राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर पार्टी नेताओं में कोई विरोधाभास नहीं है : माकन

Edited By PTI News Agency, Updated: 25 Jul, 2021 04:05 PM

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जयपुर, 25 जुलाई (भाषा) अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने रविवार को कहा कि राजस्थान में मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर पार्टी नेताओं के बीच कोई विरोधाभास नहीं है और उन्होंने मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर...

जयपुर, 25 जुलाई (भाषा) अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने रविवार को कहा कि राजस्थान में मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर पार्टी नेताओं के बीच कोई विरोधाभास नहीं है और उन्होंने मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर पार्टी आलाकमान के फैसले पर भरोसा जताया है।

जयपुर में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक के बाद माकन ने कहा कि सभी नेताओं ने सर्वसम्मति से मंत्रिमंडल फेरबदल का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है। हालांकि उन्होंने मंत्रिमडल विस्तार की तारीख का खुलासा नहीं किया।

माकन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैं कह सकता हूं कि पार्टी नेताओं में कोई विरोधाभास नहीं है और सभी ने मंत्रिमंडल विस्तार का अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है।’’
जयपुर पहुंचे अजय माकन और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने रविवार सुबह प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठक की।

माकन ने कहा कि यह एक अनौपचारिक बैठक थी जिसमें महंगाई, पेगासस जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ देश की जनता मंहगाई से त्रस्त है, कोरोना महामारी के दौरान लोगों के काम धंधे बंद हो गये, केन्द्र सरकार लोगों पर पैसा खर्च करने की जगह जासूसी पर पैसा खर्च कर रही है... और जासूसी भी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों, पत्रकारों और हमारे नेता जो प्रमुख तौर पर विपक्ष की आवाज उठाते है राहुल गांधी की गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में कभी भी ऐसा नहीं होता कि प्रमुख विपक्षी पार्टी के नेताओं के फोन टैप किये जा रहे है, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के फोन को टैप किया जा रहा है, पत्रकारों के फोन टैप किये जा रहे है.. तो किस प्रकार से हमारे देश का शासन चल रहा है, यह वक्त बताता है और कैसे केन्द्र सरकार संसाधनों को इन पर खर्च कर रही है जबकि इन्हें देश की जनता को देने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल की चर्चा, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की चर्चा, बोर्ड, निगमों में नियुक्तियों के बारे में चर्चा हम सभी से कर रहे है.. मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं कि सब लोगों ने एक स्वर में यह कहा है कि केन्द्रीय आलाकमान जो तय करेगा वह हम लोगों को मंजूर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम लोग बहुत जल्द इन चीजों पर अंतिम फैसला करेंगे क्योंकि अब हम लोगों को किसी भी प्रकार से विरोधाभास नजर नहीं आता और सभी लोग इस संबंध में एक मत है।‘‘
अपनी पुत्रवधू के भाई और बहन के लिये आरएएस 2018 परीक्षा की साक्षात्कार प्रक्रिया को प्रभावित करने के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर माकन ने कहा, ‘‘ यह आश्चर्य की बात है कि डोटासरा के बेटे और उनकी पुत्रवधू दोनों का साक्षात्कार उस समय हुआ जब भाजपा का शासन था और उन्होंने बेहतरीन अंक पाये तो क्या भाजपा के शासन के खिलाफ आरोप लगाये जा रहे है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सिर्फ इसलिये उन पर आरोप लगा रही है क्योंकि डोटासरा आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम और भाजपा के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है।’’
माकन ने कहा, ‘‘ भाजपा के मंसूबें कभी भी हम लोग कामयाब नहीं होने देंगे और हमारे नेताओं पर उल्टा सीधा आरोप प्रत्यारोप लगाना बंद किया जाये... यह हम लोग भाजपा के लोगों को कहना चाहते है और चेतावनी देना चाहते है।’’
उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एक निजी कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ कमीशन को लेकर बातचीत के एक कथित वीडियो प्रकरण मामले में जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है उनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम का नाम भी शामिल है।

हाल में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि कांग्रेस सरकार आरएसएस नेता निम्बाराम का ‘‘इलाज’’ करेगी जिनका नाम भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज प्राथमिकी में है।

उन्होंने बताया कि पार्टी के जिला एवं ब्लाक अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर प्रत्येक विधायक से मंत्रणा करने लिये वह 28 और 29 जुलाई को पुन: जयपुर आयेंगे। उन्होंने कहा कि सभी ने केन्द्रीय नेतृत्व पर विश्वास जताया है।

पार्टी आलाकमान का संदेश लेकर शनिवार रात जयपुर पहुंचे पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ लंबी चर्चा की थी। लगभग ढाई घंटे तक चली इस बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल तथा राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर विचार-विमर्श किया गया था।

कांग्रेस की पंजाब इकाई का विवाद सुलझने के बाद अब राजस्थान में पार्टी के भीतर लंबे समय से चले रहे टकराव को जल्द खत्म करने के प्रयास तेज हो गए हैं।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पंजाब के मसले के समाधान के बाद अब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और राहुल गांधी का पूरा ध्यान राजस्थान पर है और पार्टी आलाकमान की ओर से माकन से कहा गया है कि राजस्थान के सियासी मसले का समाधान जुलाई में ही हो जाना चाहिए।

तीन दिन पूर्व कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने संकेत दिया था कि पार्टी उनके द्वारा उठाये गए मुद्दों के समाधान के लिये जल्द ही उपयुक्त कदम उठायेगी। उन्होंने कहा था कि वह अपने द्वारा उठाये गये मुद्दों पर पार्टी आलाकमान के सम्पर्क में है और उम्मीद है कि जल्द ही आवश्यक कदम उठाये जायेंगे।

गौरतलब है कि राजस्थान में पिछले साल एक महीने के लंबे राजनीतिक संकट के बाद गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट को पिछले साल जुलाई में उपमुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था। इसके बाद उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों को देखने के लिये तीन सदस्यीय समिति बनाने की घोषणा की गई थी।


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