयपुर, नौ सितंबर (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र का कहना है कि राज्यपाल का पद आराम करने का नहीं बल्कि निरंतर काम करने का है। उन्होंने कहा कि संविधान का पालन सभी के लिए जरूरी है और अगर इसका कहीं किसी स्तर पर अतिक्रमण हो रहा हो तो उसे...
जयपुर, नौ सितंबर (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र का कहना है कि राज्यपाल का पद आराम करने का नहीं बल्कि निरंतर काम करने का है। उन्होंने कहा कि संविधान का पालन सभी के लिए जरूरी है और अगर इसका कहीं किसी स्तर पर अतिक्रमण हो रहा हो तो उसे रोकने का कार्य राज्यपाल के पद पर आसीन व्यक्ति का होता है।
उन्होंने संविधान को लोकतंत्र का प्राण और मार्गदर्शक बताते हुए अपने दो वर्षों के कार्यकाल में लोगों से मिली आत्मीयता का भी स्मरण किया। मिश्र बृहस्पतिवार को राजभवन में आयोजित ‘सर्वांगीण विकास की नई राह- प्रतिबद्धता के दो वर्ष’ पुस्तक के लोकार्पण समारोह में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि लोगों को पता चलना चाहिए कि राज्य के प्रथम नागरिक के रूप में राज्यपाल कैसे कार्य करता है, इसीलिए उन्होंने राजभवन को निरंतर सकारात्मक गतिशील बनाए रखा। प्रतिदिन लोगों को मिलने का समय दिया। राजभवन के द्वार ऐसे लागों के लिए भी खोले जो पहले यहां प्रवेश नहीं पा सकते थे।
मिश्र ने कहा कि जनकल्याण की दृष्टि से देश में संवैधानिक व्यवस्थाओं का निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक कर्त्तव्यों के साथ जन हित से जुड़ी प्रक्रियाओं को प्राथमिकता देते दो वर्षां में निरंतर यह प्रयास रहा है कि राजस्थान का प्रभावी एवं चहुंमुखी विकास हो।
उन्होंने कहा कि सभी नागरिक संविधान की मूल भावना और अपने मौलिक कर्तव्यों के लिए जागरुक बनें, इस दिशा में विधानसभा में बजट अभिभाषण से पहले संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाकर देश में नवीन परिपाटी की स्थापना हुई।
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