Edited By Raunak Pareek, Updated: 30 Jul, 2025 01:26 PM

75वें जन्मदिवस पर पद्म भूषण पं. विश्व मोहन भट्ट ने जयपुर में राग श्याम-कल्याण की मोहक प्रस्तुति से विश्व-कल्याण की कामना की। उनके साथ अभिषेक मिश्रा व हिमांशु महंत ने तबले से संगत की, वहीं विदुषी अमिता बेन ने सितार वादन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
ग्रैमी अवार्ड विजेता और पद्म भूषण सम्मानित तंत्री सम्राट पंडित विश्व मोहन भट्ट ने अपने 75वें जन्मदिवस के अवसर पर जयपुर के होटल क्लार्क आमेर के बीरेन्द्र महल हॉल में राग श्याम-कल्याण की भावपूर्ण प्रस्तुति देकर विश्व-कल्याण की कामना की। इस खास अवसर पर पंडित भट्ट ने अपनी विश्वविख्यात मोहन वीणा के जरिए राग श्याम-कल्याण में आलाप, जोड़, विलंबित गत, मध्य लय और द्रुत गति की गतों से ऐसा श्रृंगार रचा कि समूचा वातावरण आध्यात्मिक अनुभूति से भर गया। उनका वादन न केवल तकनीकी दृष्टि से विलक्षण था, बल्कि उसकी आत्मा में शांति, समृद्धि और मानवीय कल्याण की प्रार्थना भी झलक रही थी।
कार्यक्रम में बनारस घराने के प्रसिद्ध तबला वादक पंडित अभिषेक मिश्रा ने अपनी सधी हुई संगत से प्रस्तुति को और भी प्रभावशाली बना दिया। प्रस्तुति के दूसरे भाग में पंडित भट्ट ने लोकप्रिय राजस्थानी धुन "केसरिया बालम", पहाड़ी राग आधारित एक सुंदर धुन, और राग यमन पर आधारित विश्व संगीत की रचना ‘Tranquility’ प्रस्तुत की। इसके बाद उन्होंने "हेलो म्हारो सुनो" को तीव्र गति से बजा कर कार्यक्रम को ऊर्जा और आध्यात्मिकता से भर दिया। इन सभी रचनाओं में तबला संगत पंडित हिमांशु महंत ने दी।
कार्यक्रम की शुरुआत पंडित भट्ट की वरिष्ठ शिष्या, विदुषी अमिता बेन, के अद्भुत सितार वादन से हुई। उन्होंने राग अमृत वर्षिनी पर आधारित रचना को कहरवा ताल में प्रस्तुत कर श्रोताओं को आनंदित किया। उनके प्रस्तुति की खास बात रही एक विश्व संगीत की धुन, जिसने कार्यक्रम में आधुनिकता का स्पर्श भी जोड़ा। दोनों दिन के सांगीतिक आयोजनों का संचालन स्वयं तंत्री सम्राट पंडित सलिल भट्ट ने उत्साह और गरिमा के साथ किया।