Edited By Chandra Prakash, Updated: 09 Feb, 2025 02:39 PM
![opposition on backfoot due to preparation of the chief](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_14_38_454322142thum-ll.jpg)
विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सरकार के मुखिया ने जिस अंदाज में सदन में भाषण दिया उससे विपक्ष की सारी रणनीति तार-तार हो गई है। अब तक विपक्ष सरकार के मुखिया को अनुभवहीन सिद्ध करने की कोशिश में लगा हुआ था। विपक्ष के...
हनुमानगढ़, 9 फरवरी 2025 (बालकृष्ण थरेजा) । विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सरकार के मुखिया ने जिस अंदाज में सदन में भाषण दिया उससे विपक्ष की सारी रणनीति तार-तार हो गई है। अब तक विपक्ष सरकार के मुखिया को अनुभवहीन सिद्ध करने की कोशिश में लगा हुआ था। विपक्ष के खेमे का नेतृत्व कर रहे नेता प्रतिपक्ष और विपक्षी पार्टी के संगठन मुखिया लगातार सदन में धमाकेदार भाषण देकर सरकार को घेर रहे थे। पूर्ववर्ती सरकार के वक्त नए बने जिलों को रद्द करने, पेपर लीक और सरकार के ही खेती-बाड़ी वाले महकमे के मंत्री के नाराज होने के मुद्दों को विपक्ष में पूरी तैयारी के साथ उठाया था। इसके बाद सरकार के मुखिया ने सदन में लंबा भाषण दिया और विपक्ष के सवालों का एक-एक कर जवाब दिया। उन्होंने विपक्षी पार्टी की संगठन मुखिया पर तीखा हमला किया और एक तरह से नेता प्रतिपक्ष को नसीहत दे डाली। विपक्षी खेमे के विधायक भी सरकार को घेरते आए हैं और विपक्ष को पूरा कॉन्फीडेंस था कि वह सरकार को सदन में खूब घेरेगा क्योंकि मुखिया नए हैं और उनकी तैयारी भी इतनी अच्छी नहीं होती। इसके विपरीत सरकार के मुखिया ने पूरी तैयारी के साथ भाषण दिया और अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी। उनकी बॉडी लैंग्वेज और भाषण देने का अंदाज कॉन्फिडेंस वाला दिखा। कई राजनीतिक प्रेक्षक भी इसमें उनकी मैच्योरिटी का आंकलन कर रहे हैं। बहरहाल विपक्ष को नई रणनीति बनानी होगी।
युवा नेता के पक्ष में फिर बयानबाजी
प्रदेश में विपक्ष वाली पार्टी को सत्ता से बाहर हुए सवा साल के करीब हो गया है। देश में भी पार्टी लगातार कमजोर होती जा रही है इसके विपरीत प्रदेश में अगले चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करने के दावेदारों की होड़ मची हुई है। अपनी सरकार के वक्त सीएम इन वेटिंग रहे पार्टी के युवा नेता के समर्थक कोई न कोई बयान देखकर उन्हें पार्टी का चेहरा बनाने की मांग कर डालते हैं। पिछले दिनों जिला मुख्यालय पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान युवा नेता के कट्टर समर्थक जिले के एक युवा विधायक ने कहा कि जब युवा नेता सीएम बनेंगे तो वह इलाके में डैम बनवा देंगे। अब गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र के एक नेता ने सत्ताधारी पार्टी के मंत्री को धमकाते हुए कहा कि हमारा नेता अगले चुनाव में सीएम बन जाएगा। चुनाव में अभी लंबा वक्त पड़ा है और युवा नेता फिलहाल किसी अन्य राज्य में पार्टी का प्रभार संभाल रहे हैं। प्रदेश में एक दमदार पार्टी प्रधान काम कर रहे हैं और पूर्व मुखिया भी लगातार सक्रिय हैं । पूर्व मुखिया साइडलाईन होने वाले नेताओं में से नहीं हैं इस बात का डर युवा नेता के समर्थकों को बना हुआ है इसलिए युवा नेता के समर्थक बयान देकर माहौल बनाने की कोशिश करते आए हैं। यहां तक कि सत्ताधारी पार्टी से केंद्र में मंत्री पड़ौसी राज्य के एक गुर्जर नेता ने कहा कि विपक्ष वाली पार्टी को युवा नेता को सीएम न बनाने का नुकसान झेलना पड़ा। राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि यह सब युवा नेता को चुनाव से पहले सूबे में पार्टी का चेहरा बनाने की लॉबिंग के लिए हो रहा है।
पूर्व मुखिया की सियासी सक्रियता
प्रदेश में सत्ता वाली पार्टी में सरकार की पूर्व मुखिया रहीं नेता इन दिनों फिर प्रदेश के दौरे पर हैं । उन्होंने देश की राजधानी में पार्टी के विधानसभा चुनाव जीतने की खुशी प्रदेश पार्टी मुख्यालय में पार्टी प्रधान के साथ मनाई। इसकी तस्वीरें मीडिया की सुर्खियां बनी हैं । इससे पहले भी पूर्व मुखिया मारवाड़ क्षेत्र के दौरे पर जा चुकी हैं । वहां एक कार्यकर्ता ने उनसे सरकार की कमान संभालने का आग्रह किया तो पूर्व मुखिया ने कहा कि यह उनके हाथ में नहीं है और मुस्कुराकर वहां से निकल गई। पूर्व मुखिया की सक्रियता से राजनीतिक गलियारों में हलचल है। चर्चा है कि दिल्ली उन्हें कोई नई जिम्मेदारी दे सकती है। विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सरकार के मुखिया ने भी पूर्व मुखिया से उनके बंगले पर जाकर मुलाकात की थी। प्रदेश की सरकार के एक काबिना मंत्री नाराज हैं और विधानसभा सत्र से छुट्टी ले चुके हैं। नहरी क्षेत्र के संभाग मुख्यालय के एक पुराने नेता धरने पर बैठे हैं। पार्टी के कई अन्य नेता भी नाराज बताए जा रहे हैं। इन नेताओं की नाराजगी के बीच पूर्व मुखिया की सक्रियता के कुछ मायने तो निकलते हैं। हो न हो यह जरूर पूर्व मुखिया की सियासी सक्रियता है।