Edited By Afjal Khan, Updated: 09 Oct, 2023 02:04 PM

पाली, नेहड़ा बांध में पाली की औद्योगिक इकाइयों का प्रदूषित पानी छोड़ने के आरोप लगाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता दीपक बामनिया द्वारा अनशन किया जा रहा है। इस अनशन में क्षेत्र के किसान भी शामिल है, जिन्होंने रविवार को नेहड़ा बांध में उतरकर विरोध प्रदर्शन भी...
पाली नेहड़ा बांध में पाली की औद्योगिक इकाइयों का प्रदूषित पानी छोड़ने के आरोप लगाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता दीपक बामनिया द्वारा अनशन किया जा रहा है। इस अनशन में क्षेत्र के किसान भी शामिल है, जिन्होंने रविवार को नेहड़ा बांध में उतरकर विरोध प्रदर्शन भी किया है। इन आरोपों से आहत सैकडों की तादात में उद्यमी बांगड़ स्कूल में एकत्र हुए और कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां इन उद्यमियों ने पाली एसडीएम से मुलाकात की। एसडीएम को सीईटीपी अध्यक्ष अनिल गुलेच्छा, सचिव अरुण जैन एवं टेक्सटाइल हेड प्रोसेसर एसोसिएशन अध्यक्ष विनय बम्ब ने बताया कि पाली की औद्योगिक इकाइयों में संचालित व्यवसायिक गतिविधियों से शहर में अथवा आसपास किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैल रहा है, और ना ही फैक्ट्री के प्रदूषित पानी को बांडी नदी में छोड़ा जा रहा है। हकीकत यह है कि सीईटीपी की यूनिट संख्या 6 को जेड एल डी में अपग्रेड किए जाने के बाद से यहां उपचारित किए गए पानी का उद्योगों में ही पुनः प्रयोग किया जा रहा है, जबकि यूनिट संख्या 4 को भी अपग्रेड किया जा चुका है , और तो और सिटी सीवरेज के पानी को भी औद्योगिक इकाइयों में उपयोग किया जा रहा है। इन परस्थितियों में कपड़ा इकाइयों पर प्रदूषण फैलाने के लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। उधमियों के प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा मॉनिटरिंग के लिए कपड़ा फैक्ट्री में स्काडा सिस्टम लगा हुआ है । प्रदूषण नहीं फैलाने के उपरांत भी पहले औद्योगिक इकाइयों पर प्रदूषण फैलाने के आरोप लगाए जा रहे हैं, एक बूंद पानी भी नदी में नहीं बहाने के बावजूद उद्योग जगत पर जो यह आरोप लगाए जा रहे हैं इससे वह आहत हैं इसलिए पाली का उद्योग जगत इन मनगढ़ंत आरोपों की जांच की मांग करता है।