Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ में राजस्‍थान के बाबा का 'हठ योग' !

Edited By Rahul yadav, Updated: 07 Jan, 2025 06:20 PM

prayagraj mahakumbh 2025  hatha yoga  of baba of rajasthan in mahakumbh

प्रयागराज महाकुंभ में नागा साधु प्रमोद गिरी अपनी अद्वितीय तपस्या के लिए चर्चा में हैं। कड़ाके की ठंड में वह सुबह 4 बजे 61 घड़ों के ठंडे पानी से स्नान करते हैं। यह अनुष्ठान उनकी हठ योग साधना का हिस्सा है, जिसे देखकर लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं। इस...

प्रयागराज महाकुंभ में साधु प्रमोद गिरी की हठ योग साधना

प्रयागराज महाकुंभ में नागा साधु प्रमोद गिरी अपनी अद्वितीय तपस्या के लिए चर्चा में हैं। कड़ाके की ठंड में वह सुबह 4 बजे 61 घड़ों के ठंडे पानी से स्नान करते हैं। यह अनुष्ठान उनकी हठ योग साधना का हिस्सा है, जिसे देखकर लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं। इस प्रक्रिया में वह बैठ जाते हैं और अन्य साधु घड़ों से उनके ऊपर पानी डालते हैं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। प्रमोद गिरी कहते हैं, "हम नागा साधु हैं। तपस्या करना हमारी परंपरा है, जो हमारे गुरुकुलों में युगों से चली आ रही है। हम उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।"

21 दिनों तक चलेगा हठ योग अनुष्ठान

प्रमोद गिरी ने बताया कि घड़ों से स्नान की यह परंपरा सामान्यतः 41 दिनों तक चलती है, लेकिन महाकुंभ में समय और स्थान की कमी के कारण इसे घटाकर 21 दिन कर दिया गया है। इस परंपरा की शुरुआत 51 घड़ों से होती है। हर रात पानी से घड़े भरकर रखे जाते हैं और सुबह सभी साधु उनके ऊपर जल डालते हैं। इसे वह 'जलाभिषेक' का नाम देते हैं।

घड़ों की संख्या बढ़ती जाती है

प्रत्येक दिन घड़ों की संख्या बढ़ाई जाती है। प्रमोद गिरी ने बताया, "आज 61 घड़ों से स्नान किया गया। 21 दिनों के अंत तक यह संख्या 108 घड़ों तक पहुंच जाएगी। यह अनुष्ठान लोक कल्याण और जन कल्याण के लिए किया जाता है। हम इस परंपरा को भविष्य में भी जारी रखेंगे।"

गुरु परंपरा का पालन

उन्होंने बताया कि उनके गुरु बाबा जी की समाधि 65 साल पुरानी है और राजस्थान में उनकी ख्याति है। पहले बड़े-बड़े बाल्टों में पानी भरकर स्नान किया जाता था, जिसे गांव के लोग और उनके परिवारजन सहयोग से पूरा करते थे। प्रमोद गिरी ने कहा, "हम संन्यासियों की गुरु परंपरा है, जिसे हम श्रद्धा से निभाते हैं।"

"एक हाथ में माला, दूसरे में भाला"

प्रमोद गिरी ने बताया कि उनकी तपस्या का कोई स्वार्थ नहीं है। यह सब लोक कल्याण के लिए किया जाता है। इतिहास की बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुगलों के समय नागा साधुओं ने युद्ध भी किया था। "हमारे एक हाथ में माला और दूसरे में भाला रहता है। जरूरत पड़ने पर भाला उठाने में भी हम सक्षम हैं।"

शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाएंगे

प्रमोद गिरी ने बताया कि उनके बाद उनका शिष्य दीपक गिरी इस परंपरा को आगे बढ़ाएगा। दीपक गिरी राजस्थान में रहते हैं और जलधारा की परंपरा निभाते हैं। उनके एक अन्य शिष्य बाबा गौतम गिरी हरियाणा में जलधारा करते हैं।

महाकुंभ का शाही स्नान

प्रमोद गिरी ने कहा कि इस बार कुंभ के दौरान यह परंपरा केवल वही निभा रहे हैं। 14 जनवरी को पहले शाही स्नान की तैयारी है। उस दिन उनके लिए तपस्या सबसे कठिन होगी क्योंकि पहले जलधारा करेंगे और फिर शाही स्नान करेंगे।

यह परंपरा नागा साधुओं की तप और गुरु-शिष्य परंपरा को दर्शाती है, जो भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर है।

Trending Topics

IPL
Kolkata Knight Riders

Gujarat Titans

198/3

20.0

Gujarat Titans are 198 for 3

RR 9.90
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!