भारत के लिए बड़ी उपलब्धि:निम्स विश्वविद्यालय राजस्थान के फाउंडर प्रो. बलवीर एस.तोमर बने "वर्ल्ड हेल्थ समिट" के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष

Edited By Afjal Khan, Updated: 27 Feb, 2024 05:15 PM

pro balveer s tomar becomes international president of world health summit

भारत के शैक्षणिक और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी में निम्स विश्वविद्यालय राजस्थान के संस्थापक प्रो.डॉ.बलवीर एस.तोमर को वर्ल्ड हेल्थ समिट के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति न केवल प्रो.तोमर के...

जयपुर,27 फरवरी 2024 । भारत के शैक्षणिक और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी  में निम्स  विश्वविद्यालय राजस्थान के संस्थापक प्रो.डॉ.बलवीर एस.तोमर को वर्ल्ड हेल्थ समिट के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति न केवल प्रो.तोमर के असाधारण नेतृत्व और योगदान को मान्यता देती है, बल्कि निम्स विश्वविद्यालय और पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी है। यह पहली बार है जब कोई भारतीय वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के वैश्विक सम्मेलन में एक अध्यक्ष के रूप में प्रतिनिधित्व करेगा । समिट के मुख्य संरक्षक जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयसस हैं। 
 
वर्ल्ड हेल्थ समिट वैश्विक स्वास्थ्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच है। यह दुनियाभर से राजनीति,विज्ञान,निजी क्षेत्र को एक साथ लाता है ताकि सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य और विकास को प्रेरित करके स्वस्थ भविष्य का एजेंडा तय किया जा सके। यह वैश्विक स्वास्थ्य को एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दे के रूप में बढ़ावा देता है और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों की भावना में वैश्विक स्वास्थ्य बहस को बढ़ावा देता है । अपने  दूरदर्शी नेतृत्व और स्वास्थ्य देखभाल शिक्षा और प्रशासन के क्षेत्र में व्यापक अनुभव के साथ, प्रो. तोमर सम्मेलन को सफलता और प्रभाव की नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने के लिए तैयार हैं। वर्ल्ड हेल्थ समिट 13 से 15 अक्टूबर 2024 को बर्लिन, जर्मनी में आयोजित की जाएगी । निम्स विश्वविद्यालय ने एम 8 एलायंस (जो की अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विश्वविद्यालयों का एक ऐसा समूह हैं  जो हर वर्ष जर्मनी में “वर्ल्ड हेल्थ समिट” आयोजित करता है) की सदस्यता हासिल की है । 
  
वैश्विक मंच ने हाल ही में भारत के विकास के दृष्टिकोण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की भारत में कोविड-19 के प्रबंधन व वैक्सीन मैत्री के लिए उनकी व्यापक रणनीति, बिस्तरों, आवश्यक दवाओं और एन-95 मास्क, पीपीई किट और ऑक्सीजन आपूर्ति को मजबूत करने के साथ-साथ बेहतरीन स्वास्थ्य प्रणाली की सराहना की । 79-सदस्यीय अफ्रीकी, कैरेबियाई, प्रशांत समूह और 15 सदस्यीय कैरेबियन समुदाय ने जरूरतमंद लोगों को वैक्सीन आपूर्ति की सुविधा के लिए डब्ल्यूटीओ में भारत की प्रशंसा की । भारत ने 'वैक्सीन मैत्री' पहल के तहत 35 देशों और संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य कर्मियों को 36.37 मिलियन वैक्सीन खुराक की आपूर्ति की है । प्रो.तोमर ने विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन 2025 के लिए मेजबान देश के रूप में भारत के चयन पर प्रसन्नता व्यक्त की और ज्ञान, विज्ञान और विकासात्मक पहलुओं में देश की विशेषज्ञता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह निर्णय न केवल अत्यंत गर्व का विषय है बल्कि एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी है। विजन 2047 के अनुरूप, प्रो. तोमर ने हरित विकास और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया । उन्होंने रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता बढ़ाने, भारत के वैश्विक कद को बढ़ाने, नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ावा देने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की योजनाएं व्यक्त की ।

विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन 2025 की तैयारी शुरू होने के साथ ही भारत के पास साझेदारी को बढ़ावा देने, ज्ञान साझा करने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्रवाई करने की अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने का अवसर है। यह हेल्थ समिट शोधकर्ताओं के प्रतिनिधियों के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने का प्रदर्शन करने और एक स्वस्थ भविष्य के लिए एक पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा। इस दृष्टिकोण के केंद्र में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पहचान का संरक्षण है, साथ ही जलवायु परिवर्तन जैसी गंभीर वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और विश्व मंच पर शांति और सहयोग को बढ़ावा देने के सक्रिय प्रयास भी शामिल होंगे । वर्ष 2023 में निम्स यूनिवर्सिटी राजस्थान ‘विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन’ की कार्यकारी संस्था- एम 8 अलायन्स की सदस्य सूची में शामिल हुआ था और यह दुनिया के उन विशिष्ट 31 चिकित्सा केंद्रों और संस्थानों में से एक है, जो एम 8 एलायंस के भीतर सदस्यता रखते हैं। ज्ञात रहे कि “इंटर अकैडमी पार्टनरशिप” जो की 100 से अधिक देशों की राष्ट्रीय मेडिसिन एकेडमी का प्रतिनिधित्व करती हैं । 
 
वहीं एम 8 एलायंस, प्रतिष्ठित संस्थानों का एक समूह हैं, जो एक थिंक टैंक के रूप में विश्व में स्वास्थ्य और शिक्षा नीति में महत्वपूर्ण मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए समर्पित है । हर वर्ष यह अलायन्स विश्व स्वास्थय संगठन, जिनेवा एवं अन्य कई स्वास्थ्य के प्रति “विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन” जर्मनी में आयोजित करता हैं । समग्र शैक्षणिक उत्कृष्टता और अपने देश में संस्थान की उच्चतम गुणवत्ता, वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में विशेषज्ञता, इन्क्लुसिवनेस इत्यादि; M8 एलायंस संस्थान की उन पैरामीटर में से हैं, जो शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सामाजिक विकास में सुधार के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। 

प्रो.डॉ. बी.एस. तोमर क बारे में …
प्रो.डॉ. बी.एस. तोमर अपने बहुमुखी व्यक्तित्व के लिए न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र में एक प्रसिद्ध नाम हैं । एक विश्व प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ, निम्स विश्वविद्यालय, निम्स अस्पताल और निफ्लक्स ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक हैं और प्रो. तोमर को राजीव गांधी पुरस्कार से बाल चिकित्सा और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए भी सम्मानित किया गया है । उनकी असाधारण कार्य नीति, गहरी अंतर्दृष्टि और असाधारण प्रतिभा उन्हें एक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक अलग  व्यक्ति बनाती है, डॉ. तोमर ने स्वास्थ्य देखभाल के लिए पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के संयोजन के लिए देश-विदेश में काम किया । उन्होंने राजस्थान के सवाई मान सिंह अस्पताल से अपने करियर की शुरुआत की। डॉ. तोमर ने परिवार कल्याण मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के आयुष विभाग के साथ मिलकर "आधुनिक चिकित्सा में भारतीय औषधीय प्रणालियों का एकीकरण" शीर्षक से एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की । साथ ही डॉ. तोमर को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा गया है। उन्होंने मार्च 2016 में चीन में "बाल और बाल चिकित्सा स्वास्थ्य (सीआईपी) की सहमति" के एक वैश्विक सम्मेलन के दौरान विश्व स्तर पर स्वास्थ्य और चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा के लिए एक बेहतर रणनीति के रूप में पूरे देश में पारंपरिक व्यक्तिगत चिकित्सा को एकीकृत करने का सुझाव दिया। वह इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्गन ट्रांसप्लांट, पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी के निदेशक के साथ-साथ सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, ट्रांसप्लांट और न्यूट्रिशन के अध्यक्ष के पद पर हैं ।
 

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